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कोचिंग संचालकों की मांग, छोटे छात्र समूहों को पढ़ाने की अनुमति दे सरकार - अलीगढ़ के शिक्षक और कोचिंग संचालक परेशान

प्रदेश में ऑफलाइन क्लासेस बंद करने के आदेश से अलीगढ़ के सभी शिक्षक और कोचिंग संचालक परेशान हैं. शिक्षण संस्थानों के डायरेक्टर्स और प्राइवेट टीचर्स की मांग है कि सख्त प्रोटोकोल के तहत 10 से 15 बच्चों के छोटे समूहों को ऑफलाइन पढ़ाने की अनुमति दी जाए.

कोचिंग संचालक
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Published : Apr 14, 2021, 11:12 AM IST

अलीगढ़ः प्रदेश में ऑफलाइन क्लासेस बंद करने के आदेश से जिले के सभी शिक्षक और कोचिंग संचालक परेशान हैं. मंगलवार को मेलरोज इन होटल में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में सभी शिक्षण संस्थानों के डायरेक्टर्स एवं प्राइवेट टीचर की एकमत यही राय रही कि कोरोना वायरस के सख्त प्रोटोकोल के तहत 10 से 15 बच्चों के छोटे समूह में ऑफलाइन क्लासेस की इजाजत दी जाए. कुछ ही दिनों के बाद विद्यार्थियों की बोर्ड परीक्षाएं होनी हैं.

कोचिंग संचालकों की मांग.

ऑफलाइन क्लास में ही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा
कोचिंग संचालकों का कहना है कि केवल फेस टू फेस क्लासेस में ही अभ्यर्थी गुणवत्ता पूर्वक शिक्षा ग्रहण कर पा रहे हैं. ज्यादातर शिक्षण संस्थानों में प्राप्त सर्वे के आधार पर 75 फीसद अभिभावक अपने बच्चों को हर कीमत पर ऑफलाइन ही पढ़ाना चाहते हैं. अन्य जगहों, कार्यक्रम स्थलों, धार्मिक आयोजनों, चुनावी रैलियों एवं सभाओं पर जिस प्रकार से अनियंत्रित भीड़ इकट्ठा रहती है. उनके प्रति सरकार द्वारा किसी भी प्रकार का अंकुश नहीं किया जा रहा है. शिक्षण संस्थान जहां पर नियमों का सख्ती से पालन कराया जाना सुनिश्चित किया जा सकता है. उन संस्थाओं को बंद करना अत्यंत अव्यावहारिक निर्देश लगता है.

10 से 15 छात्रों के समूह को पढ़ाने की दें इजाजत
इस मीटिंग में विनीत कोचिंग, ब्रिक्स अकैडमी, एक्सीलेंस क्लासेस, अवंती क्लासेस, कैटालिस्ट कोचिंग, बंसल क्लासेस, सिनर्जी क्लासेस , पाठशाला क्लासेस सहित अन्य 40 संस्थाओं के डायरेक्टर एवं शिक्षक मौजूद रहे. विनीत क्लासेस के निनीत शर्मा ने बताया कि कोचिंग क्लासेस बंद कर देने से समस्या का समाधान नहीं होगा. आने वाले दिनों में बोर्ड परीक्षाएं होनी हैं. उन्होंने राज्य सरकार से अनुरोध किया है कि 10 से 15 छात्रों के समूह को ऑफलाइन पढ़ाने की इजाजत दी जाए. बंसल क्लासेस के डायरेक्टर रजत प्रताप सिंह ने बताया कि शिक्षक के सामने जब छात्र बैठता है तभी बेहतर शिक्षा दी जा सकती है. उन्होंने बताया कि कोचिंग भी एक व्यावसाय है. बहुत से परिवारों का पेट पलता है. अगर ये बंद हो जायेंगे तो इसका लोगों पर असर पड़ता है.

यह भी पढ़ेंः-मुफलिसी में जी रहा दंतेवाड़ा नक्सली हमले में शहीद जमरुल हसन का परिवार

बता दें 11 अप्रैल को प्रदेश सरकार ने आदेश जारी कर प्रदेश में चल रहे सभी शिक्षण संस्थानों के ऑफलाइन क्लासेस को बंद करा दिया है.

अलीगढ़ः प्रदेश में ऑफलाइन क्लासेस बंद करने के आदेश से जिले के सभी शिक्षक और कोचिंग संचालक परेशान हैं. मंगलवार को मेलरोज इन होटल में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में सभी शिक्षण संस्थानों के डायरेक्टर्स एवं प्राइवेट टीचर की एकमत यही राय रही कि कोरोना वायरस के सख्त प्रोटोकोल के तहत 10 से 15 बच्चों के छोटे समूह में ऑफलाइन क्लासेस की इजाजत दी जाए. कुछ ही दिनों के बाद विद्यार्थियों की बोर्ड परीक्षाएं होनी हैं.

कोचिंग संचालकों की मांग.

ऑफलाइन क्लास में ही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा
कोचिंग संचालकों का कहना है कि केवल फेस टू फेस क्लासेस में ही अभ्यर्थी गुणवत्ता पूर्वक शिक्षा ग्रहण कर पा रहे हैं. ज्यादातर शिक्षण संस्थानों में प्राप्त सर्वे के आधार पर 75 फीसद अभिभावक अपने बच्चों को हर कीमत पर ऑफलाइन ही पढ़ाना चाहते हैं. अन्य जगहों, कार्यक्रम स्थलों, धार्मिक आयोजनों, चुनावी रैलियों एवं सभाओं पर जिस प्रकार से अनियंत्रित भीड़ इकट्ठा रहती है. उनके प्रति सरकार द्वारा किसी भी प्रकार का अंकुश नहीं किया जा रहा है. शिक्षण संस्थान जहां पर नियमों का सख्ती से पालन कराया जाना सुनिश्चित किया जा सकता है. उन संस्थाओं को बंद करना अत्यंत अव्यावहारिक निर्देश लगता है.

10 से 15 छात्रों के समूह को पढ़ाने की दें इजाजत
इस मीटिंग में विनीत कोचिंग, ब्रिक्स अकैडमी, एक्सीलेंस क्लासेस, अवंती क्लासेस, कैटालिस्ट कोचिंग, बंसल क्लासेस, सिनर्जी क्लासेस , पाठशाला क्लासेस सहित अन्य 40 संस्थाओं के डायरेक्टर एवं शिक्षक मौजूद रहे. विनीत क्लासेस के निनीत शर्मा ने बताया कि कोचिंग क्लासेस बंद कर देने से समस्या का समाधान नहीं होगा. आने वाले दिनों में बोर्ड परीक्षाएं होनी हैं. उन्होंने राज्य सरकार से अनुरोध किया है कि 10 से 15 छात्रों के समूह को ऑफलाइन पढ़ाने की इजाजत दी जाए. बंसल क्लासेस के डायरेक्टर रजत प्रताप सिंह ने बताया कि शिक्षक के सामने जब छात्र बैठता है तभी बेहतर शिक्षा दी जा सकती है. उन्होंने बताया कि कोचिंग भी एक व्यावसाय है. बहुत से परिवारों का पेट पलता है. अगर ये बंद हो जायेंगे तो इसका लोगों पर असर पड़ता है.

यह भी पढ़ेंः-मुफलिसी में जी रहा दंतेवाड़ा नक्सली हमले में शहीद जमरुल हसन का परिवार

बता दें 11 अप्रैल को प्रदेश सरकार ने आदेश जारी कर प्रदेश में चल रहे सभी शिक्षण संस्थानों के ऑफलाइन क्लासेस को बंद करा दिया है.

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