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अलीगढ़: चाइल्ड लाइन और पुलिस की कोशिश से रुका बहनों का बाल विवाह

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में दो बहनों की शादी होनी थी. वहीं किसी ने चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर पर फोन करके इस बात की शिकायत कर दी, जिसके बाद समय पर पहुंची पुलिस ने शादी को रुकवा दिया.

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Published : Jul 4, 2020, 8:38 PM IST

पुलिस ने बाल विवाह को रुकवाया.
पुलिस ने बाल विवाह को रुकवाया.

अलीगढ़: जिले में चाइल्ड लाइन की टीम ने थाना मडराक के अंतर्गत गांव आसना अजीतपुर में शनिवार को होने जा रहे बाल विवाह को रुकवा दिया. चाइल्ड लाइन के निदेशक ज्ञानेंद्र मिश्रा ने बताया कि एक कॉलर के माध्यम से शनिवार को दिन में गांव में दो सगी बहनों के बाल विवाह की सूचना प्राप्त हुई थी, जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने विवाह को रुकवाया.

फोन करने वाले शख्स ने बताया कि गांव में दो सगी बहनों का विवाह होना था, जिनकी बारात अलीगढ़ के दुबे के पड़ाव की धोबी वाली गली से आ रही है. सूचना पर तत्काल कार्रवाई करते हुए समन्वयक शिरीन राजेंद्र ने जिला प्रोबेशन अधिकारी स्मिता सिंह एवं बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष नीरा वार्ष्णेय को इसकी सूचना दी. साथ ही चाइल्ड लाइन टीम के सदस्य नदीम अहमद व शालिनी को भेजकर विवाह की सूचना सहित एक पत्र थाना मडराक में भी सौंपा.

घटनास्थल आसना चौकी अंतर्गत आने के कारण चाइल्ड लाइन के टीम सदस्य आसना चौकी इंचार्ज सतेन्द्र गौतम से मिले. उनके साथ गांव आसना अजीतपुर पहुंचे. चाइल्ड लाइन टीम व पुलिस ने नाबालिग की उम्र की जांच की. परिजनों ने बताया कि बड़ी लड़की सरकारी स्कूल में कक्षा चार तक पढ़ी थी, लेकिन छोटी लड़की ने किसी भी स्कूल में पढ़ाई नहीं की है.

बड़ी लड़की की उम्र आधार कार्ड के अनुसार सिर्फ सोलह वर्ष की थी, जिसके बाद पुलिस ने परिजनों को गांव के पूर्व प्रधान अवनीश कुमार, वर्तमान प्रधान संतोष कुमार एवं क्षेत्र पंचायत सदस्य हरजीत सिंह को पुलिस चौकी बुलाया. जहां सभी ने नाबालिग होने की स्थिति में शादी न करने का लिखित में आश्वासन दिया. बालिका के पिता ने बताया कि उसकी उम्र राशन कार्ड के अनुसार भी कम है. उनके पास बालिकाओं की उम्र का अन्य कोई दस्तावेज नहीं था. साथ ही चाइल्ड लाइन की टीम ने लड़के वालों से भी संपर्क स्थापित कर उसके पिता को भी चौकी बुलवाया गया. लड़कों के दस्तावेजों के अनुसार एक की उम्र चौबीस वर्ष एवं दूसरे की उम्र उन्नीस वर्ष थी. इस दौरान लड़का पक्ष ने भी नाबालिग होने की स्थिति में शादी न करने की बात कही.

अलीगढ़: जिले में चाइल्ड लाइन की टीम ने थाना मडराक के अंतर्गत गांव आसना अजीतपुर में शनिवार को होने जा रहे बाल विवाह को रुकवा दिया. चाइल्ड लाइन के निदेशक ज्ञानेंद्र मिश्रा ने बताया कि एक कॉलर के माध्यम से शनिवार को दिन में गांव में दो सगी बहनों के बाल विवाह की सूचना प्राप्त हुई थी, जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने विवाह को रुकवाया.

फोन करने वाले शख्स ने बताया कि गांव में दो सगी बहनों का विवाह होना था, जिनकी बारात अलीगढ़ के दुबे के पड़ाव की धोबी वाली गली से आ रही है. सूचना पर तत्काल कार्रवाई करते हुए समन्वयक शिरीन राजेंद्र ने जिला प्रोबेशन अधिकारी स्मिता सिंह एवं बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष नीरा वार्ष्णेय को इसकी सूचना दी. साथ ही चाइल्ड लाइन टीम के सदस्य नदीम अहमद व शालिनी को भेजकर विवाह की सूचना सहित एक पत्र थाना मडराक में भी सौंपा.

घटनास्थल आसना चौकी अंतर्गत आने के कारण चाइल्ड लाइन के टीम सदस्य आसना चौकी इंचार्ज सतेन्द्र गौतम से मिले. उनके साथ गांव आसना अजीतपुर पहुंचे. चाइल्ड लाइन टीम व पुलिस ने नाबालिग की उम्र की जांच की. परिजनों ने बताया कि बड़ी लड़की सरकारी स्कूल में कक्षा चार तक पढ़ी थी, लेकिन छोटी लड़की ने किसी भी स्कूल में पढ़ाई नहीं की है.

बड़ी लड़की की उम्र आधार कार्ड के अनुसार सिर्फ सोलह वर्ष की थी, जिसके बाद पुलिस ने परिजनों को गांव के पूर्व प्रधान अवनीश कुमार, वर्तमान प्रधान संतोष कुमार एवं क्षेत्र पंचायत सदस्य हरजीत सिंह को पुलिस चौकी बुलाया. जहां सभी ने नाबालिग होने की स्थिति में शादी न करने का लिखित में आश्वासन दिया. बालिका के पिता ने बताया कि उसकी उम्र राशन कार्ड के अनुसार भी कम है. उनके पास बालिकाओं की उम्र का अन्य कोई दस्तावेज नहीं था. साथ ही चाइल्ड लाइन की टीम ने लड़के वालों से भी संपर्क स्थापित कर उसके पिता को भी चौकी बुलवाया गया. लड़कों के दस्तावेजों के अनुसार एक की उम्र चौबीस वर्ष एवं दूसरे की उम्र उन्नीस वर्ष थी. इस दौरान लड़का पक्ष ने भी नाबालिग होने की स्थिति में शादी न करने की बात कही.

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