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अलीगढ़ डिफेंस कॉरिडोर: अब नहीं ली जाएगी किसानों की अतिरिक्त जमीन

यूपी के आलीगढ़ जिले में बन रहे कॉरिडोर के लिए किसानों की जमीन अधिग्रहण करने की बात सामने आई थी. किसान सरकार से चार गुना मुआवजे की मांग कर रहे थे, लेकिन अब प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि किसानों की कोई अतिरिक्त जमीन नहीं ली जाएगी.

अब नहीं ली जाएगी किसानों की अतिरिक्त जमीन
अब नहीं ली जाएगी किसानों की अतिरिक्त जमीन
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Published : Aug 25, 2020, 7:04 PM IST

अलीगढ़: जिले में डिफेंस कॉरिडोर के निर्माण में जमीन अधिग्रहण को लेकर पेंच फंस गया है. जमीन अधिग्रहण के लिए किसान चार गुना मुआवजे की मांग कर रहे हैं, जिसको लेकर किसान संगठन और विपक्षी दल आंदोलन चलाने की तैयारी में है, लेकिन इससे पहले रविवार को जिला अधिकारी चंद्र भूषण सिंह ने स्पष्ट कर दिया कि डिफेंस कॉरिडोर के लिए अंडला में अब किसानों की अतिरिक्त जमीन का अधिग्रहण नहीं किया जाएगा. इससे पहले अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी 17 अगस्त को अंडला आकर डिफेंस कॉरिडोर की जमीन का निरीक्षण कर गये थे.

अलीगढ़ डिफेंस कारिडोर का मामला
जिलाधिकारी चंद्र भूषण सिंह ने बताया कि अंडला में 49 हेक्टेयर जमीन सहित कुल 56 हेक्टेयर जमीन उपलब्ध है, जो कि डिफेंस कॉरिडोर के लिये पर्याप्त है. वहीं पहले 250 हेक्टेयर जमीन किसानों की अतिरिक्त लिये जाने की योजना थी, जिस पर किसानों ने चार गुना मुआवजे की मांग रख दी. इस पर कुछ सामाजिक और राजनीतिक दल और किसान संगठनों के पदाधिकारियों ने अंडला में आकर किसानों का समर्थन कर दिया. इस समर्थन से किसान अब चार गुना मुआवजे को लेकर विरोध प्रदर्शन पर उतर आये हैं.

हालांकि जिलाधिकारी चंद्र भूषण सिंह ने स्पष्ट किया है कि भविष्य में किसानों की जमीन अधिग्रहित करने की योजना नहीं है. यदि आगे डिफेंस कॉरिडोर के लिए जमीन की आवश्यकता होगी तो तहसील गभाना के ख्यामई व बरा कलां में दो हजार बीघा जमीन जिला प्रशासन के पास है. जो जरूरत पड़ने पर यूपीडा को ट्रांसफर कर दी जाएगी. वहीं जिलाधिकारी चंद्र भूषण सिंह ने किसानों से अपील की है कि किसी भी तरह के आंदोलन की जरूरत नहीं है क्योंकि अब अतिरिक्त जमीन लेने का प्रस्ताव नहीं है.

अंडला में डिफेंस कॉरिडोर के लिए किसानों की जमीन का अधिग्रहण का कार्य चल रहा है. करीब 56 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किसानों से दोगुने सर्किल रेट देकर किया गया है. वहीं अब अंडला के किसान कृषि जमीन का चार गुना मुआवजा और एक व्यक्ति की नौकरी की मांग कर रहे हैं. इसको लेकर महापंचायत बुलाने की भी योजना बनाई गई है. सोमवार को भारतीय किसान यूनियन व राजनीतिक दलों को लेकर महापंचायत करने का किसानों का प्लान है.


टप्पल में भी मुआवजे के लिए हुआ था आंदोलन
इससे पहले अलीगढ़ में अगस्त 2010 में टप्पल का किसान आंदोलन पूरे देश में चर्चा का विषय बना था, जिसमें यमुना एक्सप्रेसवे व जेपी टाउनशिप के लिए किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया था, जिसका किसानों ने विरोध किया था और चार लोगों की मौत हो गई थी. उस वक्त भी टप्पल के किसान नोएडा के बराबर जमीन का मुआवजा देने की मांग पर अड़े थे, जबकि प्रशासन अलग रेट दे रहा था.

एक बार फिर से इतिहास खुद को दोहराता दिख रहा है. टप्पल से पहले पलवल रोड पर अंडला में किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है. यहां किसानों की जमीन का दोगुना मुआवजा दिया गया है, जबकि किसान झांसी में बन रहे डिफेंस कॉरिडोर की तर्ज पर चार गुना मुआवजे की मांग कर रहे हैं. वहीं चार गुना मुआवजा दिए जाने के पत्र भी किसानों को बांटे जा रहे हैं. हालांकि इन सब गतिविधि को देखते हुए जिला प्रशासन अलर्ट मोड में आ गया है और जिलाधिकारी चंद्र भूषण सिंह ने कहा कि अब अतिरिक्त जमीन का अधिग्रहण नहीं होगा.

