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Exam Solver Gang: एसएससी परीक्षा के सॉल्वर गैंग के सरगना समेत छह सदस्य गिरफ्तार

आगरा में पुलिस ने परीक्षा सॉल्वर गैंग के मुखिया समेत छह सदस्यों को गिरफ्तार किया है. पुलिस को गिरफ्तार अभियुक्तों के पास नगदी, लैपटॉप और अन्य सामान बरामद हुआ है.

एसएससी परीक्षा के सॉल्वर गैंग
एसएससी परीक्षा के सॉल्वर गैंग
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Published : Jan 13, 2023, 7:09 PM IST

आगरा में सॉल्वर गैंग के सरगना समेत आधा दर्जन सदस्य गिरफ्तार

आगरा: खेरागढ़ तहसील के थाना सैंया क्षेत्र से पुलिस ने गुरुवार को एसएससी परीक्षा के सॉल्वर गैंग के सरगना समेत छह सदस्यों को दबोच लिया है. पुलिस ने गिरफ्तार अभियुक्तों के पास से नगदी, एडमिट कार्ड, लैपटॉप, फर्जी फिंगर प्रिंट बनाने का समेत अन्य सामग्री बरामद की है.

पुलिस उपायुक्त विकास कुमार के मुताबिक गुरुवार को थाना सैंया क्षेत्र में गश्त के दौरान पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि कुनाल पब्लिक स्कूल के पास एक ऑल्टो कार में कुछ लोग बैठे हुए हैं, जो परीक्षा में फर्जी अभ्यर्थी बैठाकर परीक्षा पास कराने की बात कर रहे हैं. सूचना पर सैंया पुलिस मौके पर पहुंची तो कार में बैठे व्यक्ति पुलिस को देखकर भागने लगे. इस दौरान पुलिस ने छह व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया. अभियुक्तों के पास से एक लैपटॉप, दो चैक बुक, एक एडमिट कार्ड, एक मार्कशीट, दो फिंगर प्रिंट और 21750 की नगदी बरामद हुई है.

पकड़े गए व्यक्तियों ने अपना नाम दीपू उर्फ देवेंद्र पुत्र रामहरि निवासी अरनिया थाना गोंडा, भगत सिंह उर्फ गोला पुत्र ऋषि कुमार निवासी जैथोली थाना इगलास, पुष्पेंद्र सिंह पुत्र चंद्र प्रकाश निवासी भड़ीरा थाना गोंडा, कुलदीप सिंह पुत्र रामगोपाल निवासी बलीपुर थाना खैर, धर्मेंद्र उर्फ डीके पुत्र जयवीर सिंह निवासी फतेहपुर थाना इगलास, अलीगढ़ और पवन कुमार पुत्र गेंदा लाल निवासी नया नगला, थाना हाथरस गेट बताया है.

पुलिस उपायुक्त के मुताबिक पुलिस पूछताछ में दीपू उर्फ देवेंद्र ने बताया कि वह अपने गिरोह के साथी पवन और धर्मेंद्र उर्फ डीके के माध्यम से परीक्षार्थियों से संपर्क करके परीक्षा पास कराने के लिए रुपये लेकर जली फिंगर प्रिंट बनवाता है. इसके बाद परीक्षाओं में अभ्यर्थियों के स्थान पर सॉल्वर भगत सिंह, कुलदीप को बैठाते हैं. पवन और धर्मेंद्र उर्फ डीके परीक्षा में बैठे भगत सिंह और कुलदीप को जाली फिंगर प्रिंट उपलब्ध कराते हैं. इस तरह से गिरोह के सभी सदस्य अभ्यर्थियों को पास कराकर रुपये कमाते थे.

