आगरा: निडर...चीते जैसी फुर्ती... बुलंद हौसले... मजबूत इरादे... पलक झपकते ही किसी खतरे को भांपने में सक्षम... और हर मुश्किल को मात देने में माहिर. ऐसे कमांडो को आगरा का पैरा ट्रेनिंग स्कूल (पीटीएस) और जोशीला बनाता है. यहां पर गरुड़ कमांडो, मरीन कमांडो और मारकोस कमांडो के साथ ही दूसरे कमांडो को भी स्पेशल ट्रेनिंग दी जाती है, जिससे वह और फौलादी बन जाते हैं. देश के एकमात्र पीटीएस आगरा को 'स्काई हॉक्स' कहा जाता है. भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने भी आगरा पीटीएस में ट्रेनिंग ली थी. यहां हर साल 13 हजार कमांडो को पैराजंपिंग की ट्रेनिंग दी जाती है. मलपुरा ड्रॉपिंग जोन पर हर दिन 300 कमांडोज जंप करते हैं और साल में 50 हजार से ज्यादा जंप कराई जाती हैं.
1अगस्त 1949 को हुई थी शुरुआत
यहां ट्रेनिंग की शुरुआत 1अगस्त सन् 1949 में की गई थी. यह 'स्काई हॉक्स' के नाम से फेमस है. आगरा पीटीएस के प्रभारी केबीएस साम्यल ने बताया कि इसमें तीनों सेनाओं के कमांडो की ट्रेनिंग होती है. तीनों फोर्स के कमांडो का चयन करके यहां ट्रेनिंग के लिए भेजा जाता है. इनमें एयरफोर्स के गरुण कमांडो, नेवी के मरीन और नौसेना के मारकोस कमांडो को पैराजंपिंग की ट्रेनिंग दी जाती है.
12 दिन का कराया जाता है बेसिक कोर्स...
स्क्वाड्रन वी त्यागी ने बताया कि आगरा पीटीएस में पहले स्पेशल हैंगर में 12 दिन की पैराजंपिंग ट्रेनिंग दी जाती है. इन दिनों में सर्वश्रेष्ठ बनना या फेल होकर वापस जाना होता है. फिर फाइनल जंप का रिहर्सल कराया जाता है और रिहर्सल में पास होने के बाद ही जंपर को विमान से कूदने का मौका मिलता है. हर कमांडो को पांच जंप कराई जाती हैं इनमें चार जंप दिन में और एक जंप रात में कराई जाती है.
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जानिए किस प्रकार के दिए जाते हैं टास्क
पैरा कमांडो के जिम्मे स्पेशल ऑपरेशन, डायरेक्ट एक्शन, बंधक समस्या, आतंकवाद विरोधी अभियान, गैरपरंपरागत हमले, विशेष टोही मुहिम, विदेश में आंतरिक सुरक्षा, विद्रोह को कुचलने, दुश्मन को तलाशने और तबाह करने जैसे टास्क दिए जाते हैं
इन ऑपरेशन में दिखा आगरा पीटीएस का दम
4 जून 2015 को मणिपुर में उग्रवादियों ने देश के 18 जवानों को शहीद किया. इसका बदला लेने का काम पैरा कमांडो को सौंपा गया था. सभी कमांडो ने आगरा पीटीएस में स्पेशल पैराजंपिंग ट्रेनिंग ली थी. इन कमांडो ने म्यांमार सीमा में घुसकर 38 उग्रवादियों को ढेर कर दिया था. वहीं 29 सितम्बर 2016 को पाकिस्तान की सीमा में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक कर आतंकियों को ढेर किया था. सर्जिकल स्ट्राइक करने वाले इन स्पेशल कमांडो की भी ट्रेनिंग आगरा के पीटीएस (पैरा ट्रेनिंग स्कूल) में ही हुई थी.
ट्रेनिंग के स्पेशल 3 पार्ट
- पहला इसमें एएन- 32 एयरक्राफ्ट से एग्जिट होना.
- दूसरा एयरक्राफ्ट से आउट लैन्डिंग करना.
- तीसरा एयरक्राफ्ट से लैन्डिंग पैरा फॉल जो ट्रनिंग का सबसे कठिन हिस्सा होता है.