गोरखपुर: अंतरराष्ट्रीय युवा पर्वतारोही नीतीश सिंह ने टर्की की सबसे ऊंची चोटी माउंट अरारत को फतह करने में सफलता हासिल की है. इस पर्वत की ऊंचाई 16854 फीट है. इस मिशन को फतह करने के लिए नीतीश 22 जुलाई को दिल्ली से इस्तामंबुल पहुंचे थे. वहां से बस से 22 घंटे का सफर तय कर वह टर्की के दोगुबेयाजित सिटी पहुंचे थे. उन्होंने 24 तारीख की सुबह आठ बजे चढ़ाई शुरू की.
करीब 6 घंटे चढ़ाई करने के बाद पहले कैंप पर पहुंचे जिसकी ऊंचाई 3000 मीटर थी. बारिश और मौसम खराब होने के कारण थोड़ी चढ़ाई में दिक्कत भी हुई. अगले दिन दूसरे कैंप के लिए 4 घंटे कठिन चढ़ाई की और 4200 मीटर की ऊंचाई वाले बेस कैंप पर पहुंचे. नीतीश को इस मिशन को कम से कम टाइम में पूरा करना था. बेस कैंप के ऊपर केवल बादल ही दिखाई दे रहा था और मौसम की स्थिति खराब थी. फाइनल समिट के लिए 26 तारीख की रात 12:30 बजे वह निकले. इस दौरान तापमान माइनस 15 डिग्री सेल्सियस था.
नीतीश ने बताया कि कभी-कभी चलते-चलते हिम्मत भी टूटती थी लेकिन लक्ष्य को पूरा करना था. राष्ट्रीय ध्वज को देखकर कुछ शक्ति मिलती थी. कुछ घंटे चलने के बाद जब सवेरा हुआ तो मंजिल सामने दिखी तो हौसला और बुलंद हुआ. तय किया कि अब तो चोटी फतह कर ही जिंदा वापस जाना है. मंजिल एकदम करीब थी. करीब छह घंटे चलने के बाद सुबह 7:15 बजे भारत का गौरवशाली तिरंगा चोटी पर फहराया.
माउंट अरारत की चढ़ाई पूरी करने में उन्हें 42 घंटे लगे. नीतीश माउंट अरारत की चढ़ाई करने वाले पहले भारतीय व्यक्ति है जिसने टर्की देश के सबसे ऊंचे पर्वत माउंट अरारत पर तिरंगा लहराया. पर्वतारोही नीतीश सिंह के इस मिशन के लिए 11 जुलाई को हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक राजीव गोयल ने मुंबई मुख्यालय पर एचपीसीएल का लोगो भेट किया था. लखनऊ में पर्वतारोही नीतीश सिंह को उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने आवास पर भारत का तिरंगा भेंट करते हुए उनके इस मिशन के लिए शुभकामनाएं दी थी. नीतीश सिंह गोरखपुर के राजेंद्र नगर पश्चिमी न्यू कॉलोनी के निवासी हैं. उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के किरोड़ीमल कॉलेज से बीकॉम की पढ़ाई की है.
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