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आगरा: न कोई भूखा रहे और न कोई भूखा सोए इसलिए मदद को उठे हाथ

उत्तर प्रदेश के आगरा में अंत्योदय भोजन योजना की शुरुआत की गई. इस योजना का लक्ष्य न कोई भूखा रहे, न कोई भूखा सोए रखा गया है. अभियान की शुरुआत सक्षम फाउंडेशन और सेवा भारती ने जनसहयोग से की है. इसके अन्तर्गत कोई भी इंसान भूखा न सोए इसलिए सिर्फ 10 रुपये में ही खाना उपलब्ध कराया जा रहा है.

अंत्योदय भोजन योजना की गई शुरूआत
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Published : Sep 3, 2019, 12:18 PM IST

Updated : Sep 4, 2019, 12:03 PM IST

आगरा: भुखमरी के सूचकांक में भारत 119 देशों में 100वें पायदान पर है. यह आंकड़ा ग्लोबल हंगर इंडेक्स का है. ऐसे में देश की तरक्की और बढ़ती जीडीपी सब बेमानी हैं. ताज नगरी में न कोई भूखा रहे, न कोई भूखा सोए इसी मंशा से सक्षम फाउंडेशन और सेवा भारती ने जनसहयोग से अंत्योदय भोजन योजना की शुरुआत की है. यह कारवां बनता ही चला जा रहा है और अब संस्था सत्यमेव जयते ने भी इसी कड़ी में आगे हाथ बढ़ाया है. शहर के हर कोने में गरीब और जरूरतमंद को 10 रुपये में थाली उपलब्ध कराई जाएगी.

गरीबों को भरपेट भोजन के लिए शुरू की योजना.

दस रुपये में मिलेगा खाना
प्राइवेट नौकरी करने वाले अविनाश कुमार ने बताया कि हम होटल में खाना खाने जाते हैं, मगर हमें पता नहीं होता है कि किस तरह से खाना तैयार होता है. यह देख नहीं पाते हैं और न ही पता चलता है, लेकिन मैं यहां खड़े होकर काफी समय से देख रहा था. खाना बहुत अच्छी तरह से पकाया गया है और मैंने खाया भी. खाने की कीमत भी रीजनेबल है और सबसे शुद्ध सबसे बेस्ट खाना है.

मिलकर काम करने का किया फैसला
सत्यमेव जयते के अध्यक्ष मुकेश जैन ने बताया कि साथ में मिलकर प्रकल्प को करना चाहिए. जब हम साथ होते हैं तो किसी की कोई क्षमता यानी एक और एक ग्यारह हो जाते हैं. इस कड़ी में हमने सक्षम फाउंडेशन और सेवा भारती के अंत्योदय भोजन योजना में साथ मिलकर काम करने का फैसला किया है. हम लोग जगह-जगह चिन्हित करते हैं और उसके लिए मॉडिफाई गाड़ी बनाते हैं.

अब लेडी लॉयल अस्पताल पर होगी शुरुआत
सत्यमेव जयते के गौतम सेठ ने बताया कि जहां सक्षम फाउंडेशन और सेवा भारती की अंत्योदय भोजन योजना की सीमा खत्म हुई थी. वहां से अब हम लोग हाथ मिलाकर साथ काम कर रहे हैं. हम ऐसी जगहों को चिन्हित करते हैं जहां पर अंत्योदय भोजन योजना का सबसे ज्यादा लोगों को लाभ मिल सके. गाड़ी को मॉडिफाई कराकर वहां पर स्थापित करते हैं. तीन महीने पहले से ट्रांसपोर्ट नगर में सक्षम फाउंडेशन और सेवा भारती के साथ मिलकर के 10 रुपये में थाली का प्रकल्प शुरू किया था. नागरी प्रचारिणी में यह प्रकल्प शुरू किया गया है और छह सितंबर को लेडी लॉयल अस्पताल में प्रकल्प शुरू किया जाएगा. जिला अस्पताल और शहरों में भी इसी तरह से खाना उपलब्ध कराना है. जहां पर इस योजना का लोग ज्यादा से ज्यादा लाभ उठा सकें.

