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आगरा में 200 साल पुराना मदरसा निकला गैर मान्यता प्राप्त, 34 मदरसों पर गिरेगी गाज

आगरा में सर्वे के दौरान 34 मदरसे बिना मान्यता के मिले हैं. 200 साल पुराना मदरसा भी शामिल है. बड़ा सवाल यह है कि, इतने सालों से ये मदरसे बिना मान्यता क्यों संचालित हो रहे थे. इन्हें पहले क्यों मान्यता नहीं दी गई थी. इस पर संबंधित विभाग से भी पूछताछ की जा सकती है.

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मदरसा
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Published : Dec 15, 2022, 9:24 AM IST

Updated : Dec 15, 2022, 12:41 PM IST

आगराः योगी सरकार ने सूबे में बिना मान्यता चल रहे मदरसों का सर्वे कराया. सर्वे में आगरा जिले की बात करें तो 34 मदरसे ऐसे मिले, जो गैर मान्यता प्राप्त हैं. सर्वे रिपोर्ट में 200 साल पुराना एक मदरसा और 100 साल पुराना मदरसा भी गैर मान्यता प्राप्त मिला है. अब बिना मान्यता संचालित हो रहे मदरसों पर गाज गिरेगी. जिला प्रशासन इसकी तैयारी कर रहा है.

दरअसल, चंदे से कस्बा किरावली की बड़ी मस्जिद में लगभग 200 साल से मदरसा संचालित है. इसमें 30 बच्चे हैं और एक शिक्षक है. मदरसे में दीनी तालीम दी जाती है. इसके साथ ही दूसरा मदरसा किरावली में बन्ने बाबा, दंदारा घाटी नाम से संचालित है. जो लगभग 100 पुराना बताया जा रहा है. यह मदरसा इजाजुद्दीन संचालित करते हैं. इसमें 70 छात्र, दो शिक्षक हैं. उर्दू, अरबी की शिक्षा दी जाती है.

सदर तहसील में सबसे ज्यादा मिले मदरसा
बीते तीन माह में अल्पसंख्यक विभाग ने मदरसों की जांच की थी. तहसील स्तर पर गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की जांच कराई गई थी. जिसमें सदर तहसील में 20, किरावली में 12 और फतेहाबाद व बाह तहसील क्षेत्र में एक-एक गैर मान्यता प्राप्त मदरसा मिला है. खेरागढ़ और एत्मादपुर तहसील क्षेत्र में एक भी ऐसा मदरसा नहीं मिला है. जो, बिना अनुमति के संचालित हो रहा हो.

शासन को भेजी रिपोर्ट
जिला अल्पसंख्यक अधिकारी प्रशांत कुमार ने बताया कि, शासन के आदेश पर तय मानकों के आधार पर जिले में मदरसों में बच्चों की संख्या, इमारत, मूलभूत सुविधाएं और पढ़ाई के स्तर पर सर्वे किया था. जिसकी रिपोर्ट डीएम के माध्यम से शासन को भेज दी गई है.

पढ़ेंः यूपी में मदरसों का सर्वे, जानिए क्या हैं आंकड़े

आगराः योगी सरकार ने सूबे में बिना मान्यता चल रहे मदरसों का सर्वे कराया. सर्वे में आगरा जिले की बात करें तो 34 मदरसे ऐसे मिले, जो गैर मान्यता प्राप्त हैं. सर्वे रिपोर्ट में 200 साल पुराना एक मदरसा और 100 साल पुराना मदरसा भी गैर मान्यता प्राप्त मिला है. अब बिना मान्यता संचालित हो रहे मदरसों पर गाज गिरेगी. जिला प्रशासन इसकी तैयारी कर रहा है.

दरअसल, चंदे से कस्बा किरावली की बड़ी मस्जिद में लगभग 200 साल से मदरसा संचालित है. इसमें 30 बच्चे हैं और एक शिक्षक है. मदरसे में दीनी तालीम दी जाती है. इसके साथ ही दूसरा मदरसा किरावली में बन्ने बाबा, दंदारा घाटी नाम से संचालित है. जो लगभग 100 पुराना बताया जा रहा है. यह मदरसा इजाजुद्दीन संचालित करते हैं. इसमें 70 छात्र, दो शिक्षक हैं. उर्दू, अरबी की शिक्षा दी जाती है.

सदर तहसील में सबसे ज्यादा मिले मदरसा
बीते तीन माह में अल्पसंख्यक विभाग ने मदरसों की जांच की थी. तहसील स्तर पर गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की जांच कराई गई थी. जिसमें सदर तहसील में 20, किरावली में 12 और फतेहाबाद व बाह तहसील क्षेत्र में एक-एक गैर मान्यता प्राप्त मदरसा मिला है. खेरागढ़ और एत्मादपुर तहसील क्षेत्र में एक भी ऐसा मदरसा नहीं मिला है. जो, बिना अनुमति के संचालित हो रहा हो.

शासन को भेजी रिपोर्ट
जिला अल्पसंख्यक अधिकारी प्रशांत कुमार ने बताया कि, शासन के आदेश पर तय मानकों के आधार पर जिले में मदरसों में बच्चों की संख्या, इमारत, मूलभूत सुविधाएं और पढ़ाई के स्तर पर सर्वे किया था. जिसकी रिपोर्ट डीएम के माध्यम से शासन को भेज दी गई है.

पढ़ेंः यूपी में मदरसों का सर्वे, जानिए क्या हैं आंकड़े

Last Updated : Dec 15, 2022, 12:41 PM IST
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