प्रयागराज : कुंभ मेले में पहुंचे विदेशी प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को कुंभ मेले में संगम दर्शन के साथ-साथ यहां पर की गई व्यवस्था को भी परखा. विभिन्न भाषा और संस्कृति के एक साथ होने वाले समागम की व्यवस्था को यहां के अधिकारियों से जानने की कोशिश की. प्रयागराज पहुंचने वाले इस प्रतिनिधिमंडल को भारत की वेषभूषा और संस्कृत बराबर आकर्षित करती रही.
कुंभ मेले में विदेशी प्रतिनिधिमंडल के साथ फ्रांस से आए प्रो विन विन नेचर ने बताया कि हमारे यहां भारतीय भाषाओं का अध्ययन किया जा रहा है, जिसमें कुल 12 भाषाओं के बारे में वहां पर क्लासेस भी चलती हैं. साथ ही साथ आज हम प्रयागराज पहुंचकर अपने आपको बहुत ही गौरवांवित महसूस कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम बेहद खुश हैं कि कुंभ में हमें भी भाग लेने का मौका मिला. उन्होंने कहा कि यहां के लोग, यहां की संस्कृति और यहां की सरकार सब ही बहुत अच्छे हैं. अगर हमें पुनः मौका मिला तो हम फिर से इस तरह के आयोजनों में भाग लेंगे.
तजाकिस्तान से कुंभ में पधारे प्रतिनिधिमंडल दल के सदस्य ने बताया कि प्रयागराज में चल रहा कुंभ मेला अपने आप में एक आश्चर्य है. उन्होंने कहा कि यहां बहुत ही सुंदर व्यवस्था की गई है. मैं बहुत खुश हूं कि आज हम यहां पर मौजूद हैं. कुंभ की आभा और छटा को देखने के लिए प्रतिनिधिमंडल के साथ आए फिनलैंड के सदस्य ने बताया कि यह बहुत ही आश्चर्यजनक स्थान है और यह आयोजन भी अपने आप में इतना आकर्षक है कि इसके लिए शब्द नहीं है और न ही इसे बयां किया जा सकता है.
वहीं डेनमार्क से आए सिलार पिक ने बताया कि भारत के अंदर विभिन्न भाषाओं की संस्कृति और बोली के लोग रहते हैं, जिसका एक साथ समायोजन इस प्रयागराज कुंभ मेले में है. यहां आस्था की इस नगरी में आने के बाद अंतर्मन खुश हो जाता है और धार्मिक रूप से यह स्थान अत्यंत ही महत्वपूर्ण है. यहां पर मानसिक शांति और सुकून मिलता है.