इसे भी पढ़ें:- आगरा: जन-जन तक पहुंचेगा 'फिट इंडिया मूवमेंट'

ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत सर्वोच्च नंबर पर
एफमैक के प्रेसिडेंट और सक्षम फाउंडेशन संस्थापक पूरन डावर ने बताया कि 17 अक्टूबर 2018 को 5 वैन से अंत्योदय योजना की शुरुआत की थी. ग्लोबल हंगर इंडेक्स के 119 देशों में भारत भुखमरी के सर्वोच्च नंबर पर है. विश्व में भुखमरी के जितने शिकार लोग हैं उसमें से 25% लोग भारत में रहते हैं. हमारी सारी तरक्की चाहे वह व्यक्तिगत हो या सरकार की हो, चाहे जीडीपी 8% को छुए यह सब तब बेमानी हो जाती है, जब देश में कोई ऐसा व्यक्ति रह जाता है जिसके पास पेट भरने के लिए खाना नहीं है. इसको लेकर जन सहयोग से सक्षम फाउंडेशन और सेवा भारती ने अंत्योदय भोजन योजना की शुरुआत की. इस कड़ी में सत्यमेव जयते भी जुड़ गया है और अब पूरे शहर में हर भूखे के लिए खाना उपलब्ध कराने का प्रयास करेंगे. जल्द ही ताजगंज क्षेत्र में भी हमारी अंत्योदय वैन शुरू हो जाएगी.

जानिए क्या कहते हैं लोग

प्राइवेट नौकरी करने वाले सत्येंद्र ने बताया कि बहुत स्वादिष्ट खाना है. यहां की 10 रुपये की थाली का खाना मार्केट में बहुत महंगा मिलेगा. वहीं राहगीर यशपाल ने बताया कि खाना बहुत अच्छा है. 10 रुपये की थाली मजदूर और नौकरी करने वाला कोई भी खा सकता है. सभी की जेब के हिसाब से थाली का रेट रखा गया है. आगरा कॉलेज के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी रतन सिंह ने बताया कि रोटियां भी अच्छी हैं. दाल और सब्जी में नमक और मसाले भी ठीक रहते हैं.

आगरा: भुखमरी के सूचकांक में भारत 119 देशों में 100वें पायदान पर है. यह आंकड़ा ग्लोबल हंगर इंडेक्स का है. ऐसे में देश की तरक्की और बढ़ती जीडीपी सब बेमानी हैं. ताज नगरी में न कोई भूखा रहे, न कोई भूखा सोए इसी मंशा से सक्षम फाउंडेशन और सेवा भारती ने जनसहयोग से अंत्योदय भोजन योजना की शुरुआत की है. यह कारवां बनता ही चला जा रहा है और अब संस्था सत्यमेव जयते ने भी इसी कड़ी में आगे हाथ बढ़ाया है. शहर के हर कोने में गरीब और जरूरतमंद को 10 रुपये में थाली उपलब्ध कराई जाएगी.

गरीबों को भरपेट भोजन के लिए शुरू की योजना.

दस रुपये में मिलेगा खाना
प्राइवेट नौकरी करने वाले अविनाश कुमार ने बताया कि हम होटल में खाना खाने जाते हैं, मगर हमें पता नहीं होता है कि किस तरह से खाना तैयार होता है. यह देख नहीं पाते हैं और न ही पता चलता है, लेकिन मैं यहां खड़े होकर काफी समय से देख रहा था. खाना बहुत अच्छी तरह से पकाया गया है और मैंने खाया भी. खाने की कीमत भी रीजनेबल है और सबसे शुद्ध सबसे बेस्ट खाना है.

मिलकर काम करने का किया फैसला
सत्यमेव जयते के अध्यक्ष मुकेश जैन ने बताया कि साथ में मिलकर प्रकल्प को करना चाहिए. जब हम साथ होते हैं तो किसी की कोई क्षमता यानी एक और एक ग्यारह हो जाते हैं. इस कड़ी में हमने सक्षम फाउंडेशन और सेवा भारती के अंत्योदय भोजन योजना में साथ मिलकर काम करने का फैसला किया है. हम लोग जगह-जगह चिन्हित करते हैं और उसके लिए मॉडिफाई गाड़ी बनाते हैं.

अब लेडी लॉयल अस्पताल पर होगी शुरुआत
सत्यमेव जयते के गौतम सेठ ने बताया कि जहां सक्षम फाउंडेशन और सेवा भारती की अंत्योदय भोजन योजना की सीमा खत्म हुई थी. वहां से अब हम लोग हाथ मिलाकर साथ काम कर रहे हैं. हम ऐसी जगहों को चिन्हित करते हैं जहां पर अंत्योदय भोजन योजना का सबसे ज्यादा लोगों को लाभ मिल सके. गाड़ी को मॉडिफाई कराकर वहां पर स्थापित करते हैं. तीन महीने पहले से ट्रांसपोर्ट नगर में सक्षम फाउंडेशन और सेवा भारती के साथ मिलकर के 10 रुपये में थाली का प्रकल्प शुरू किया था. नागरी प्रचारिणी में यह प्रकल्प शुरू किया गया है और छह सितंबर को लेडी लॉयल अस्पताल में प्रकल्प शुरू किया जाएगा. जिला अस्पताल और शहरों में भी इसी तरह से खाना उपलब्ध कराना है. जहां पर इस योजना का लोग ज्यादा से ज्यादा लाभ उठा सकें.

