आगरा : आगरा के ब्लॉक पिनाहट क्षेत्र के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डिलीवरी के दौरान अधिक रक्त स्त्राव के चलते एक महिला की मौत हो गई. परिजनों ने अस्पताल में हंगामा करते हुए तैनात नर्स पर लापरवाही बरतने व सुविधा शुल्क मांगने का आरोप लगाया है.
'सुविधा शुल्क नहीं देने पर दवा, इंजेक्शन रोका'
थाना बसई अरेला क्षेत्र के गांव सूखा ताल निवासी राजकुमार का आरोप है कि उसकी पत्नी जूली (21 वर्ष) को शुक्रवार सुबह प्रसव पीड़ा हुई. परिजनों ने डिलीवरी के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बसई अरेला में भर्ती कराया. जहां दोपहर लगभग 1 बजे जूली ने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया. आरोप है कि तैनात नर्स अरुणा पीड़िता से 2 हजार रुपये सुविधा शुल्क मांगने लगी, जिसका परिजनों ने विरोध किया. इस पर नर्स ने प्रसूता महिला को कोई इंजेक्शन और दवा नहीं दी, जिसके बाद महिला जूली की हालत बिगड़ने लगी.
आगरा लेडी लॉयल अस्पताल का घटना
पति और परिजनों ने तैनात नर्स से प्रसूता की हालत बिगड़ने की बात कही. पीड़िता को आगरा अस्पताल में रेफर करने के लिए कहा. मगर इलाज में लापरवाही बरतते हुए नर्स ने महिला को रेफर नहीं किया. महिला की ज्यादा हालत बिगड़ने पर परिजनों ने जमकर हंगामा किया. जिस पर कई घंटे बाद नर्स ने महिला को आगरा लेडी लॉयल के लिए रेफर किया. परिजनों का यह भी आरोप है कि एंबुलेंस चालक एवं नर्स द्वारा बातचीत हुई, जिस पर एंबुलेंस भी धीरे चल रही थी. आगरा लेडी लॉयल अस्पताल पहुंचने के कुछ ही मिनटों बाद ही अधिक रक्त स्त्राव के चलते महिला की मौत हो गई.
लापरवाही पर परिजनों का हंगामा
शुक्रवार देर शाम परिजन महिला के शव को लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बसई अरेला पहुंचे. जहां उन्होंने मृतक महिला का शव रखकर जमकर हंगामा किया और नर्स पर इलाज में लापरवाही करने का आरोप लगाया. हंगामे की सूचना पर पहुंची पुलिस ने मौजूद परिजनों को समझा-बुझाकर कार्रवाई का आश्वासन दिया. पुलिस ने मृतक महिला के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. गुस्साए परिजनों ने स्वास्थ विभाग के चिकित्सा अधिकारियों से कार्रवाई की मांग की है. पुलिस जांच में जुटी है.
पूर्व में भी पीएचसी रहा विवादित
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बसई अरेला पर यह कोई नया मामला नहीं है. पूर्व में भी डिलीवरी के दौरान इलाज में लापरवाही बरतने पर कई बच्चों की जान जा चुकी है. पूर्व में यहां पर 2 नर्सों का विवाद लगातार चलता रहा, जिसके चलते ग्रामीणों को आज तक स्वास्थ्य सेवाएं ठीक से नहीं मिल पाती हैं. कार्रवाई करते हुए एक नर्स को हटा दिया गया था, जबकि एक नर्स अभी भी तैनात है. प्रदेश सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं को ऐसे स्वास्थ्य कर्मी पलीता लगा रहे हैं.