आगरा: ताजनगरी में मंगलवार शाम यमुना किनारे मेहताब बाग के पास ताजमहल के पार्श्व में सोल फ्लायर्स ने आसमान में करबत दिखाए. सोल फ्लायर्स ने हवा में 6 हजार की फीट पर तिरंगा बनाया. हवा में सोल फ्लायर्स की कलाबाजी और करतब देखने के लिए भीड़ भी जमा हुई. लोगों ने हवा में कलाबाजी कर रहे सोल फ्लायर्स पर खूब तालियां बजाईं. इधर, सोल फ्लायर्स ने बिना अनुमति के मेहताब बाग में कास्ट्यूम के साथ फोटोग्राफी कराई. जो एक व्यावसायिक गतिविधि है. इसलिए, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) अब तीनों सोल फ्लायर्स के खिलाफ FIR दर्ज कराएगा.
दरअसल, एनर्जी ड्रिंक कंपनी रेड बुल की ओर से मंगलवार शाम यमुना किनारे मेहताब बाग के पास ग्यारह सीढ़ी स्थित ताज व्यू प्वॉइंट पर ताजमहल के पार्श्व में जंपिंग का कार्यक्रम हुआ. ताजमहल के पार्श्व में तिरंगा का फारमेशन बनाते हुए 3 सोल फ्लायर्स ने 6 हजार फीट की ऊंचाई से जंपिंग की.
रेड बुल इंडिया कंपनी की ओर से पहले 9 अक्टूबर को यह कार्यक्रम ताजमहल के आसपास करने का ऐलान किया गया था. इस पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने ताजमहल की 500 मीटर की परिधि में कार्यक्रम कंपनी को जंपिंग की अनुमति नहीं दी. इस पर रेड बुल इंडिया कंपनी ने अपने कार्यक्रम में बदलाव किया गया. दोबारा से कंपनी की ओर से एडीएम सिटी से अनुपति ली. इस पर मंगलवार शाम यमुना किनारे मेहताब बाग के पास स्थित 11 सीढ़ी पर सोल फ्लायर्स की जंपिंग का कार्यक्रम किया गया है.
सोल फ्लायर्स ने कराया फोटोशूट
फांस के सोल फ्लायर्स ने जंप की. सोल फ्लायर्स ने 6 हजार फीट की ऊंचाई पर गए और वहां से छलांग लगाई. इस दौरान तीनों ने हवा में तिरंगे की फारमेशन बनाई. जिसे देखकर मौके पर मौजूद लोगों ने तालियां बजाकर सराहा. तीनों सोल फ्लायर्स ने खुले आसमान में हवा में करतब दिखाए. इसके बाद विंग शूट के माध्यम से तीनों ने जमीन पर लैंड किया. तीनों सोल फ्लायर्स ने ताजमहल के पार्श्व में खूब फोटो शूट कराए. इस अवसर पर सोल फ्लायर्स फ्रेडरिक ने बताया कि, ताजमहल के पास इससे पहले किसी ने इस तरह का प्रयास नहीं किया. यह बेहद अच्छा अनुभव रहा है. दोनों साथियों की इंडिया में यह पहली जंप है.
स्मारक से निकाले गए बाहर
तीनों फ्लायर्स बैग में विंग सूट छुपाकर ले गए थे. इसके बाद उन्होंने स्मारक में विंग सूट पहनकर फोटोशूट करवाया था. जब कर्मचारियों ने उन्हें ऐसा करते देखा तो स्मारक से बाहर निकाल दिया था. इस बारे में एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद राजकुमार पटेल ने बताया कि, मेहताब बाग के अंदर शूटिंग की अनुमति किसी ने नहीं ली थी. प्राचीन स्मारक, पुरातत्वीय स्थल और अवशेष अधिनियम, 1959 के नियम आठ-डी के तहत स्मारक में व्यावसायिक गतिविधि नहीं हो सकती है. इसलिए, आज हम इस मामले में मुकदमा दर्ज कराएंगे.
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