आगरा: नगर निगम में मेयर हेमलता दिवाकर और निगम अधिकारियों के बीच तनातनी जारी है. मेयर ने पुरानी कार बदलने के लिए नगर आयुक्त से कई बार कहा. जब नहीं बदली तो कार को खटारा बताकर निगम में वापस कर दी. अब शुक्रवार को मेयर ने नगर स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. अतुल भारती को हटाने के लिए नगर आयुक्त को पत्र लिखा है. पत्र में मेयर ने डाॅ. अतुल के दो वर्ष के कार्यकाल की जांच कराने की मांग की है. इस मामले की नगर निगम में खूब चर्चा हो रही है. मेयर सबसे पहले एक संविदा कर्मचारी को ओएसडी बनाने पर चर्चा में आईं थीं. संविदा कर्मचारी को भ्रष्टाचार के आरोप में हटाया गया था. नगर आयुक्त ने कार्यालय से एक कर्मचारी को ओएसडी बनाया था. इस मसले ने काफी तूल पकड़ा. तब से लगातर मेयर और नगर निगम अधिकारियों में ठनी हुई है.
मेयर ने कहा- आदेश के उलट तैनाती : मेयर हेमलता का कहना है कि बरौली अहीर ब्लाॅक के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र इटौरा में तैनात रहे डाॅ. अतुल भारती की नगर निगम में शासन के आदेश के उलट तैनाती की गई है. बिना किसी अनुमोदन के उनकी नियुक्ति अवैध है. सफाई व्यवस्था के लिए शासन ने जोनल सेनेटरी ऑफिसर के पद नगर निगम में बनाए हैं. चिकित्सीय सेवा से आने वाले स्वास्थ्य अधिकारियों के पद समाप्त हो चुके हैं. इसके साथ मेयर ने आउटसोर्स सफाई कर्मचारियों की भर्ती में गड़बड़ी, ऋण फार्म पर हस्ताक्षर के लिए धनराशि मांगने, ट्रांसफर समेत अन्य आरोप लगाए हैं.
इसलिए लौटाई थी कार : मेयर हेमलता दिवाकर का कहना है कि नगर निगम की ओर से उपलब्ध कराई गई कार आए दिन कार खराब हो जाती है. पिछले दिनों वह अहमदाबाद गई थीं. वहां सरकारी कार से एयरपोर्ट जा रही थीं. रास्ते में कार दो बार खराब हुई. ऐसे ही ग्वालियर जाते समय में भी कार में खराबी आई थी. यह आए दिन की समस्या है. नगर आयुक्त को पांच बार नई कार खरीद के लिए कहा है. लेकिन, सुनवाई नहीं हो रही है. आए दिन की परेशानी से तंग आकर सरकारी कार लौटा दी. जबकि अपर नगर आयुक्त सुरेंद्र यादव का कहना है कि महापौर कार्यालय से कार सर्विसिंग के लिए आई है.
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