आगरा. डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के 87वें दीक्षांत समारोह में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने 169 मेधावी छात्रों को पदक प्रदान किए. समारोह में कुल 118743 छात्र-छात्राओं को डिग्रियां दी गईं. पहली बार पीएचडी और डीलिट के छात्रों को मंच पर डिग्री दी गई. आवासीय इकाई के छात्रों को भी डिग्रियां दी गई. खंदारी परिसर में आयोजित इस दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने की. मुख्य अतिथि के रूप में चिदानंद सरस्वती महाराज मौजूद रहे.
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा, 'मेरे जमाने में क्लास में एक-दो ही लड़कियां ही पढ़ती थीं लेकिन आज बेटियां आगे बढ़ रही हैं. यहां पर 70% से ज्यादा मेडल बेटियों के नाम रहे हैं. बेटियां आज हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहीं हैं. लड़ाकू विमान भी बेटियां उड़ा रही हैं. बेटियों को बधाई और शुभकामनाएं. बेटों को भी शुभकामनाएं. जागरूकता के कारण ही महिलाएं अपनी मर्जी और मन से वोटिंग करके देश का उत्थान करने वाली सरकार बना रहीं हैं'.
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विश्वविद्यालय में सकारात्मक माहौल बनाएं : राज्यपाल आनंदीबेन ने शिक्षक, छात्र और छात्राओं को नसीहत देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय में सकारात्मक माहौल बनाएं रखें. सभी अपनी जिम्मेदारी समझें. तभी विश्वविद्यालय ऊंचाइयां छू पाएगा. इस विश्वविद्यालय ने देश को पीएम और राष्ट्रपति के साथ सुरक्षा सलाहकार भी दिए हैं. उन्होंने छात्रों से कहा कि सभी समय से काॅलेज जाएं जबकि शिक्षकों को सलाह दी कि वे मन से स्टूडेंट्स को पढ़ाएं.
इस विश्वविद्यालय ने दो राष्ट्रपति तीन पीएम दिए हैं: चिदानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि इस विश्वविद्यालय ने दो राष्ट्रपति, तीन पीएम और एक राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दिए हैं. उन्होंने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि आज गवर्नर हाउस सेवा हाउस में बदल गया है. उन्होंने छात्रों से कहा कि मेडल जितने मिल सकें उतने लो लेकिन जीवन का मॉडल बनाओ कि जब तक मैं रहूं, दिए की तरह जलता रहूं.
उन्होंने कहा कि सभी समाज के लिए काम करें. जो दूसरों के आंसू पीता है, उसी का जीवन सफल है. आज धन के साथ साथ धर्म की भी काफी जरूरत है. धन आपको बाहर की सुख सुविधाएं देगा तो धर्म आपको ऐश्वर्य देगा. मंदिर, मस्जिद, चर्च और गिरजाघर की तरह दिल को मंदिर बनाएं. इसकी जिसकी मस्ती जिंदा है, उसकी हस्ती जिंदा है. आप सभी समय की कीमत को पहचानिए. गंगा कोई भेदभाव नहीं करती है, वैसे ही हमें किसी से भेदभाव नहीं करना है. हम सबको बहनों का सम्मान करना चाहिए.
129 स्वर्ण और 40 रजत पदक प्रदान किए गए: कुलपति प्रो. विनय पाठक ने कहा कि इस बार दीक्षांत समारोह में 129 स्वर्ण पदक और 40 रजत पदक प्रदान किए गए हैं. इस मौके पर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने विश्वविद्यालय के दो भवनों और चार ऑनलाइन योजनाओं का लोकार्पण किया.
विश्वविद्यालय के डिजीलाकर में वर्ष 2015 से लेकर 2020 तक की 6,98,857 डिग्रियां और 11,85,672 अंकतालिकाएं अपलोड कर दी गईं हैं. सभी पर कुलपति और परीक्षा नियंत्रक के ई-हस्ताक्षर हैं. छात्र-छात्राएं एक क्लिक पर अपने प्रमाण पत्र देख सकते हैं. इन प्रमाण पत्रों के सत्यापन की आवश्यकता नहीं है.
विश्वविद्यालय की वेबसाइट का बदला डोमेन : अब तक विश्वविद्यालय की वेबसाइट का डोमेन ओआरजी डाट इन था जो अब एसी डाट इन हो गया है. इस वेबसाइट पर छात्रों को संबद्ध काॅलेजों और विश्वविद्यालय की गतिविधियों की हर नवीनतम जानकारी है.
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