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अयोध्या राम मंदिर के लिए अलीगढ़ में तैयार हुआ 400 किलो का ताला, ये है खासियत

अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर (grand ram temple) में लगने वाला ताला अलीगढ़ में तैयार हो चुका है. जितना विशाल और सुंदर अयोध्या का राम मंदिर बनने जा रहा है, उसी के हिसाब से विशालकाय ताला (Special Lock for Ram Mandir) भी बनकर तैयार हो गया है.

अलीगढ़ में तैयार हुआ 400 किलो का ताला
अलीगढ़ में तैयार हुआ 400 किलो का ताला
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Published : Jan 8, 2022, 11:58 AM IST

अलीगढ़: अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर (grand ram temple) में लगने वाला ताला अलीगढ़ में तैयार हो चुका है. जितना विशाल और सुंदर अयोध्या का राम मंदिर बनने जा रहा है, उसी के हिसाब से विशालकाय ताला (Special Lock for Ram Mandir) भी बनाया गया है. यह ताला अलीगढ़ की राजकीय कृषि प्रदर्शनी में आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. इस ताले को अलीगढ़ के सत्य प्रकाश शर्मा और उनकी पत्नी रुकमणि शर्मा ने तैयार किया है. दरअसल, पूरी दुनिया में राजनीति का केंद्र बने अयोध्या के राम मंदिर में लगने वाला ताला अलीगढ़ में तैयार हो चुका है. जितना विशाल और सुंदर अयोध्या का राम मंदिर बनने जा रहा है. उसी के हिसाब से अलीगढ़ में विशालकाय ताला तैयार हो चुका है, जो कि इन दिनों अलीगढ़ की राजकीय कृषि प्रदर्शनी में आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.

ताले को देखने आने वाले लोग सेल्फी भी ले रहे हैं. ताले के आकर्षण का केंद्र बनने का कारण उसका वजन और उसका साइज है. क्योंकि यह ताला 400 किलो का है और इसकी लंबाई 10 फीट ऊंची व 6 फीट चौड़ी है. वहीं, इस ताले को खोलने वाली चाभी भी 30 किलोग्राम की है और इसकी लंबाई 4 फीट है. ताले को तैयार करने वाले दंपत्ति के बताए अनुसार इस ताले को बनाने में एक लाख रुपये की लागत आई है. ताला बनाने के हुनर के माहिर ज्वालापुरी गली नंबर एक के सत्य प्रकाश शर्मा पहले भी कई बड़े ताले बना चुके हैं. इनका 300 किलो का ताला भी खूब चर्चा में रहा था. इस रिकार्ड को उन्होंने अब 400 किलो का ताला बनाकर तोड़ा है. वे 40 साल से ताला निर्माण से जुड़े हुए हैं. उन्हें पिता भोजराज शर्मा से ताला निर्माण की कला विरासत में मिली है. इनकी पीढ़ी करीब 100 सालों से ताला निर्माण में लगी है. करीब 65 वर्षीय सत्य प्रकाश मजदूरी पर ताला तैयार करते हैं.

अलीगढ़ में तैयार हुआ 400 किलो का ताला

इसे भी पढ़ें - जल संरक्षण के प्रयासों में उत्तर प्रदेश को पहला, राजस्थान को दूसरा स्थान मिला

उनका कहना है कि कारोबार क्षेत्र में तो काफी पहचान बना ली है. अब तो इस कारोबार को नई पीढ़ी को सौंपना है. अलीगढ़ की पहचान बनाने के लिए दुनिया का सबसे बड़ा ताला बनाकर तैयार कर दिया है. छह इंच मोटाई का यह ताला लोहे का है. इसके लिए दो चाभी तैयार की गई है. वहीं, इसका कड़ा करीब चार फीट का है. इसके निर्माण पर एक लाख रुपये का खर्च आया है.

