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Tipu: फिल्म 'टीपू' का एलान, मैसूर के इस सुल्तान की सबके सामने आएगी अब ऐसी क्रूर सच्चाई

टीपू सुल्तान की छवि आने वाले बदल जायेगी. आने वाली फिल्म में उनकी छवि बदली हुई दिखेगी. वहीं कर्नाटक विधानसभा चुनावों से पहले फिल्म को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है. पढ़ें पूरी खबर..

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Published : May 4, 2023, 2:48 PM IST

Updated : May 4, 2023, 3:09 PM IST

मुंबई: कर्नाटक विधानसभा चुनावों से कुछ दिन पहले, जहां टीपू सुल्तान का नाम उनके दक्षिणपंथी आलोचकों द्वारा लिया जाता है. फिल्म 'टीपू' के निमार्ताओं ने घोषणा की है कि उनकी फीचर फिल्म मैसूर के राजा का एक अलग पक्ष पेश करेगी. टीपू सुल्तान को पहले स्वतंत्रता सेनानी, सक्षम प्रशासक और भारत को रॉकेटरी से परिचित कराने वाले व्यक्ति के रूप में पहचाना जाता था, लेकिन पिछले कुछ सालों से कर्नाटक में भाजपा ने 'टीपू' को राजनीतिक मुद्दा बनाया हुआ है, जिसे फिल्म में उजागर करने का प्रयास किया गया है.

बीजेपी के उत्तर-पूर्व रणनीतिकार, मणिपुर के मुख्यमंत्री के सलाहकार और जाने-माने लेखक और टीवी कमेंटेटर रजत सेठी ने फिल्म के लिए रिसर्च की है. फिल्म के निर्देशक पवन शर्मा ने कहा, हमें स्कूल में टीपू सुल्तान के बारे में जो पढ़ाया जाता है, वह पूरी तरह से गलत सूचना है. मैं एक कट्टर राजा के रूप में उनकी वास्तविकता को जानने के बाद पूरी तरह से हिल गया और मेरी सोच बदल गयी. अपनी फिल्म के माध्यम से मैं एक क्रूर वास्तविकता दिखाने की हिम्मत कर रहा हूं कि सिर्फ हमारे लिए उसे एक योद्धा बनाने के लिए झूठी रचना की गई गयी थी.


उन्होंने कहा, 'टीपू सुल्तान की इस्लामी कट्टरता उनके पिता हैदर अली खान की तुलना में बहुत खराब थी. वह उस युग के हिटलर थे. सेठी ने आगे कहा, 'हालांकि इतिहास कई नायकों के लिए निर्दयी रहा है. कई अन्य लोगों पर हो रहे अत्याचारों को नजर अंदाज किया गया है. टीपू एक ऐसी ऐतिहासिक शख्सियत हैं, जिनकी प्रशंसा को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता है, जबकि उनकी क्रूरताओं को हमारी सिलेबस में बड़ी सफाई से छिपाया गया है.

सिर्फ इतिहास ही नहीं, बल्कि लोकप्रिय संस्कृति फिल्मों, थिएटर्स आदि, ने भी व्यवस्थित रूप से टीपू के यथार्थवादी और संतुलित चित्रण की अनदेखी की है. यह फिल्म उनके आख्यान में एक सुधार शुरू करने का एक विनम्र प्रयास है.

निर्माता संदीप सिंह, जो 'पीएम नरेंद्र मोदी', 'स्वतंत्र वीर सावरकर', 'अटल' या 'बाल शिवाजी' जैसी फिल्मों के निर्माता हैं, ने कहा, यह वह सिनेमा है जिसमें मैं व्यक्तिगत रूप से विश्वास करता हूं. मेरी फिल्में सच्चाई के लिए खड़ी होती हैं. जैसा कि हमारे इतिहास की पाठ्य पुस्तकों में दिखाया गया है, उसे बहादुर मानने के लिए मेरा ब्रेनवाश किया गया था, लेकिन उनके द्वेषपूर्ण पक्ष को कोई नहीं जानता. मैं आने वाली पीढ़ी के लिए उनके छिपे हुए बुरे पक्ष को उजागर करना चाहता हूं.' इरोस इंटरनेशनल, रश्मी शर्मा फिल्म्स और संदीप सिंह द्वारा समर्थित 'टीपू' हिंदी, कन्नड़, तमिल तेलुगु और मलयालम में रिलीज होगी.

