अलीगढ़: जिले में रविवार को चर्च ऑफ नार्थ इंडिया के गठन को 50 साल पूरे होने पर गोल्डन जुबली समारोह का आयोजन किया गया. इसमें ईसाई समाज के लोगों ने बड़ी संख्या में भाग लिया. वक्ताओं ने बताया कि आज ही के दिन 1970 में उत्तर भारत के छह प्रमुख चर्चों ने मिलकर चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया बनाकर एकता का परिचय दिया. इससे पहले चर्च के अलग-अलग संगठन थे. इस अवसर पर ईसाई समाज के लोगों ने एकत्र होकर घंटाघर चर्च पर कार्यक्रम का आयोजन किया. सभी ने प्रभु यीशु मसीह के दिखाए मार्ग पर चलकर मानवता की सेवा करने का संकल्प लिया.
1970 में चर्च के छह संगठन एक साथ आए
वक्ताओं ने बताया कि यह संगठन उत्तर भारत में ईसाइयों की एक पहचान है. इस संगठन के माध्यम से जुड़कर ईसाई समाज अपनी सांस्कृतिक पहचान की अभिव्यक्ति करते हैं. 29 नवम्बर 1970 में छह चर्च साथ में आकर मिले. इस दिन को ईसाई समाज एक पर्व के रूप में मनाता है. चर्च आफ नार्थ इंडिया का मुख्य काम समाज का उत्थान करना है. गरीबों, अनाथों, बीमार, दिव्यांग लोगों के बीच में यह समूह काम करता है. चर्च ऑफ़ नार्थ इंडिया में केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु राज्य शामिल नहीं हैं. केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु राज्य चर्च आफ साउथ इंडिया के समूह में शामिल हैं. वहीं चर्च आफ नॉर्थ इंडिया में देश के कई राज्य शामिल हैं.
हर वर्ग में शिक्षा की रोशनी फैला रहा संगठन
इस दौरान सब लोगों ने एक साथ मिलकर प्रभु यीशु मसीह के गीत गाकर खुशी का इजहार किया. मसीह समाज के ओसमंड चार्ल्स ने बताया कि पहले मैसेज सही नहीं जाता था कि ईसाई समुदाय के कई संगठन अलग-अलग तरीके से काम कर रहे हैं. लेकिन 1970 में कई चर्च एक साथ आ गए और प्रभु यीशु मसीह के बताए मार्ग पर चलकर समाज की सेवा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कोई भी समाज तब तक तरक्की नहीं कर सकता है जब तक वह शिक्षित ना हो. ईसाई मिशनरीज शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा काम कर रहे हैं. समाज के हर वर्ग में शिक्षा की रोशनी को फैलाने में चर्च ऑफ नार्थ इंडिया आगे बढ़ रहा है. नारी समाज के लिए भी चर्च आफ नॉर्थ इंडिया काम कर रहा है. सेंट जोंस डिग्री कॉलेज आगरा के प्राचार्य ने बताया कि चर्च के माध्यम से शिक्षा, अस्पताल के माध्यम से सेवा कर रहे हैं.