अम्बेडकर नगर: टांडा विकास खण्ड में धौराहरा गांव में विकास के नाम पर भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है. चार माह पहले गांव में हुए इंटरलॉकिंग कार्य पर बजट खारिज करने की फिराक में ब्लॉक प्रशासन ने उसका टेंडर करा दिया और जब शिकायत हुई तो आनन-फानन में इंटरलॉकिंग में लगी ईंटें उखाड़ ले गए.
दरअसल, मामला टांडा विकास खण्ड के धौराहरा गांव का है. बताया जा रहा है कि गांव में सीताराम के घर से भुलई के घर तक तकरीबन चार माह पहले इंटरलॉकिंग का कार्य हुआ था. काम पूरा होने के लगभग तीन माह बाद उस काम का टेंडर निकाला गया. टेंडर प्रकाशित होने के बाद ग्राम ददनापुर निवासी दिनेश वर्मा ने मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत कर अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया.
शिकायत पत्र में आरोप लगाया गया कि सीताराम के घर से भुलई के घर तक इंटरलॉकिंग करने के लिए 4 लाख 80 हजार की निविदा 7 फरवरी को खोली गई, जबकि इस जगह पर चार माह पहले ही इंटरलॉकिंग का कार्य हुआ था. शिकायतकर्ता ने इस तरह का भ्रष्टाचार अन्य गांवों में होने का भी आरोप लगाकर जांच कराए जाने की मांग की है.
मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर हुई शिकायत के बाद इंटरलॉकिंग में लगाई गई ईंटों को ब्लॉक के अधिकारियों की मिलीभगत से ठेकेदार उखाड़ भी ले गए. इस बारे में जब खण्ड विकास अधिकारी शशांक सिंह से बात की गई तो वह जवाब देने से बचते नजर आए. वहीं इस संबंध में सीडीओ घनश्याम मीणा का कहना है कि इस मामले की जांच की जा रही है. यदि अनियमितता पाई जाएगी तो कार्रवाई की जाएगी.