इधर, सत्य प्रकाश के कला व हुनर की सभी तारीफ कर रहे हैं. इस कला को निखारने के लिए सरकारी स्तर पर प्रयास की जरूरत है. उनकी पत्नी रुकमणि शर्मा भी ताले की खूबियां जानती है. उन्होंने बताया कि यह ताला आसानी से नहीं टूटेगा. अयोध्या में श्रीराम मंदिर अद्भुत बन रहा है. वहां की हर चीज अद्भुत होनी चाहिए. इसलिए अलीगढ़ का यह ताला मंदिर के लिए भेंट किया जाएगा. वहीं, सत्य प्रकाश का कहना है कि मोदी-योगी को पत्राचार करके 26 जनवरी की परेड में भी ताले को शामिल करने की गुहार लगाई है.

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अलीगढ़: अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर (grand ram temple) में लगने वाला ताला अलीगढ़ में तैयार हो चुका है. जितना विशाल और सुंदर अयोध्या का राम मंदिर बनने जा रहा है, उसी के हिसाब से विशालकाय ताला (Special Lock for Ram Mandir) भी बनाया गया है. यह ताला अलीगढ़ की राजकीय कृषि प्रदर्शनी में आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. इस ताले को अलीगढ़ के सत्य प्रकाश शर्मा और उनकी पत्नी रुकमणि शर्मा ने तैयार किया है. दरअसल, पूरी दुनिया में राजनीति का केंद्र बने अयोध्या के राम मंदिर में लगने वाला ताला अलीगढ़ में तैयार हो चुका है. जितना विशाल और सुंदर अयोध्या का राम मंदिर बनने जा रहा है. उसी के हिसाब से अलीगढ़ में विशालकाय ताला तैयार हो चुका है, जो कि इन दिनों अलीगढ़ की राजकीय कृषि प्रदर्शनी में आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.

ताले को देखने आने वाले लोग सेल्फी भी ले रहे हैं. ताले के आकर्षण का केंद्र बनने का कारण उसका वजन और उसका साइज है. क्योंकि यह ताला 400 किलो का है और इसकी लंबाई 10 फीट ऊंची व 6 फीट चौड़ी है. वहीं, इस ताले को खोलने वाली चाभी भी 30 किलोग्राम की है और इसकी लंबाई 4 फीट है. ताले को तैयार करने वाले दंपत्ति के बताए अनुसार इस ताले को बनाने में एक लाख रुपये की लागत आई है. ताला बनाने के हुनर के माहिर ज्वालापुरी गली नंबर एक के सत्य प्रकाश शर्मा पहले भी कई बड़े ताले बना चुके हैं. इनका 300 किलो का ताला भी खूब चर्चा में रहा था. इस रिकार्ड को उन्होंने अब 400 किलो का ताला बनाकर तोड़ा है. वे 40 साल से ताला निर्माण से जुड़े हुए हैं. उन्हें पिता भोजराज शर्मा से ताला निर्माण की कला विरासत में मिली है. इनकी पीढ़ी करीब 100 सालों से ताला निर्माण में लगी है. करीब 65 वर्षीय सत्य प्रकाश मजदूरी पर ताला तैयार करते हैं.

अलीगढ़ में तैयार हुआ 400 किलो का ताला

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उनका कहना है कि कारोबार क्षेत्र में तो काफी पहचान बना ली है. अब तो इस कारोबार को नई पीढ़ी को सौंपना है. अलीगढ़ की पहचान बनाने के लिए दुनिया का सबसे बड़ा ताला बनाकर तैयार कर दिया है. छह इंच मोटाई का यह ताला लोहे का है. इसके लिए दो चाभी तैयार की गई है. वहीं, इसका कड़ा करीब चार फीट का है. इसके निर्माण पर एक लाख रुपये का खर्च आया है.

इधर, सत्य प्रकाश के कला व हुनर की सभी तारीफ कर रहे हैं. इस कला को निखारने के लिए सरकारी स्तर पर प्रयास की जरूरत है. उनकी पत्नी रुकमणि शर्मा भी ताले की खूबियां जानती है. उन्होंने बताया कि यह ताला आसानी से नहीं टूटेगा. अयोध्या में श्रीराम मंदिर अद्भुत बन रहा है. वहां की हर चीज अद्भुत होनी चाहिए. इसलिए अलीगढ़ का यह ताला मंदिर के लिए भेंट किया जाएगा. वहीं, सत्य प्रकाश का कहना है कि मोदी-योगी को पत्राचार करके 26 जनवरी की परेड में भी ताले को शामिल करने की गुहार लगाई है.

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