इसे भी पढ़ें:- आगरा: जन-जन तक पहुंचेगा 'फिट इंडिया मूवमेंट'

ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत सर्वोच्च नंबर पर
एफमैक के प्रेसिडेंट और सक्षम फाउंडेशन संस्थापक पूरन डावर ने बताया कि 17 अक्टूबर 2018 को 5 वैन से अंत्योदय योजना की शुरुआत की थी. ग्लोबल हंगर इंडेक्स के 119 देशों में भारत भुखमरी के सर्वोच्च नंबर पर है. विश्व में भुखमरी के जितने शिकार लोग हैं उसमें से 25% लोग भारत में रहते हैं. हमारी सारी तरक्की चाहे वह व्यक्तिगत हो या सरकार की हो, चाहे जीडीपी 8% को छुए यह सब तब बेमानी हो जाती है, जब देश में कोई ऐसा व्यक्ति रह जाता है जिसके पास पेट भरने के लिए खाना नहीं है. इसको लेकर जन सहयोग से सक्षम फाउंडेशन और सेवा भारती ने अंत्योदय भोजन योजना की शुरुआत की. इस कड़ी में सत्यमेव जयते भी जुड़ गया है और अब पूरे शहर में हर भूखे के लिए खाना उपलब्ध कराने का प्रयास करेंगे. जल्द ही ताजगंज क्षेत्र में भी हमारी अंत्योदय वैन शुरू हो जाएगी.

जानिए क्या कहते हैं लोग

प्राइवेट नौकरी करने वाले सत्येंद्र ने बताया कि बहुत स्वादिष्ट खाना है. यहां की 10 रुपये की थाली का खाना मार्केट में बहुत महंगा मिलेगा. वहीं राहगीर यशपाल ने बताया कि खाना बहुत अच्छा है. 10 रुपये की थाली मजदूर और नौकरी करने वाला कोई भी खा सकता है. सभी की जेब के हिसाब से थाली का रेट रखा गया है. आगरा कॉलेज के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी रतन सिंह ने बताया कि रोटियां भी अच्छी हैं. दाल और सब्जी में नमक और मसाले भी ठीक रहते हैं.

Intro:स्पेशल...
इस खबर की पैकेजिंग सीनियर साथी करेंगेमें तो बहुत ही बेहतर रहेगा. इसलिए बाइट विजुअल सभी भेजे गए हैं.

आगरा.
भारत भुखमरी के 119 देशों में 100 वें पायदान पर है. यह आंकड़ा ग्लोबल हंगर इंडेक्स का है. ऐसे में देश की तरक्की और बढ़ती जीडीपी सब बेमानी हैं. ताजनगरी में कोई भूखा रहे नहीं. कोई भूखा सोए नहीं. इसी मंशा से सक्षम फाउंडेशन और सेवा भारती ने जनसहयोग से अंत्योदय भोजन योजना की शुरुआत की. यह कारवां बनता ही चला जा रहा है. अब संस्था सत्यमेव जयते ने भी इसी कड़ी में आगे हाथ बढ़ाया है. शहर के हर कौने में गरीब और जरूरतमंद को दस रुपए में थाली उपलब्ध कराने की योजना बन गई है.


Body:प्राइवेट नौकरी करने वाले सत्येंद्र ने बताया कि बहुत स्वादिष्ट खाना है. यहां की ₹10 की थाली है. ऐसा खाना मार्केट में बहुत महंगा मिलेगा.

राहगीर यशपाल ने बताया कि, खाना बहुत अच्छा है. ₹10 की थाली है. इसे मजदूर या नौकरी पेशा कोई भी खा सकता है. सभी की जेब के हिसाब से थाली का रेट है.

