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कुकिंग, वर्कआउट, वाइन कोर्स.. इस तरह उन्मुक्त चंद ने लॉकडाउन का किया पूरा उपयोग!

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Published : Jun 8, 2020, 10:59 AM IST

उन्मुक्त चंद ने बताया है कि किस तरह उन्होंने खुद इस पूरे लॉकडाउन का समय उपयोग किया था.

उन्मुक्त चंद
उन्मुक्त चंद

नई दिल्ली : कोरोनावायरस के कारण लगे देशभर में लॉकडाउन के कारण सभी खिलाड़ियों को घर पर रहने के लिए मजबूर होना पड़ा. ऐसे में साल 2012 में भारत को अंडर-19 विश्व कप जिताने वाले कप्तान उन्मुक्त चंद ने बताया है कि उन्होंने किस तरह अपने क्वॉरेंटीन के दिनों का उपयोग किया.

उन्मुक्त ने बताया, "मैं सुबह पांच बजे से अपना दिन शुरू करता हूं और मेडिटेशन करता हूं, फिर योगा और व्यायाम करता हूं. फिर दिनभर कुछ पढ़ कर और घर के काम कर के खुद को व्यस्त रखता हूं. फिर शाम को छत पर क्रिकेट यो बैडमिंटन जरूर खेलता हूं फिर मेडिटेशन कर के रात को 11 बजे मेरा दिन खत्म हो जाता है."

उन्मुक्त चंद
उन्मुक्त चंद

उन्मुक्त का कहना है कि उनका शरीर बिना फिजिकल ट्रेनिंग के काम नहीं करता. उन्होंने लॉकडाउन के बावजूद घर में ट्रेनिंग के रास्ते निकाल लिए थे. उनका मानना है कि बिना जिम के भी ट्रेनिंग की जा सकती है. उन्होंने कहा, "मैं सूर्य नमस्कार से ट्रेनिंग शुरू करता हूं और फिर स्ट्रेचिंग करता हूं. मैं अपनी ट्रेनिंग के लिए अपनी छत का इस्तेमाल करता हूं."

खाना बनाने के बारे में उन्मुक्त ने कहा कि खाना पकाना अब अच्छा लगने लगा है. ये मेरी हॉबी तब बनी जब मैं इंग्लैंड गया था लीग खेलने के लिए. तीन महीनों तक घर से दूर रहने के कारण खाना पकाना सीख लिया था. राशन खरीदना और चीजों को फ्रिज में रखना बहुत मजेदार होता था. जो मैंने वहां सीखा था, उसको अब लॉकडाउन में दोहरा रहा हूं.

उन्मुक्त चंद
उन्मुक्त चंद

उन्मुक्त चंद ने ये भी बताया कि उन्होंने ऑनलाइन एक वाइन कोर्स भी कर लिया. उन्होंने कहा, "किताबें पढ़ने के अलावा मुझे नई-नई चीजों के बारे में जानना बहुत पसंद है. यात्रा करना पसंद है. मुझे हमेशा से वाइन के बारे में पढ़ने का मन था."

उन्मुक्त ने सभी को सलाह देते हुए कहा, "लॉकडाउन में खुद को खुला छोड़ दो! ये बिलकुल सही समय है जब आप एक रूटीन बना सकते हो और नई चीजें सीख सकते हो. मेडिटेशन इन दिनों सभी के लिए जरूरी है. सबसे जरूरी बात, अपने उत्साह को कम मत होने दो. यह सही समय है जब हम आत्मनिरीक्षण कर सकते हैं और जिंदगी के प्रति अपने सामान्य दृष्टिकोण को बगल सकते हैं."

नई दिल्ली : कोरोनावायरस के कारण लगे देशभर में लॉकडाउन के कारण सभी खिलाड़ियों को घर पर रहने के लिए मजबूर होना पड़ा. ऐसे में साल 2012 में भारत को अंडर-19 विश्व कप जिताने वाले कप्तान उन्मुक्त चंद ने बताया है कि उन्होंने किस तरह अपने क्वॉरेंटीन के दिनों का उपयोग किया.

उन्मुक्त ने बताया, "मैं सुबह पांच बजे से अपना दिन शुरू करता हूं और मेडिटेशन करता हूं, फिर योगा और व्यायाम करता हूं. फिर दिनभर कुछ पढ़ कर और घर के काम कर के खुद को व्यस्त रखता हूं. फिर शाम को छत पर क्रिकेट यो बैडमिंटन जरूर खेलता हूं फिर मेडिटेशन कर के रात को 11 बजे मेरा दिन खत्म हो जाता है."

उन्मुक्त चंद
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उन्मुक्त का कहना है कि उनका शरीर बिना फिजिकल ट्रेनिंग के काम नहीं करता. उन्होंने लॉकडाउन के बावजूद घर में ट्रेनिंग के रास्ते निकाल लिए थे. उनका मानना है कि बिना जिम के भी ट्रेनिंग की जा सकती है. उन्होंने कहा, "मैं सूर्य नमस्कार से ट्रेनिंग शुरू करता हूं और फिर स्ट्रेचिंग करता हूं. मैं अपनी ट्रेनिंग के लिए अपनी छत का इस्तेमाल करता हूं."

खाना बनाने के बारे में उन्मुक्त ने कहा कि खाना पकाना अब अच्छा लगने लगा है. ये मेरी हॉबी तब बनी जब मैं इंग्लैंड गया था लीग खेलने के लिए. तीन महीनों तक घर से दूर रहने के कारण खाना पकाना सीख लिया था. राशन खरीदना और चीजों को फ्रिज में रखना बहुत मजेदार होता था. जो मैंने वहां सीखा था, उसको अब लॉकडाउन में दोहरा रहा हूं.

उन्मुक्त चंद
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उन्मुक्त चंद ने ये भी बताया कि उन्होंने ऑनलाइन एक वाइन कोर्स भी कर लिया. उन्होंने कहा, "किताबें पढ़ने के अलावा मुझे नई-नई चीजों के बारे में जानना बहुत पसंद है. यात्रा करना पसंद है. मुझे हमेशा से वाइन के बारे में पढ़ने का मन था."

उन्मुक्त ने सभी को सलाह देते हुए कहा, "लॉकडाउन में खुद को खुला छोड़ दो! ये बिलकुल सही समय है जब आप एक रूटीन बना सकते हो और नई चीजें सीख सकते हो. मेडिटेशन इन दिनों सभी के लिए जरूरी है. सबसे जरूरी बात, अपने उत्साह को कम मत होने दो. यह सही समय है जब हम आत्मनिरीक्षण कर सकते हैं और जिंदगी के प्रति अपने सामान्य दृष्टिकोण को बगल सकते हैं."

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