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10 माह की बच्ची से बलात्कार के दोषी को आजीवन कारावास, 1.50 लाख का जुर्माना - बलात्कार के दोषी को आजीवन कारावास

आगरा जिले में एडीजे (पॉक्सो एक्ट) वीके जायसवाल ने 10 माह की बच्ची के साथ बलात्कार के मामले में दोषी युवक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही कोर्ट ने डेढ़ लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

बलात्कार के दोषी को आजीवन कारावास
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Published : Mar 22, 2021, 10:49 PM IST

आगरा: एडीजे (पॉक्सो एक्ट) वीके जायसवाल ने सोमवार को 10 माह की बच्ची के साथ बलात्कार के मामले में बड़ा फैसला सुनाया है. एडीजे ने बलात्कार के दोषी युवक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. सजा सुनते ही दोषी युवक के चेहरे का रंग बदल गया. उसकी आंखों में आंसू आ गए. न्यायाधीश ने अपने फैसले में लिखा कि 10 माह की बच्ची की कोई भाषा नहीं होती है. मुस्कुराना और रोना ही उसकी भाषा होती है. बच्ची के साथ किया गया अपराध बेहद ही घिनौना है. न्यायाधीश ने आजीवन कारावास के साथ ही दोषी पर डेढ़ लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.


क्या था मामला

दरअसल, 20 अगस्त 2016 को कागारौल थाना में एक व्यक्ति ने अपनी 10 माह की बच्ची के साथ दुष्कर्म करने की शिकायत दी थी. जिसमें आरोपी पड़ोसी सचिन था. आरोपी सचिन उस दिन बच्ची को खिलाने की बात कहकर ले गया था. जहां आरोपी ने बच्ची के साथ हैवानियत की. उसके बाद उसे घर के पास लहूलुहान हालत में छोड़ गया था. परिजनों ने आरोपी के खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज कराई. इसके बाद पुलिस ने आरोपी को पकड़ कर जेल भेज दिया था.


मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर सजा

इस पूरे मामले में सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता विमलेश आनंद का कहना है कि इस मामले में 6 गवाह पेश किए गए. गवाहों के बयान के साथ ही मासूम बच्ची की मेडिकल रिपोर्ट सजा का आधार बनी है.

आगरा: एडीजे (पॉक्सो एक्ट) वीके जायसवाल ने सोमवार को 10 माह की बच्ची के साथ बलात्कार के मामले में बड़ा फैसला सुनाया है. एडीजे ने बलात्कार के दोषी युवक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. सजा सुनते ही दोषी युवक के चेहरे का रंग बदल गया. उसकी आंखों में आंसू आ गए. न्यायाधीश ने अपने फैसले में लिखा कि 10 माह की बच्ची की कोई भाषा नहीं होती है. मुस्कुराना और रोना ही उसकी भाषा होती है. बच्ची के साथ किया गया अपराध बेहद ही घिनौना है. न्यायाधीश ने आजीवन कारावास के साथ ही दोषी पर डेढ़ लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.


क्या था मामला

दरअसल, 20 अगस्त 2016 को कागारौल थाना में एक व्यक्ति ने अपनी 10 माह की बच्ची के साथ दुष्कर्म करने की शिकायत दी थी. जिसमें आरोपी पड़ोसी सचिन था. आरोपी सचिन उस दिन बच्ची को खिलाने की बात कहकर ले गया था. जहां आरोपी ने बच्ची के साथ हैवानियत की. उसके बाद उसे घर के पास लहूलुहान हालत में छोड़ गया था. परिजनों ने आरोपी के खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज कराई. इसके बाद पुलिस ने आरोपी को पकड़ कर जेल भेज दिया था.


मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर सजा

इस पूरे मामले में सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता विमलेश आनंद का कहना है कि इस मामले में 6 गवाह पेश किए गए. गवाहों के बयान के साथ ही मासूम बच्ची की मेडिकल रिपोर्ट सजा का आधार बनी है.

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