आगरा कॉलेज के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी रतन सिंह ने बताया कि खाना बहुत बढ़िया है. रोटियां भी अच्छी हैं. दाल और सब्जी में नमक और मसाले ठीक हैं. सब कुछ ठीक-ठाक है. ₹10 इस गाने के लिए ज्यादा नहीं हैं.
प्राइवेट नौकरी करने वाले अविनाश कुमार ने बताया कि हम होटल बगैरा में खाना खाने जाते हैं. मगर हमें पता नहीं होता है कि, किस तरह से खाना तैयार होता है. यह देख नहीं पाते हैं और ना ही पता चलता है,लेकिन मैं यहां खड़े होकर के काफी समय से देख रहा था. खाने बहुत अच्छा तरह से पकाया गया है. मैंने खाना खाया है. बहुत अच्छा खाना है. प्राइस रीजनेबल हैं. मैं तो बस यही कहूंगा कि इस सबसे शुद्ध और सबसे बेस्ट खाना है.

सत्यमेव जयते के अध्यक्ष मुकेश जैन ने बताया कि साथ में मिलकर के प्रकल्प को करना चाहिए. जब हम साथ होते हैं, तो किसी की कोई क्षमता, किसी की कोई क्षमता यानी एक और एक ग्यारह हो जाते हैं. इस कड़ी में हमने सक्षम फाउंडेशन और सेवा भारती के अंत्योदय भोजन योजना में साथ मिलकर के काम करने का फैसला किया है. हम जगह चिन्हित करते हैं और उसके लिए मॉडिफाई गाड़ी बनाते हैं.


सत्यमेव जयते के गौतम सेठ ने बताया कि जहां से सक्षम फाउंडेशन और सेवा भारती की अंत्योदय भोजन योजना की सीमा खत्म हुई थी. वहां से अब हम इसमें हाथ मिलाकर साथ काम कर रहे हैं. हम ऐसी जगहों को चिन्हित करते हैं, जहां पर अंत्योदय भोजन योजना का सबसे ज्यादा लोगों को लाभ मिल सके. हम ऐसे स्थानों को चिन्हित करते हैं और फिर गाड़ी को मॉडिफाई कराकर वहां पर स्थापित करते हैं. 3 महीने पहले हमने ट्रांसपोर्ट नगर में सक्षम फाउंडेशन और सेवा भारती के साथ मिलकर के ₹10 में थाली का प्रकल्प शुरू किया था और अब नागरी प्रचारिणी में यह प्रकल्प शुरू किया गया है. 6 सितंबर को लेडी लॉयल अस्पताल में प्रकल्प शुरू किया जाएगा. जिला अस्पताल और फिर शहर उन सभी जगहों पर इसी तरह से खाना उपलब्ध कराना है. जहां पर इस योजना का लोग ज्यादा से ज्यादा लाभ उठा सकें.

एफमैक के प्रेसिडेंट व सक्षम फाउंडेशन संस्थापक पूरन डावर ने बताया कि हमने 17 अक्टूबर 2018 को 5 वैन से अंत्योदय योजना की शुरुआत की थी. ग्लोबल हंगर इंडेक्स के 119 देशों में भारत भुखमरी के सर्वे नंबर पर है. विश्व में भुखमरी के जितने शिकार लोग हैं. उसमें से 25% लोग भारत में रहते हैं. हमारी सारी तरक्की चाहे वह व्यक्तिगत हो या सरकार की हो. चाहे जीडीपी 8% को छुए यह सब तब बेमानी हो जाती हैं. जब देश में कोई ऐसा व्यक्ति रह जाता है, जिसके पास पेट भरने के लिए खाना नहीं है. इसको लेकर के जन सहयोग से सक्षम फाउंडेशन और सेवा भारती ने अंत्योदय भोजन योजना की शुरुआत की. इस कड़ी में अब हमारे साथ सत्यमेव जयते भी जुड़ गया है. अब हम पूरे शहर में हर भूखे के लिए खाना उपलब्ध कराने का प्रयास करेंगे. जल्द ही ताजगंज क्षेत्र में भी हमारी अंत्योदय वैन शुरू हो जाएगी. हम ₹10 में थाली देते हैं. जिसमें चार रोटी एक सब्जी दाल और खिचड़ी होती है.


Conclusion:
.....
पहली बाइट सत्येंद्र, प्राइवेट नौकरी करने वाला।
दूसरी बाइट यशपाल, राहगीर ।
तीसरी बाइट रतन सिंह, चतुर्थ श्रेणी (आगरा कॉलेज ) ।
चौथी बाइट अविनाश कुमार , प्राइवेट नौकरी करने वाला ।
पांचवीं बाइट मुकेश जैन, अध्यक्ष , सत्यमेव जयते ।
छठी बाइट गौतम सेठी,
सातवीं बाइट पूरन डाबर, संस्थापक( सक्षम फाउंडेशन)
........
श्यामवीर सिंह
आगरा
8387893357
Last Updated : Sep 4, 2019, 12:03 PM IST
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