दीपू ने बताया कि 11 जनवरी 2023 को एसएससी द्वारा आयोजित की गई जीडी की परीक्षा में सैंया के कुनाल पब्लिक स्कूल में अभ्यर्थी पुष्पेंद्र के स्थान पर नकली फिंगर प्रिंट बनाकर सॉल्वर भगत सिंह से परीक्षा दिलवाई थी. एसएससी परीक्षा के अभ्यर्थी पुष्पेंद्र से पूछताछ करने पर उसने बताया कि उसकी दीपू और पवन से परीक्षा पास कराने के लिए एक लाख रुपये तय हुए थे. जिसमें उसने तीस हजार रूपये फिंगर प्रिंट तैयार कराते समय और पचास हजार परीक्षा से एक दिन पहले पवन को दे दिए. सॉल्वर कुलदीप सिंह से बरामद हुए दो फिंगर प्रिंट चिप के बारे में उसने बताया कि 11 जनवरी को कुनाल पब्लिक स्कूल में आयोजित हुई परीक्षा में अभ्यर्थी पुष्पेंद्र के स्थान पर उसने ही परीक्षा दी थी. परीक्षा देने के लिए पहले से वह तय 30 हजार रुपये दीपू और पवन से लेने और फिंगर प्रिंट चिप वापिस करने आया था.

पुलिस उपायुक्त नगर विकास कुमार ने बताया कि पकड़ा गया गैंग रुपये लेकर परीक्षार्थी के नकली फिंगर प्रिंट तैयार करके केंद्र और राज्य स्तरों पर आयोजित होने वाली परीक्षाओं में सॉल्वर बैठाकर परीक्षा पास कराने का कार्य करते हैं. सॉल्वर गैंग का सरगना दीपू उर्फ देवेंद्र उसके साथी पवन और धर्मेंद्र उर्फ डीके की मदद से परीक्षार्थियों से संपर्क करता है. जाली फिंगर प्रिंट तैयार करके कुलदीप और भगत सिंह को परीक्षा में बैठाता है. पकड़े जाने से बचने के लिए मूल एडमिट कार्ड की फोटो को रगड़कर पहचान छुपा देते हैं. पुलिस को पकड़े गए अभियुक्तों के मोबाइल को चेक करने पर पूर्व में आयोजित हुई रेलवे, यूपी और राजस्थान की परीक्षाओं में अभ्यर्थियों के स्थान पर सॉल्वर बैठाने के साक्ष्य भी मिले हैं.

यह भी पढे़ं: आगरा: पुलिस भर्ती के सॉल्वर गैंग का खुलासा, फोटोशॉप से करते थे चेहरे की मिक्सिंग

आगरा में सॉल्वर गैंग के सरगना समेत आधा दर्जन सदस्य गिरफ्तार

आगरा: खेरागढ़ तहसील के थाना सैंया क्षेत्र से पुलिस ने गुरुवार को एसएससी परीक्षा के सॉल्वर गैंग के सरगना समेत छह सदस्यों को दबोच लिया है. पुलिस ने गिरफ्तार अभियुक्तों के पास से नगदी, एडमिट कार्ड, लैपटॉप, फर्जी फिंगर प्रिंट बनाने का समेत अन्य सामग्री बरामद की है.

पुलिस उपायुक्त विकास कुमार के मुताबिक गुरुवार को थाना सैंया क्षेत्र में गश्त के दौरान पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि कुनाल पब्लिक स्कूल के पास एक ऑल्टो कार में कुछ लोग बैठे हुए हैं, जो परीक्षा में फर्जी अभ्यर्थी बैठाकर परीक्षा पास कराने की बात कर रहे हैं. सूचना पर सैंया पुलिस मौके पर पहुंची तो कार में बैठे व्यक्ति पुलिस को देखकर भागने लगे. इस दौरान पुलिस ने छह व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया. अभियुक्तों के पास से एक लैपटॉप, दो चैक बुक, एक एडमिट कार्ड, एक मार्कशीट, दो फिंगर प्रिंट और 21750 की नगदी बरामद हुई है.

