हैदराबाद : साउथ के सुपरस्टार चिरंजीवी ना सिर्फ टॉलीवुड बल्कि पूरे भारत में सबसे चर्चित अभिनेता माने जाते हैं. एक्टर के प्रति उनके प्रशंसकों की दीवानगी देखने लायक होती है. यही वजह है कि जब चिरंजीवी ने फिल्मों को छोड़ राजनीति का रुख किया तो वहां भी लोगों ने उन्हें सिर-आंखों पर बिठाया. आज टॉलीवुड के इस मेगास्टार का जन्मदिन है.चिरंजीवी आज अपना 66वां जन्मदिन मना रहे है.
चिरंजीवी का जन्म 22 अगस्त, 1955 को आन्ध्र-प्रदेश के पश्चिमी गोदावरी जिले में हुआ था. चिरंजीवी का वास्तविक नाम कोणिदेल शिव शंकर वर प्रसाद है. बचपन से ही चिरंजीवी अभिनय में रुचि रखते थे. ओगोले (आंध्र-प्रदेश) स्थित सीएसआर शर्मा कॉलेज से बारहवीं की परीक्षा पास करने के बाद चिरंजीवी ने कॉमर्स विषय के साथ स्नातक उपाधि ग्रहण की. पढ़ाई पूरी करने के बाद चिरंजीवी चेन्नई आ गए और यहां आकर उन्होंने अभिनय सीखने के लिए मद्रास फिल्म इंस्टिट्यूट में दाखिला ले लिया.
वर्ष 1980 में चिरंजीवी ने दक्षिण भारतीय फिल्मों के मशहूर हास्य कलाकार अल्लू राम लिंगइया की बेटी सुरेखा से विवाह संपन्न किया. चिरंजीवी की दो बेटियां (सुष्मिता और स्रीजा) और एक बेटा रामचरण तेजा (तेलुगु फिल्म अभिनेता) हैं
चिरंजीवी ने अपनी शोहरत के बल पर राजनीति में भी किस्मत आजमाया, जिसमें वो सफल भी रहे. वर्ष 2008 में अभिनेता ने आन्ध्र-प्रदेश में 'प्रजा राज्यम' पार्टी की स्थापना की. वर्ष 2009 में हुए विधानसभा चुनावों में चिरंजीवी की पार्टी को 18 सीटों पर जीत मिली. दक्षिण भारत में चिरंजीवी की पहचान एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में भी है. 2002 में रिलीज फिल्म 'इन्द्र' बेहद कामयाब साबित हुई. सियासत में कदम रखने से पहले चिरंजीवी आखिरी फिल्म थी 'शंकर दादा जिंदाबाद'
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चिरंजीवी ने 1978 में फिल्म 'पुनाधिराल्लु' से अपना करियर शुरू किया. हालांकि बॉक्स ऑफिस पर रिलीज होने वाली उनकी पहली फिल्म बनी 'प्रणाम खारिदु;। वर्ष 1979 में चिरंजीवी की 8 और 1980 में 14 बड़ी फिल्में प्रदर्शित हुईं. उन्होंने कुछ फिल्मों में निगेटिव रोल भी किए हैं. इनमें मोसागडू', 'रानी कसुला रंगम्मा' जैसी फिल्में शामिल हैं.
चिरंजीवी ने वर्ष 1997 में 'हिटलर' फिल्म में शानदर अभिनय कर खूब सुर्खियां बटोरीं. एक्टर ने अपने करियर के दौरान साउथ के 9 फिल्म फेयर अवार्ड हासिल किए. चिरंजीवी को देश के तीसरे सबसे प्रतिष्ठित सम्मान 'पद्मभूषण' से भी नवाजा गया है. इसके साथ ही उन्हें आंध्र विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की मानद उपाधि भी दी गई है.