अलीगढ़: जिले में डिफेंस कॉरिडोर के निर्माण में जमीन अधिग्रहण को लेकर पेंच फंस गया है. जमीन अधिग्रहण के लिए किसान चार गुना मुआवजे की मांग कर रहे हैं, जिसको लेकर किसान संगठन और विपक्षी दल आंदोलन चलाने की तैयारी में है, लेकिन इससे पहले रविवार को जिला अधिकारी चंद्र भूषण सिंह ने स्पष्ट कर दिया कि डिफेंस कॉरिडोर के लिए अंडला में अब किसानों की अतिरिक्त जमीन का अधिग्रहण नहीं किया जाएगा. इससे पहले अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी 17 अगस्त को अंडला आकर डिफेंस कॉरिडोर की जमीन का निरीक्षण कर गये थे.

अलीगढ़ डिफेंस कारिडोर का मामला
जिलाधिकारी चंद्र भूषण सिंह ने बताया कि अंडला में 49 हेक्टेयर जमीन सहित कुल 56 हेक्टेयर जमीन उपलब्ध है, जो कि डिफेंस कॉरिडोर के लिये पर्याप्त है. वहीं पहले 250 हेक्टेयर जमीन किसानों की अतिरिक्त लिये जाने की योजना थी, जिस पर किसानों ने चार गुना मुआवजे की मांग रख दी. इस पर कुछ सामाजिक और राजनीतिक दल और किसान संगठनों के पदाधिकारियों ने अंडला में आकर किसानों का समर्थन कर दिया. इस समर्थन से किसान अब चार गुना मुआवजे को लेकर विरोध प्रदर्शन पर उतर आये हैं.

हालांकि जिलाधिकारी चंद्र भूषण सिंह ने स्पष्ट किया है कि भविष्य में किसानों की जमीन अधिग्रहित करने की योजना नहीं है. यदि आगे डिफेंस कॉरिडोर के लिए जमीन की आवश्यकता होगी तो तहसील गभाना के ख्यामई व बरा कलां में दो हजार बीघा जमीन जिला प्रशासन के पास है. जो जरूरत पड़ने पर यूपीडा को ट्रांसफर कर दी जाएगी. वहीं जिलाधिकारी चंद्र भूषण सिंह ने किसानों से अपील की है कि किसी भी तरह के आंदोलन की जरूरत नहीं है क्योंकि अब अतिरिक्त जमीन लेने का प्रस्ताव नहीं है.

अंडला में डिफेंस कॉरिडोर के लिए किसानों की जमीन का अधिग्रहण का कार्य चल रहा है. करीब 56 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किसानों से दोगुने सर्किल रेट देकर किया गया है. वहीं अब अंडला के किसान कृषि जमीन का चार गुना मुआवजा और एक व्यक्ति की नौकरी की मांग कर रहे हैं. इसको लेकर महापंचायत बुलाने की भी योजना बनाई गई है. सोमवार को भारतीय किसान यूनियन व राजनीतिक दलों को लेकर महापंचायत करने का किसानों का प्लान है.


टप्पल में भी मुआवजे के लिए हुआ था आंदोलन
इससे पहले अलीगढ़ में अगस्त 2010 में टप्पल का किसान आंदोलन पूरे देश में चर्चा का विषय बना था, जिसमें यमुना एक्सप्रेसवे व जेपी टाउनशिप के लिए किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया था, जिसका किसानों ने विरोध किया था और चार लोगों की मौत हो गई थी. उस वक्त भी टप्पल के किसान नोएडा के बराबर जमीन का मुआवजा देने की मांग पर अड़े थे, जबकि प्रशासन अलग रेट दे रहा था.

एक बार फिर से इतिहास खुद को दोहराता दिख रहा है. टप्पल से पहले पलवल रोड पर अंडला में किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है. यहां किसानों की जमीन का दोगुना मुआवजा दिया गया है, जबकि किसान झांसी में बन रहे डिफेंस कॉरिडोर की तर्ज पर चार गुना मुआवजे की मांग कर रहे हैं. वहीं चार गुना मुआवजा दिए जाने के पत्र भी किसानों को बांटे जा रहे हैं. हालांकि इन सब गतिविधि को देखते हुए जिला प्रशासन अलर्ट मोड में आ गया है और जिलाधिकारी चंद्र भूषण सिंह ने कहा कि अब अतिरिक्त जमीन का अधिग्रहण नहीं होगा.

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