पकड़े गए व्यक्तियों ने अपना नाम दीपू उर्फ देवेंद्र पुत्र रामहरि निवासी अरनिया थाना गोंडा, भगत सिंह उर्फ गोला पुत्र ऋषि कुमार निवासी जैथोली थाना इगलास, पुष्पेंद्र सिंह पुत्र चंद्र प्रकाश निवासी भड़ीरा थाना गोंडा, कुलदीप सिंह पुत्र रामगोपाल निवासी बलीपुर थाना खैर, धर्मेंद्र उर्फ डीके पुत्र जयवीर सिंह निवासी फतेहपुर थाना इगलास, अलीगढ़ और पवन कुमार पुत्र गेंदा लाल निवासी नया नगला, थाना हाथरस गेट बताया है.

पुलिस उपायुक्त के मुताबिक पुलिस पूछताछ में दीपू उर्फ देवेंद्र ने बताया कि वह अपने गिरोह के साथी पवन और धर्मेंद्र उर्फ डीके के माध्यम से परीक्षार्थियों से संपर्क करके परीक्षा पास कराने के लिए रुपये लेकर जली फिंगर प्रिंट बनवाता है. इसके बाद परीक्षाओं में अभ्यर्थियों के स्थान पर सॉल्वर भगत सिंह, कुलदीप को बैठाते हैं. पवन और धर्मेंद्र उर्फ डीके परीक्षा में बैठे भगत सिंह और कुलदीप को जाली फिंगर प्रिंट उपलब्ध कराते हैं. इस तरह से गिरोह के सभी सदस्य अभ्यर्थियों को पास कराकर रुपये कमाते थे.

दीपू ने बताया कि 11 जनवरी 2023 को एसएससी द्वारा आयोजित की गई जीडी की परीक्षा में सैंया के कुनाल पब्लिक स्कूल में अभ्यर्थी पुष्पेंद्र के स्थान पर नकली फिंगर प्रिंट बनाकर सॉल्वर भगत सिंह से परीक्षा दिलवाई थी. एसएससी परीक्षा के अभ्यर्थी पुष्पेंद्र से पूछताछ करने पर उसने बताया कि उसकी दीपू और पवन से परीक्षा पास कराने के लिए एक लाख रुपये तय हुए थे. जिसमें उसने तीस हजार रूपये फिंगर प्रिंट तैयार कराते समय और पचास हजार परीक्षा से एक दिन पहले पवन को दे दिए. सॉल्वर कुलदीप सिंह से बरामद हुए दो फिंगर प्रिंट चिप के बारे में उसने बताया कि 11 जनवरी को कुनाल पब्लिक स्कूल में आयोजित हुई परीक्षा में अभ्यर्थी पुष्पेंद्र के स्थान पर उसने ही परीक्षा दी थी. परीक्षा देने के लिए पहले से वह तय 30 हजार रुपये दीपू और पवन से लेने और फिंगर प्रिंट चिप वापिस करने आया था.

पुलिस उपायुक्त नगर विकास कुमार ने बताया कि पकड़ा गया गैंग रुपये लेकर परीक्षार्थी के नकली फिंगर प्रिंट तैयार करके केंद्र और राज्य स्तरों पर आयोजित होने वाली परीक्षाओं में सॉल्वर बैठाकर परीक्षा पास कराने का कार्य करते हैं. सॉल्वर गैंग का सरगना दीपू उर्फ देवेंद्र उसके साथी पवन और धर्मेंद्र उर्फ डीके की मदद से परीक्षार्थियों से संपर्क करता है. जाली फिंगर प्रिंट तैयार करके कुलदीप और भगत सिंह को परीक्षा में बैठाता है. पकड़े जाने से बचने के लिए मूल एडमिट कार्ड की फोटो को रगड़कर पहचान छुपा देते हैं. पुलिस को पकड़े गए अभियुक्तों के मोबाइल को चेक करने पर पूर्व में आयोजित हुई रेलवे, यूपी और राजस्थान की परीक्षाओं में अभ्यर्थियों के स्थान पर सॉल्वर बैठाने के साक्ष्य भी मिले हैं.

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