आगरा: लॉकडाउन में जिले में खूब कालाबाजारी हो रही है. जिला प्रशासन को जारी किए गए हेल्पलाइन नंबरों पर लोगों की ओर से शिकायत मिल रही है मगर कालाबाजारी करने वालों पर अंकुश नहीं लग रहा है. इसके कारण जिला प्रशासन इस बारे में नाकाम साबित हो रहा है.
इसको लेकर आगरा कमिश्नर अनिल कुमार ने विशेष बैठक की, जिसमें कोरोना वायरस (कोविड-19) से बचाव, रोकथाम और आमजन को उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं की समीक्षा की गई. कमिश्नर ने उपायुक्त खाद्य को निर्देश दिए कि कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करें. जनता को परेशानी नहीं होनी चाहिए.
समीक्षा बैठक में कमिश्नर अनिल कुमार ने खाने के पैकेट की व्यवस्था के लिए अपर आयुक्त (प्रशासन) साहब सिंह से कहा कि एक नोडल अधिकारी नामित करें. खाद्यान्न का वितरण पात्रों को नियमानुसार किया जाए. कमिश्नर अनिल कुमार ने एडी हेल्थ को निर्देशित किया कि वे सीएमओ और सीएमएस से समन्वय करके सूचनाओं का प्रेषण सुनिश्चित करें. इससे सूचनाओं में भ्रम की स्थिति उत्पन्न न हो. उपायुक्त खाद्य ने बताया कि कालाबाजारी और अन्य शिकायतों की जांच करके पांच लोगों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है.
बैठक में संयुक्त विकास आयुक्त अशोक बाबू मिश्रा ने बताया कि 6080 मनरेगा कार्ड धारकों के खातों में एक हजार रुपये के हिसाब से धनराशि प्रेषित की जा चुकी है. 17 हजार पात्रों को भी चिन्हित किया है, जो अभी तक किसी भी योजना से अच्छादित नहीं है. उन्हें भी एक हजार रुपये का जल्द ही भुगतान किया जाएगा.
7.89 करोड़ रुपये भेजे गए
उप श्रमायुक्त धर्मेन्द्र सिंह ने समीक्षा बैठक में कमिश्नर अनिल कुमार को अवगत कराया कि श्रमिकों के खातों में 7.89 करोड़ रुपये की धनराशि भेजी गई है. इसके साथ ही 75938 श्रमिकों के मुकाबले 11468 श्रमिकों के खातों को अपडेट किया है. उप निदेशक कारखाना ने बताया कि आगरा मंडल में 1721 पंजीकृत कारखानों में 1.96 लाख श्रमिक कार्यरत हैं. 48 कारखानों के 7390 श्रमिकों को माह मार्च के वेतन 3.76 करोड़ रुपये का भुगतान हो गया है. शेष कारखानों में 7 से 10 अप्रैल तक भुगतान किया जाएगा.