नई दिल्ली : बहुत सारे लोग केवल यह जानते हैं कि आशा भोसले केवल एक गायिका हैं, लेकिन ऐसा नहीं है. एक अच्छी गायिका होने के अलावा वह बहुत अच्छी कुक और मिमिक्री आर्टिस्ट (Asha Bhosle as a Good Cook and Mimicry Artist) भी हैं. एक बार खुद पत्रकार को इंटरव्यू में कहा था कि अगर वह गायिका न बन पातीं तो एक अच्छी कुक बनकर ढेर सारा पैसा कमा सकती हैं.
बताया जाता है कि कुकिंग इनका पसंदीदा शौक है और अक्सर बॉलीवुड के बहुत सारे सितारे व कलाकर आशा के घर जाने पर उनके हाथों से बने ‘कढाई गोस्त’ एवं ‘बिरयानी’ को खाना पसंद करते थे. किसी मेहमान को अच्छा खाना खिलाने के लिए आशाजी ने कभी इनकार नहीं किया. बॉलीवुड के ‘कपूर’ खानदान में आशा भोसले के द्वारा बनाए गये ‘पाया करी’, ‘गोझन फिश करी’ और ‘दाल’ काफी चर्चित हुआ करती थी. आशा भोसले ने एकबार एक मीडिया हाउस के सवाल जवाब के दौरान कहा था कि अगर वह गायिका न बन पातीं तो वह एक अच्छी कुक जरुर बन जातीं और ढ़ेर सारे पैसे कमातीं.
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अपने इसी हुनर के दम पर आशा भोसले ने एक सफल रेस्टॉरेन्ट संचालिका के तौर पर भी काम कर रही हैं. इनके रेस्टॉरेन्ट दुबई और कुवैत में आशा नाम से प्रसिद्ध हैं. ‘वाफी ग्रुप’ द्वारा संचालित रेस्टॉरेन्ट में आशा भोसले की 20% भागीदारी बतायी जाती है. कहा जाता है कि वाफी सीटी दुबई और दो रेस्टॉरेन्ट कुवैत में पारम्परिक उत्तर भारतीय व्यंजनों के लिए प्रसिद्ध हैं. यहां जाकर आशा भोसले ने ‘कैफ्स’ को खुद 6 महीनों तक अच्छा खाना बनाने की ट्रेंनिग देकर आयीं थीं. इसी क्रम में आशा ने रेस्टॉरेन्टों की सीरीज को ‘बरमिंगम’ यू.के. में भी खोला हुआ है.
आशा भोसले एक सफल रेस्टॉरेन्ट संचालिका के तौर पर अपनी पहचान बना रही है. आशा जी का फैशन और पहनावे को लेकर भी खास ध्यान रहता है. वह सफेद चमकदार किनारों वाली साड़ी, गले में मोतियों के हार और हीरा पहनना पसंद करती हैं. आशाजी खुद एक अच्छी ‘मिमिक्री’ अदाकारा भी हैं और कई लोगों की आवाज पर अच्छी मिमिक्री करती हैं.
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