आगराः ताजनगरी में यमुना का रौद्र रूप दिखने लगा है, जिससे आगरा के सबसे बड़े श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार करने से रोक लगा दी गई है. यमुना का पानी ताजगंज श्मशान घाट के अंदर पहुंच गया है. आशंका है कि जिस तरह से यमुना का पानी बढ़ रहा है, उससे जल्द ही घाट का पूरा परिसर जलमग्न हो जाएगा. हालात देखते हुए घाट पर लगे प्रदूषण नियंत्रण को लगाई गई मशीन खोल कर सुरक्षित जगह पहुंचाने का काम किया जा रहा है, ताकि पानी से ये मशीने खराब न हों और स्थिति सामान्य होने पर इन्हें फिर से लगाया जा सके. ये मशीन चिताओं से उठने वाले धुएं को फिल्टर करने का काम करती हैं. यमुना का हाल देखकर लोगों को 1978 जैसी बाढ़ का डर सताने लगा है.
श्मशान घाट प्रबंधन समिति का कहना है कि यमुना के बढ़ते जलस्तर की संभावना को देखते हुए घाट पर अंतिम संस्कार कराने पहुंच रहे लोगों को मायूसी हाथ लग रही है. लोग मजबूरन विद्युत शवदाह गृह में अंतिम संस्कार करने पहुंच रहे है. ताजगंज श्मशान घाट जैसे हालात यमुना किनारे बने हुए अन्य श्मशान घाट पर भी बनने लगे हैं. वहां भी ऊंचे स्थानों पर अंतिम संस्कार कराए जा रहे है. गौरतलब है कि देश की राजधानी दिल्ली में यमुना की बाढ़ से हाहाकार मचा हुआ है. यमुनान नदी के बढ़े हुए जलस्तर ने मथुरा और आगरा में बाढ़ का खतरा बढ़ दिया है. आगरा में यमुना का पानी अब निचले इलाकों में भरने लगा है. दयालबाग, सिकंदरपुर के खेत जलमग्न हो गए हैं. नाले लबालब भर हुए है. आगरा में हर घंटे यमुना का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच रही है.
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