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हिजाब विरोधी प्रदर्शनों के आगे झुकी ईरान सरकार, खत्म की मॉरल पुलिसिंग

ईरान में 22 वर्षीय कुर्द महिला महसा अमिनी (Mahsa Amini) की मौत के बाद बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के आगे वहां की सरकार झुक गई है. मॉरल पुलिसिंग को खत्म कर दिया गया है (Iran abolishes morality police).

Iran abolishes morality police
हिजाब विरोधी प्रदर्शनों के आगे झुकी ईरान सरकार
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Published : Dec 4, 2022, 5:09 PM IST

Updated : Dec 4, 2022, 5:26 PM IST

तेहरान: ईरान में सख्त महिला ड्रेस कोड का उल्लंघन करने के आरोप में महसा अमिनी की गिरफ्तारी से दो महीने से अधिक समय तक चले विरोध प्रदर्शन के बाद आखिरकार ईरान सरकार झुक गई है. एक समाचार एजेंसी के अनुसार ईरान सरकार ने मॉरल पुलिसिंग को खत्म कर दिया है.

तेहरान में मॉरल पुलिस द्वारा गिरफ्तारी के तीन दिन बाद 16 सितंबर को कुर्द मूल की 22 वर्षीय ईरानी युवती की मृत्यु के बाद से प्रदर्शनों से पूरा ईरान हिल गया था. ISNA समाचार एजेंसी के मुताबिक वहां के अटॉर्नी जनरल मोहम्मद जफ़र मोंटेज़ेरी ने कहा कि 'नैतिकता पुलिस का न्यायपालिका से कोई लेना-देना नहीं है, इसे समाप्त कर दिया गया है.'

रिपोर्ट के मुताबिक उनकी टिप्पणी एक धार्मिक सम्मेलन में आई जहां उन्होंने एक प्रतिभागी को जवाब दिया जिसने पूछा कि 'मॉरल पुलिसिंग को बंद क्यों किया जा रहा है'.

ईरान में मॉरल पुलिस को औपचारिक रूप से गश्त-ए इरशाद या 'मार्गदर्शन गश्ती' के रूप में जाना जाता है. इसे कट्टरपंथी राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद के समय शुरू किया गया था. इसके तहत 'विनम्रता और हिजाब की संस्कृति का प्रसार' और महिला का सिर ढंकना अनिवार्य है.

मोंटेज़ेरी ने कहा कि 'संसद और न्यायपालिका दोनों इस मुद्दे पर काम कर रहे हैं कि क्या महिलाओं को अपने सिर को ढंकने वाले कानून को बदलने की जरूरत है. राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी ने शनिवार को टेलीविजन पर टिप्पणियों में कहा कि 'ईरान की गणतंत्रात्मक और इस्लामी नींव संवैधानिक रूप से मजबूत थी लेकिन संविधान को लागू करने के ऐसे तरीके हैं जो लचीले हो सकते हैं.'

1979 की क्रांति के चार साल बाद हिजाब अनिवार्य हो गया था. मॉरल पुलिसिंग अफसरों ने 15 साल पहले महिलाओं पर नकेल कसने और उन्हें गिरफ्तार करने से पहले शुरू में चेतावनी जारी की थी. वाइस स्क्वॉड आमतौर पर हरे रंग की वर्दी में होते थे.

पढ़ें- महसा अमिनी की मौत पर भड़की ईरानी महिलाएं, कटवाए बाल, जलाए हिजाब

तेहरान: ईरान में सख्त महिला ड्रेस कोड का उल्लंघन करने के आरोप में महसा अमिनी की गिरफ्तारी से दो महीने से अधिक समय तक चले विरोध प्रदर्शन के बाद आखिरकार ईरान सरकार झुक गई है. एक समाचार एजेंसी के अनुसार ईरान सरकार ने मॉरल पुलिसिंग को खत्म कर दिया है.

तेहरान में मॉरल पुलिस द्वारा गिरफ्तारी के तीन दिन बाद 16 सितंबर को कुर्द मूल की 22 वर्षीय ईरानी युवती की मृत्यु के बाद से प्रदर्शनों से पूरा ईरान हिल गया था. ISNA समाचार एजेंसी के मुताबिक वहां के अटॉर्नी जनरल मोहम्मद जफ़र मोंटेज़ेरी ने कहा कि 'नैतिकता पुलिस का न्यायपालिका से कोई लेना-देना नहीं है, इसे समाप्त कर दिया गया है.'

रिपोर्ट के मुताबिक उनकी टिप्पणी एक धार्मिक सम्मेलन में आई जहां उन्होंने एक प्रतिभागी को जवाब दिया जिसने पूछा कि 'मॉरल पुलिसिंग को बंद क्यों किया जा रहा है'.

ईरान में मॉरल पुलिस को औपचारिक रूप से गश्त-ए इरशाद या 'मार्गदर्शन गश्ती' के रूप में जाना जाता है. इसे कट्टरपंथी राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद के समय शुरू किया गया था. इसके तहत 'विनम्रता और हिजाब की संस्कृति का प्रसार' और महिला का सिर ढंकना अनिवार्य है.

मोंटेज़ेरी ने कहा कि 'संसद और न्यायपालिका दोनों इस मुद्दे पर काम कर रहे हैं कि क्या महिलाओं को अपने सिर को ढंकने वाले कानून को बदलने की जरूरत है. राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी ने शनिवार को टेलीविजन पर टिप्पणियों में कहा कि 'ईरान की गणतंत्रात्मक और इस्लामी नींव संवैधानिक रूप से मजबूत थी लेकिन संविधान को लागू करने के ऐसे तरीके हैं जो लचीले हो सकते हैं.'

1979 की क्रांति के चार साल बाद हिजाब अनिवार्य हो गया था. मॉरल पुलिसिंग अफसरों ने 15 साल पहले महिलाओं पर नकेल कसने और उन्हें गिरफ्तार करने से पहले शुरू में चेतावनी जारी की थी. वाइस स्क्वॉड आमतौर पर हरे रंग की वर्दी में होते थे.

पढ़ें- महसा अमिनी की मौत पर भड़की ईरानी महिलाएं, कटवाए बाल, जलाए हिजाब

Last Updated : Dec 4, 2022, 5:26 PM IST
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