नई दिल्ली: केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने ओटीटी प्लेयर्स से कहा कि सरकार भारतीय समाज और संस्कृति को खराब तरीके से अभिनय करने वाली किसी भी कंटेंट को बर्दाश्त नहीं करेगी. मंत्री ने कंटेंट रेगुलेशन से संबंधित चिंताओं को दूर करने के लिए ओवर-द-टॉप (ओटीटी) प्लेटफार्मों के शीर्ष अधिकारियों के साथ बीते मंगलवार को आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक के दौरान इसका खुलासा किया.
बैठक का उद्देश्य भारतीय समाज और संस्कृति के अपमान को रोकने की आवश्यकता पर बल देते हुए क्रिएटिव फ्रीडम और रिस्पॉन्सिबल कंटेंट के बीच संतुलन बनाना था. मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, मंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि ओटीटी प्लेटफार्मों को क्रिएटिव फ्रीडम के नाम पर लापरवाही बरतने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
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Interacted with representatives of leading OTT platforms today on various issues including content regulation, user experience, enhancing accessibility for the specially abled and overall growth & innovation of the sector.
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OTT platforms have revolutionised the way we consume… pic.twitter.com/K7PjxLqowU
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बैठक का उद्देश्य कंटेंट रेगुलेशन को बढ़ाने के लिए आचार संहिता को लागू करना था. यूनियन मंत्री ने बढ़ती अश्लीलता, हिंसा, अनावश्यक कंटेंट, आइडियोलॉजिकल बाइज और ओटीटी कंटेंट में भारतीय धर्मों और परंपराओं के नकारात्मक अभिनय के बारे में चिंता जताई है. उन्होंने इस मसले पर बात करते हुए कहा कि ओटीटी प्लेटफार्मों का इस्तेमाल भारतीय समाज और संस्कृति को नीचा दिखाने वाले दुष्प्रचार और आइडियोलॉजिकल बाइज को फैलाने के लिए क्यों किया जा रहा है?
मंत्री ने कंटेंट रेगुलेशन, यूजर एक्सपीरियंस, विशेष रूप से विकलांग लोगों के लिए पहुंच और सेक्टर के अंदर हो पबे ओवरऑल ग्रोथ और इनोवेशन जैसे कई अन्य पहलुओं पर चर्चा की. हालांकि, उन्होंने कंटेंट कंजप्शन्स पर ओटीटी प्लेटफार्मों के ट्रांसफॉर्मेंस इम्पैक्ट और ग्लोबली लेवल पर रीजनल कंटेंट को पेश करने के नए टैलेंट की प्रशंसा की है.
बैठक के दौरान, मंत्री ने ओटीटी के माध्यम से खुले तौर पर पश्चिमी प्रभाव और भारतीय धर्मों और परंपराओं के खराब अभिनय पर नाराजगी व्यक्त की. उन्होंने ओटीटी प्लेयर्स से इन चिंताओं को दूर करने के लिए एक समाधान प्रस्तावित करने को कहा है. उन्होंने कहा कि ओटीटी प्लेटफॉर्म भारत की सामूहिक चेतना और इसकी विविधता के खिलाफ काम नहीं कर सकता है. बैठक में अलग-अलग एज ग्रुप के लिए उचित पहुंच और देखने को सुनिश्चित करने के लिए एज बेस्ड क्लासिफिकेशन, पेरेंट्स लॉक्ट और कंटेंट डिस्क्रिप्टर्स पर चर्चा की गई.