हैदराबाद: अमेरिका के लास वेगास में हुए यूएसए कराटे चैंपियनशिप में उत्तर प्रदेश की सुप्रिया जाटव ने कमाल कर दिखाया है. सुप्रिया ने गोल्ड और ब्रॉन्ज मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया है. ऐसा करने वाली सुप्रिया देश की पहली महिला कराटे खिलाड़ी बन गई हैं. सुप्रिया जाटव ने अपनी सफलता की कहानी ईटीवी भारत के साथ साझा की.
सुप्रिया के शानदार करियर का अंदाजा इसी बात से ही लगाया जा सकता है कि वे अब तक छह इंटरनेशनल गोल्ड, 22 नेशनल गोल्ड सहित 37 मेडल अपने नाम कर चुकी हैं. इनमें 12 मेडल तो इंटरनेशनल लेवल पर ही जीता है. सुप्रिया को एकलव्य और विक्रम अवॉर्ड भी मिल चुका है. साल 2015 में विक्रम अवॉर्ड मिलने के बाद उन्हें उत्कृष्ट खिलाड़ी घोषित किया गया था.
सुप्रिया ने बताया, साल 2002 में उनका सेलेक्शन साई (SAI) धार के लिए हो गया था. यहां उन्हें कोच जयदेव शर्मा मिले, जिन्होंने इस खेल की एक-एक बारीकियों से सुप्रिया का परिचय कराया और उन्हें इस खेल का मझा खिलाड़ी बना दिया. साल 2006-07 में भोपाल में जब मध्य प्रदेश कराटे एकेडमी बनाया गया तो कोच जयदेव को ही चीफ कोच बनाया गया. फिर सुप्रिया भी इसी एकेडमी में आ गईं और तब से यहीं से खेल रही हैं.
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बताते चलें, सुप्रिया जाटव के पिता फौज में थे, फिलहाल अब वे रिटायर हो चुके हैं. यही कारण है कि अनुशासन उनके जीवन का हिस्सा बहुत पहले ही बन गया था. जब वह छह साल की थीं, तभी उनके पिता ने उनका एडमिशन ग्वालियर स्थित कराटे एकेडमी में करवा दिया था. पेश है सुप्रिया जाटव से ईटीवी भारत के साथ बातचीत के कुछ अंश...
सुप्रिया जाटव का यूएसए कराटे चैंपियनशिप में सफर कैसा रहा, यह पूछे जाने पर उन्होंने बताया, उनका यह पहला गोल्ड मेडल नहीं है. वह साल 2019 में एलीट डिवीजन में गोल्ड मेडल जीती चुकी हैं और उस दरमियान वह मेडल जीतने वाली देश की पहली कराटेबाज बनी थीं. दूसरे यूएसए ओपन चैंपियनशिप 2022 में उनका शानदार अनुभव रहा है. तैयारी शानदार रही, जैसे कि एशियन चैंपियनशिप और कॉमनवेल्थ गेम्स में उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया था. कोरोना के बाद सुप्रिया का यह पहला चैंपियनशिप है.
हालांकि, कोरोना के दरमियान थोड़ी बहुत समस्या जरूर हुई, लेकिन उन्होंने इसका डटकर सामना किया. सुप्रिया ने बताया, मेडल मिलने के बाद लोग खूब बधाईयां दे रहे हैं. हालांकि, कुछ लोग इसे निगेटिव जरूर ले रहे हैं, लेकिन मैं इसे पॉजिटिव ले रही हूं और खूब आनंद कर रही हूं.
सुप्रिया ने बताया, कोरोना के दौरान वह काफी टेंशन में थी और उन्हें भी कोरोना का सामना करना पड़ा, उस दौरान उन्हें बहुत परेशानियां सहनी पड़ी. लेकिन उन्होंने सभी का सामना किया. उन्होंने बताया, उनका चयन कायरो चैंपियनशिप के लिए हुआ है. वह जुलाई में वहां जाएंगी और बर्मिघंम में खेलने के लिए भी उनका चयन हुआ है.
सुप्रिया ने खासकर देश की महिला खिलाड़ियों और कराटे को लेकर कहा, महिलाओं के लिए सेल्फ डिफेंस बहुत जरूरी है. महिलाओं को मार्शल ऑर्ट सीखकर हमेशा फिट रहना चाहिए, जिससे वे किसी भी मुसीबत का सामना कर सकें. उन्होंने बताया, वह सरकारी और निजी तौर पर भी देश के कॉलेजों और स्कूलों में फ्री कराटे सिखाती हैं. उनका मानना है कि इससे देश की महिलाएं सशक्त होंगी.
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एक सवाल के पूछे जाने पर कि आपके पिता जी यूपी से हैं तो ऐसे में आप यूपी सरकार से क्या चाहती हैं. इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, वह यूपी में कराटे खेल को बढ़ावा देना चाहती हैं. वह चाहती हैं कि यूपी के पुलिस क्वॉर्टर में कराटे की व्यवस्था हो और उन्हें वहां एक अधिकारी के तौर पर नियुक्त किया जाए. साथ ही उन्होंने कहा, यूपी में कराटे संस्थान भी खोले जाएं और एक अच्छा पोस्ट होल्ड किया जाए और मैं वहां की कोच बनूं. साथ ही मैं भविष्य में अच्छे बच्चे तैयार कर सकूं, जिससे कि कराटे में आने वाले बच्चों को फायदा हो.