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स्वाब नमूना जरूरी नहीं, अब कुछ मिनट में पता चलेगा कोराना है या नहीं - टेस्ट से पता चलेगा कोराना है या नहीं

जिनमें कोरोना के लक्षण नहीं दिख रहे हैं उनमें भी संक्रमण का पता महज पांच मिनट में लगाया जा सकता है. वैज्ञानिकों ने इसके लिए ब्रेथालाइजर जांच (breathalyser test) विकसित की है.

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प्रतीकात्मक फोटो
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Published : Feb 3, 2022, 5:20 PM IST

सिंगापुर : वैज्ञानिकों ने एक नई ब्रेथालाइजर जांच (breathalyser test) विकसित की है, जिसमें स्वाब का नमूना लिए बगैर ही कोरोना वायरस के संक्रमण का सटीक पता लगाया जा सकता है. जिन लोगों में लक्षण नहीं दिख रहे हैं उनमें भी संक्रमण का पता महज पांच मिनट में लगाया जा सकता है.

पत्रिका 'एसीएस नैनो' में इस जांच के बारे में कहा गया है कि इससे सम्मेलन या शादी-विवाह आदि भीड़ वाले कार्यक्रमों में आसानी से लोगों के संक्रमण का पता लगाया जा सकता है.

फिलहाल कोविड की सटीक जांच के लिए आरटी-पीसीआर (RT-PCR) तकनीक का उपयोग किया जाता है जिसमें नाक और मुंह से लिए गए स्वाब के नमूने का इस्तेमाल होता है. हालांकि, नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (Nanyang Technological University), सिंगापुर के अनुसंधानकर्ताओं का मानना है कि आरटी-पीसीआर जांच का परिणाम देरी से आता है और इस जांच के लिए नाक से स्वाब का नमूना लिया जाता है जो असुविधाजनक है.

उनका कहना हे कि रैपिट एंटीजन जांच का परिणाम जल्दी आता है, लेकिन उसका परिणाम उतना सटीक नहीं होता है. अनुसंधानकर्ताओं ने हाथ में पकड़ने योग्य ब्रेथालाइजर डिजाइन किया है जिसमें सेंसर युक्त चिप और सिल्वर नैनोक्यूब्स लगे हुए हैं. जब कोई व्यक्ति इस उपकरण में 10 सेंकेड के लिए सांस छोड़ता है तो सेंसर उसका विश्लेषण करके परिणाम बता देता है.

इस नए एनालाइजर का अनुसंधानकर्ताओं ने सिंगापुर के अस्पतालों और हवाईअड्डों में, 501 लोगों पर परीक्षण किया. उन्हें इसके नतीजे उत्साहजनक मिले.

पढ़ें- बर्फबारी में वैक्सीन की डोज देने गई महिला स्वास्थ्यकर्मी, मंत्री ने की तारीफ

पढ़ें- ओमीक्रोन का उपस्वरूप अपने मूल वेरिएंट से ज्यादा तेजी से फैलता है: शोध

(पीटीआई-भाषा)

सिंगापुर : वैज्ञानिकों ने एक नई ब्रेथालाइजर जांच (breathalyser test) विकसित की है, जिसमें स्वाब का नमूना लिए बगैर ही कोरोना वायरस के संक्रमण का सटीक पता लगाया जा सकता है. जिन लोगों में लक्षण नहीं दिख रहे हैं उनमें भी संक्रमण का पता महज पांच मिनट में लगाया जा सकता है.

पत्रिका 'एसीएस नैनो' में इस जांच के बारे में कहा गया है कि इससे सम्मेलन या शादी-विवाह आदि भीड़ वाले कार्यक्रमों में आसानी से लोगों के संक्रमण का पता लगाया जा सकता है.

फिलहाल कोविड की सटीक जांच के लिए आरटी-पीसीआर (RT-PCR) तकनीक का उपयोग किया जाता है जिसमें नाक और मुंह से लिए गए स्वाब के नमूने का इस्तेमाल होता है. हालांकि, नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (Nanyang Technological University), सिंगापुर के अनुसंधानकर्ताओं का मानना है कि आरटी-पीसीआर जांच का परिणाम देरी से आता है और इस जांच के लिए नाक से स्वाब का नमूना लिया जाता है जो असुविधाजनक है.

उनका कहना हे कि रैपिट एंटीजन जांच का परिणाम जल्दी आता है, लेकिन उसका परिणाम उतना सटीक नहीं होता है. अनुसंधानकर्ताओं ने हाथ में पकड़ने योग्य ब्रेथालाइजर डिजाइन किया है जिसमें सेंसर युक्त चिप और सिल्वर नैनोक्यूब्स लगे हुए हैं. जब कोई व्यक्ति इस उपकरण में 10 सेंकेड के लिए सांस छोड़ता है तो सेंसर उसका विश्लेषण करके परिणाम बता देता है.

इस नए एनालाइजर का अनुसंधानकर्ताओं ने सिंगापुर के अस्पतालों और हवाईअड्डों में, 501 लोगों पर परीक्षण किया. उन्हें इसके नतीजे उत्साहजनक मिले.

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(पीटीआई-भाषा)

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