ये भी पढ़ें-SRK का हो रहा है #पूर्ण_बहिष्कार, टीपू सुल्तान है वजह !

मुंबई: कर्नाटक विधानसभा चुनावों से कुछ दिन पहले, जहां टीपू सुल्तान का नाम उनके दक्षिणपंथी आलोचकों द्वारा लिया जाता है. फिल्म 'टीपू' के निमार्ताओं ने घोषणा की है कि उनकी फीचर फिल्म मैसूर के राजा का एक अलग पक्ष पेश करेगी. टीपू सुल्तान को पहले स्वतंत्रता सेनानी, सक्षम प्रशासक और भारत को रॉकेटरी से परिचित कराने वाले व्यक्ति के रूप में पहचाना जाता था, लेकिन पिछले कुछ सालों से कर्नाटक में भाजपा ने 'टीपू' को राजनीतिक मुद्दा बनाया हुआ है, जिसे फिल्म में उजागर करने का प्रयास किया गया है.

बीजेपी के उत्तर-पूर्व रणनीतिकार, मणिपुर के मुख्यमंत्री के सलाहकार और जाने-माने लेखक और टीवी कमेंटेटर रजत सेठी ने फिल्म के लिए रिसर्च की है. फिल्म के निर्देशक पवन शर्मा ने कहा, हमें स्कूल में टीपू सुल्तान के बारे में जो पढ़ाया जाता है, वह पूरी तरह से गलत सूचना है. मैं एक कट्टर राजा के रूप में उनकी वास्तविकता को जानने के बाद पूरी तरह से हिल गया और मेरी सोच बदल गयी. अपनी फिल्म के माध्यम से मैं एक क्रूर वास्तविकता दिखाने की हिम्मत कर रहा हूं कि सिर्फ हमारे लिए उसे एक योद्धा बनाने के लिए झूठी रचना की गई गयी थी.


उन्होंने कहा, 'टीपू सुल्तान की इस्लामी कट्टरता उनके पिता हैदर अली खान की तुलना में बहुत खराब थी. वह उस युग के हिटलर थे. सेठी ने आगे कहा, 'हालांकि इतिहास कई नायकों के लिए निर्दयी रहा है. कई अन्य लोगों पर हो रहे अत्याचारों को नजर अंदाज किया गया है. टीपू एक ऐसी ऐतिहासिक शख्सियत हैं, जिनकी प्रशंसा को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता है, जबकि उनकी क्रूरताओं को हमारी सिलेबस में बड़ी सफाई से छिपाया गया है.

सिर्फ इतिहास ही नहीं, बल्कि लोकप्रिय संस्कृति फिल्मों, थिएटर्स आदि, ने भी व्यवस्थित रूप से टीपू के यथार्थवादी और संतुलित चित्रण की अनदेखी की है. यह फिल्म उनके आख्यान में एक सुधार शुरू करने का एक विनम्र प्रयास है.

निर्माता संदीप सिंह, जो 'पीएम नरेंद्र मोदी', 'स्वतंत्र वीर सावरकर', 'अटल' या 'बाल शिवाजी' जैसी फिल्मों के निर्माता हैं, ने कहा, यह वह सिनेमा है जिसमें मैं व्यक्तिगत रूप से विश्वास करता हूं. मेरी फिल्में सच्चाई के लिए खड़ी होती हैं. जैसा कि हमारे इतिहास की पाठ्य पुस्तकों में दिखाया गया है, उसे बहादुर मानने के लिए मेरा ब्रेनवाश किया गया था, लेकिन उनके द्वेषपूर्ण पक्ष को कोई नहीं जानता. मैं आने वाली पीढ़ी के लिए उनके छिपे हुए बुरे पक्ष को उजागर करना चाहता हूं.' इरोस इंटरनेशनल, रश्मी शर्मा फिल्म्स और संदीप सिंह द्वारा समर्थित 'टीपू' हिंदी, कन्नड़, तमिल तेलुगु और मलयालम में रिलीज होगी.

ये भी पढ़ें-SRK का हो रहा है #पूर्ण_बहिष्कार, टीपू सुल्तान है वजह !

Last Updated : May 4, 2023, 3:09 PM IST
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