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डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में समय से डिग्री न मिलने से छात्र परेशान - समय से डिग्री न मिलने से छात्र परेशान

आगरा के डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में समय से डिग्री न मिल पाने की वजह से छात्र छात्राओं को विभाग के चक्कर काटने पड़ रहे हैं. समय से डिग्री न मिल पाने की वजह से छात्र छात्राओं का भविष्य खराब होते नजर आ रहा है.

डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में समय से डिग्री न मिलने से छात्र परेशान
डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में समय से डिग्री न मिलने से छात्र परेशान
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Published : Nov 19, 2020, 5:18 PM IST

आगरा: डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में डिग्री बनाने के लिए आवेदन प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया गया था. इसके बाद से छात्र छात्राओं को ओरिजिनल और प्रोविजनल डिग्री बनवाने के लिए ऑनलाइन जाकर आवेदन करना होता है, जिसके लिए छात्र छात्राओं को आवेदन शुल्क भी जमा करना होता है. लेकिन ऑनलाइन प्रक्रिया अब छात्र छात्राओं के लिए सिरदर्द बनती नजर आ रही है. समय से डिग्री न मिल पाने की वजह से छात्र छात्राओं को विभाग के चक्कर काटने पड़ रहे हैं और उनका भविष्य खराब होते नजर आ रहा है.

डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में समय से डिग्री न मिलने से छात्र परेशान

बरहन निवासी मुकेश कुमार ने विश्वविद्यालय से संबंधित कॉलेज से 2004 में बीए और 2006 में एमए की परीक्षा उत्तीर्ण की थी. इसके बाद मुकेश टीजीटी की तैयारी कर रहे थे, जिसमें उन्हें साक्षात्कार के लिए इलाहाबाद जाना है. जहां पर उन्हें उनके पाठ्यक्रम से संबंधित डिग्री साथ लेकर जानी है. जिसके लिए मुकेश ने जून 2018 में एमए और बीए की डिग्री के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था. लेकिन करीब 2 साल बीतने के बाद भी छात्र विश्वविद्यालय में चक्कर काटने को मजबूर है. अब वह करीब चौथी बार प्रोविजनल डिग्री निकलवा कर अपना भविष्य बचाने में लगे हुए हैं.

अंक तालिका की मूल प्रति देखने के लिए रोका डिग्री का काम
मुकेश कुमार ने बताया कि उसकी एमए की डिग्री जब कई दिनों तक बनकर नहीं आई तो वह विभाग में पता करने गया. जहां पर विभाग प्रभारी शिव सिंह कुशवाह ने छात्र से एमए की मूल अंकतालिका की मांग की, जबकि हर छात्र-छात्रा की अंकतालिका की प्रति ऑनलाइन अपलोड रहती है. छात्र का कहना है कि बिना वजह के उससे चक्कर लगवाए जा रहे हैं और अनावश्यक रूप से परेशान किया जा रहा है.

चार्ट रूम में फंसी है बीए की डिग्री
मुकेश कुमार ने बताया कि एमए के साथ साथ उसने बीए की डिग्री के लिए भी आवेदन किया था, लेकिन बीए की डिग्री का भी यही हाल है. करीब 836 दिन बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक बीए की डिग्री चार्ट रूम में ही फंसी हुई है, जिसकी वजह से उसे चार्ट रूम के भी चक्कर लगाने पड़ रहे हैं.

छात्र-छात्राओं की डिग्री की प्रक्रिया में सुधार किया जा रहा है और मैं खुद रोजाना 400 से 500 डिग्री देख रहा हूं. बाकी और विभागों को निर्देशित कर दिया गया है. अनावश्यक रूप से किसी भी छात्र-छात्रा को बार-बार परेशान न किया जाए. जल्द से जल्द उनकी डिग्री उपलब्ध कराई जाए. अगर फिर भी कोई समस्या है तो छात्र-छात्रा मुझसे आकर मिल सकते हैं.
- राजीव कुमार, परीक्षा नियंत्रक

आगरा: डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में डिग्री बनाने के लिए आवेदन प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया गया था. इसके बाद से छात्र छात्राओं को ओरिजिनल और प्रोविजनल डिग्री बनवाने के लिए ऑनलाइन जाकर आवेदन करना होता है, जिसके लिए छात्र छात्राओं को आवेदन शुल्क भी जमा करना होता है. लेकिन ऑनलाइन प्रक्रिया अब छात्र छात्राओं के लिए सिरदर्द बनती नजर आ रही है. समय से डिग्री न मिल पाने की वजह से छात्र छात्राओं को विभाग के चक्कर काटने पड़ रहे हैं और उनका भविष्य खराब होते नजर आ रहा है.

डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में समय से डिग्री न मिलने से छात्र परेशान

बरहन निवासी मुकेश कुमार ने विश्वविद्यालय से संबंधित कॉलेज से 2004 में बीए और 2006 में एमए की परीक्षा उत्तीर्ण की थी. इसके बाद मुकेश टीजीटी की तैयारी कर रहे थे, जिसमें उन्हें साक्षात्कार के लिए इलाहाबाद जाना है. जहां पर उन्हें उनके पाठ्यक्रम से संबंधित डिग्री साथ लेकर जानी है. जिसके लिए मुकेश ने जून 2018 में एमए और बीए की डिग्री के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था. लेकिन करीब 2 साल बीतने के बाद भी छात्र विश्वविद्यालय में चक्कर काटने को मजबूर है. अब वह करीब चौथी बार प्रोविजनल डिग्री निकलवा कर अपना भविष्य बचाने में लगे हुए हैं.

अंक तालिका की मूल प्रति देखने के लिए रोका डिग्री का काम
मुकेश कुमार ने बताया कि उसकी एमए की डिग्री जब कई दिनों तक बनकर नहीं आई तो वह विभाग में पता करने गया. जहां पर विभाग प्रभारी शिव सिंह कुशवाह ने छात्र से एमए की मूल अंकतालिका की मांग की, जबकि हर छात्र-छात्रा की अंकतालिका की प्रति ऑनलाइन अपलोड रहती है. छात्र का कहना है कि बिना वजह के उससे चक्कर लगवाए जा रहे हैं और अनावश्यक रूप से परेशान किया जा रहा है.

चार्ट रूम में फंसी है बीए की डिग्री
मुकेश कुमार ने बताया कि एमए के साथ साथ उसने बीए की डिग्री के लिए भी आवेदन किया था, लेकिन बीए की डिग्री का भी यही हाल है. करीब 836 दिन बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक बीए की डिग्री चार्ट रूम में ही फंसी हुई है, जिसकी वजह से उसे चार्ट रूम के भी चक्कर लगाने पड़ रहे हैं.

छात्र-छात्राओं की डिग्री की प्रक्रिया में सुधार किया जा रहा है और मैं खुद रोजाना 400 से 500 डिग्री देख रहा हूं. बाकी और विभागों को निर्देशित कर दिया गया है. अनावश्यक रूप से किसी भी छात्र-छात्रा को बार-बार परेशान न किया जाए. जल्द से जल्द उनकी डिग्री उपलब्ध कराई जाए. अगर फिर भी कोई समस्या है तो छात्र-छात्रा मुझसे आकर मिल सकते हैं.
- राजीव कुमार, परीक्षा नियंत्रक

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