आगरा: देश में आयुष्मान योजना (ayushman card) को पांच साल होने वाले हैं. मगर, अभी भी लाखों लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड नसीब नहीं हुए हैं. आगरा की बात करें तो अभी तक 25 फीसदी से भी कम लाभार्थियों का आयुष्मान कार्ड नहीं बने हैं. इसकी तमाम वजह हैं. लेकिन सबसे बड़ी वजह यह भी है कि, लोगों को अभी इसकी जानकारी नहीं हैं. इसलिए, स्वास्थ्य विभाग अब गांव-गांव मुनादी करके आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए लोगों को जागरूक करेगा. इसको लेकर पूरा प्लान बनाया है.
दरअसल, आगरा में केंद्र और राज्य सरकार के निर्देश पर में 9.20 लाख लाभार्थियों का चयन आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए किया गया, जिसमें से अभी तक महज अभी 2.54 लाख लोगों के ही आयुष्मान कार्ड बने हैं, जिसके आधार पर लगातार लोग आयुष्मान कार्ड की बदौलत निजी या सरकारी अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं. मगर, आगरा की स्थिति निराशाजनक है. 6.75 लाख लोगों के पास कार्ड नहीं है. इसलिए, आगरा की यूपी में 33 वीं रैंक है. जबकि, इससे पहले आगरा की रैंक 70 वीं थीं. इसलिए, अब आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है.
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आयुष्मान कार्ड के नोडल अधिकारी और एसीएमओ डॉ. सुखेश गुप्ता ने बताया कि, जिले में जिल लाभार्थियों का आयुष्मान कार्ड नहीं बना है. उन्हें जागरुक किया जाएगा. इसके लिए 30 सितंबर तक अभियान चलेगा, जिसके तहत स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी घर-घर जाएंगे. गांव-गांव मुनादी की जाएगी. गांव में शिविर लगाकर लाभार्थियों के आयुष्मान कार्ड बनाएंगे. यूपी में पहली बाहर सीडीओ आगरा ए मणिकंडन की ओर से आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए पंचायत सचिवों के भी आईडी तैयार कराई है. इससे लोग अपने ग्राम पंचायत ऑफिस में जाकर ही आयुष्मान कार्ड बनवा सकते हैं.
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बता दें कि, आगरा में कोविड काल में करीब दो साल तक कार्ड नहीं बनाए गए. इस बीच में अभियान छेड़ा भी तो जन सुविधा केंद्रों वेंडरों ने भुगतान कम किए. इस वजह से भी आयुष्मान कार्ड बनाना बंद कर दिया. आगरा की बात करें तो 23 सरकारी और 45 निजी अस्पतालों में योजना के तहत इलाज का इंतजाम हैं.