अलीगढ़ : थाना क्वार्सी इलाके के पंडित दीनदयाल उपाध्याय चिकित्सालय से एक बार फिर मानवीय संवेदनाएं तार-तार करने वाली खबर सामने आई है. यहां 23 अप्रैल को अस्पताल में भर्ती राजू नाम के व्यक्ति का शव 11 दिन तक मोर्चरी में ही रखा रहा. राजू का बेटा छोटू अस्पताल गया तो उसे पिता का शव नहीं मिल सका. पड़ोसी की मदद से अस्पताल ने शव दिया. तब जाकर पिता का अंतिम संस्कार को पाया.
बताया जाता है कि थाना सासनी गेट इलाके के खिरनी गेट पुलिस चौकी क्षेत्र में करीब 50 वर्षीय राजू नाम का व्यक्ति अपने नाबालिग छोटू नाम के बेटे के साथ एक किराए के मकान में रहता था. 23 अप्रैल को राजू की तबीयत खराब हुई तो उसे दीनदयाल अस्पताल में भर्ती कराया गया। उसकी उपचार के दौरान मौत हो गई. इसकी जानकारी जब उसके बेटे छोटू को हुई तो वह अस्पताल पहुंचा. लेकिन उसे अपने पिता का शव नहीं मिल सका. मृतक राजू को नाबालिग बेटे छोटू के अलावा परिवार में कोई अन्य सदस्य नहीं है.
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बेटा दो बार अस्पताल पहुंचा
बेटे छोटू ने बताया कि वह दो बार अस्पताल आया. शव ना मिलने के कारण मायूस होकर घर वापस लौट गया. आज 11 दिन बाद अस्पताल स्टाफ को मोर्चरी में रखें मृत राजू के शव की याद आई और उसके डॉक्यूमेंट के आधार पर सासनी गेट पुलिस से संपर्क किया गया. इसके बाद संबंधित थाना इलाके की खिरनी गेट पुलिस चौकी इंचार्ज मृतक के बेटे को लेकर दीनदयाल अस्पताल पहुंची.
यहां से जरूरी पुलिस कार्रवाई करा कर शव मृत व्यक्ति के बेटे को सौंपा गया. उसके साथ पड़ोसी महेश भी पहुंचे. हालांकि स्थानीय लोगों का कहना है कि मृतक के बेटे छोटू की मानसिक हालत कमजोर है. इसके चलते वह किसी से कुछ कह ना सका और पिता के गुजर जाने के बाद एक मंदिर में रहने लगा था.
पड़ोसी ने की मदद
बताया जा रहा है कि छोटू को उसके मकान मालिक ने घर से सामान के साथ निकाल भी दिया था. वहीं, इस पूरे मामले पर अस्पताल के एक कर्मचारी द्वारा फोन पर बताया गया कि राजू को 23 तारीख को भर्ती कराया गया. उसकी उपचार के दौरान मृत्यु हो गई.
उसका शव टैग लगाकर मोर्चरी में रखवा दिया गया था. इसी दौरान अस्पताल में एक मरीज की मृत्यु होने के बाद हंगामा हुआ. इसके चलते डॉक्टर समेत पूरा स्टाफ हड़ताल पर चला गया. इसी दौरान बॉडी पर लगा टैग किसी प्रकार धुल गया. इसके चलते शव की शिनाख्त नहीं हो पा रही थी.
कोरोना मरीज को अस्पताल में छोड़कर भागे, मरने पर अब प्रशासन ने जारी किया नोटिफिकेशन
पंडित दीन दयाल उपाध्याय कोविड अस्पताल में अव्यवस्था का आलम यह है कि कोविड मरीज का कोई रिकार्ड तक नहीं रखा जाता. राजू के शव को बेटे को देने में 11 दिन लग गए तो वहीं 55 वर्षीय व्यक्ति की मौत होने पर अस्पताल प्रशासन के पास उसका कोई रिकार्ड तक नहीं है. अस्पताल प्रशासन का कहना है कि 55 वर्षीय व्यक्ति को कोई भर्ती करने लाया था. भर्ती करने वाला छोड़कर चला गया. स्थिति खराब होने के कारण वार्ड में लाया गया. मंगलवार को व्यक्ति की मौत हो गई. इस व्यक्ति का कोई विवरण अस्पताल प्रशासन के पास नहीं है. व्यक्ति के पास कोई कागज भी नहीं मिला.
शव को मोर्चरी में रखा गया है. वहीं, मृतक को पहचानने के लिए अब व्हाट्सएप और मीडिया पर फोटो प्रचारित की जा रही है. इस मामले में एसडीएम कोल रंजीत सिंह ने बताया कि तीन मई को किसी ने इस व्यक्ति को भर्ती कराया था. भर्ती कराने वाले का पता नहीं चल सका. बताया कि मृतक के बारे में नोटिफिकेशन जारी किया गया है. अभी तक शव लेने के लिए कोई नहीं आया है. 72 घंटे से ज्यादा हो चुके हैं. अब शव का दाह संस्कार कराया जाएगा.
एसडीएम को लिखित में जांच पत्र नहीं मिला
वहीं, राजू का शव 11 दिन बाद बेटे छोटू को देने के बारे में एसडीएम रंजीत सिंह ने बताया कि मामला गंभीर है. इसमें जांच होनी चाहिए. एसडीएम रंजीत सिंह ने बताया कि मुझे जांच देने की बात कही जा रही है. अभी तक लिखित में इस बारे में कोई पत्र नहीं मिला है. इस मामले में स्वास्थ्य महकमा कुछ भी बोलने से कतरा रहा है. सीएमओ डाॅ. बीपी सिंह कल्याणी मोबाइल भी नहीं उठा रहे हैं.