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सीएम योगी और मायावती ने निर्वाचन आयोग को भेजा स्पष्टीकरण

चुनाव को लेकर नेताओं की बयानबाजी और भाषणों का दौर जारी है. ऐसे में नेता कई बार आचार संहिता का उल्लंघन भी कर दे रहे. जिसको लेकर चुनाव आयोग नेताओं से स्पष्टीकरण मांग रहा है. सीएम योगी और बसपा सुप्रीमो ने अपना स्पष्टीकरण चुनाव आयोग को भेजा है.

आयोग को भेजे गए स्पष्टीकरण के बारे में बताते निर्वाचन अधिकारी.
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Published : Apr 12, 2019, 10:45 PM IST

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बसपा सुप्रीमो मायावती ने निर्वाचन आयोग को अपना स्पष्टीकरण भेजा है. आयोग ने इन नेताओं से उनके भाषण पर स्पष्टीकरण मांगा था. निर्वाचन आयोग ने 11 अप्रैल को मायावती को नोटिस भेजकर कहा था कि आयोग के पास भाषण की जो वीडियो क्लिप भेजी गई है. उसमें आचार संहिता का उल्लंघन होता हुआ दिख रहा है. वहीं सीएम योगी को जिला निर्वाचन अधिकारी से रिपोर्ट तलब किया गया था.

आयोग को भेजे गए स्पष्टीकरण के बारे में बताते निर्वाचन अधिकारी.


पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने सहारनपुर में एक चुनावी जनसभा के दौरान मुस्लिम मतदाताओं से गठबंधन को वोट करने की अपील की थी. उन्होंने कहा था कि बीजेपी को गठबंधन ही हरा सकता है. इसलिए वोटों का विभाजन नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि उनकी यह अपील खासकर मुस्लिम मतदाताओं से है. उनके इस भाषण की शिकायत आयोग से हुई थी.


बीजेपी ने शिकायत आयोग से अपील की थी कि बसपा सुप्रीमो मायावती का भाषण प्रतिबंधित कर दिया जाए. उनका यह भाषण कहीं ना तो दिखाया जाए और ना ही वह आगे से चुनाव में भाषण दे सकें. उनकी शिकायत पर उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने केंद्र को साक्ष्यों के साथ रिपोर्ट भेजी थी. इसपर केंद्रीय चुनाव आयोग ने गुरुवार को बसपा सुप्रीमो मायावती को नोटिस भेजकर 24 घंटे के अंदर स्पष्टीकरण देने को कहा था. इस पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने स्पष्टीकरण आयोग को भेज दिया है.


हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि उन्होंने अपने स्पष्टीकरण में क्या भेजा है. दूसरी तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अपना स्पष्टीकरण केंद्रीय चुनाव आयोग को भेज दिया है. अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ब्रह्मदेव राम तिवारी ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भाषण के बारे में स्पष्टीकरण मांगा था और उनका जवाब केंद्रीय चुनाव आयोग को ही भेज दिया गया है. वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती से सीधे तौर पर केंद्रीय चुनाव आयोग ने स्पष्टीकरण मांगा था. बसपा सुप्रीमो मायावती अपना स्पष्टीकरण केंद्रीय चुनाव आयोग को ही भेजी हैं.

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बसपा सुप्रीमो मायावती ने निर्वाचन आयोग को अपना स्पष्टीकरण भेजा है. आयोग ने इन नेताओं से उनके भाषण पर स्पष्टीकरण मांगा था. निर्वाचन आयोग ने 11 अप्रैल को मायावती को नोटिस भेजकर कहा था कि आयोग के पास भाषण की जो वीडियो क्लिप भेजी गई है. उसमें आचार संहिता का उल्लंघन होता हुआ दिख रहा है. वहीं सीएम योगी को जिला निर्वाचन अधिकारी से रिपोर्ट तलब किया गया था.

आयोग को भेजे गए स्पष्टीकरण के बारे में बताते निर्वाचन अधिकारी.


पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने सहारनपुर में एक चुनावी जनसभा के दौरान मुस्लिम मतदाताओं से गठबंधन को वोट करने की अपील की थी. उन्होंने कहा था कि बीजेपी को गठबंधन ही हरा सकता है. इसलिए वोटों का विभाजन नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि उनकी यह अपील खासकर मुस्लिम मतदाताओं से है. उनके इस भाषण की शिकायत आयोग से हुई थी.


बीजेपी ने शिकायत आयोग से अपील की थी कि बसपा सुप्रीमो मायावती का भाषण प्रतिबंधित कर दिया जाए. उनका यह भाषण कहीं ना तो दिखाया जाए और ना ही वह आगे से चुनाव में भाषण दे सकें. उनकी शिकायत पर उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने केंद्र को साक्ष्यों के साथ रिपोर्ट भेजी थी. इसपर केंद्रीय चुनाव आयोग ने गुरुवार को बसपा सुप्रीमो मायावती को नोटिस भेजकर 24 घंटे के अंदर स्पष्टीकरण देने को कहा था. इस पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने स्पष्टीकरण आयोग को भेज दिया है.


हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि उन्होंने अपने स्पष्टीकरण में क्या भेजा है. दूसरी तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अपना स्पष्टीकरण केंद्रीय चुनाव आयोग को भेज दिया है. अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ब्रह्मदेव राम तिवारी ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भाषण के बारे में स्पष्टीकरण मांगा था और उनका जवाब केंद्रीय चुनाव आयोग को ही भेज दिया गया है. वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती से सीधे तौर पर केंद्रीय चुनाव आयोग ने स्पष्टीकरण मांगा था. बसपा सुप्रीमो मायावती अपना स्पष्टीकरण केंद्रीय चुनाव आयोग को ही भेजी हैं.

Intro:लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री व बसपा सुप्रीमो मायावती ने निर्वाचन आयोग को अपना स्पष्टीकरण भेजा है। आयोग ने इन नेताओं से उनके भाषण पर स्पष्टीकरण मांगा था। निर्वाचन आयोग ने 11 अप्रैल को मायावती को नोटिस भेजकर कहा था कि आयोग के पास भाषण की जो वीडियो क्लिप भेजी गई है। उसमें आचार संहिता का उलंघन होता हुआ दिख रहा है। सीएम योगी के बारे में सीधे जिला निर्वाचन अधिकारी से रिपोर्ट तलब की थी।


Body:बसपा सुप्रीमो मायावती ने सहारनपुर में एक चुनावी जनसभा के दौरान मुस्लिम मतदाताओं से गठबंधन को वोट करने की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि बीजेपी को गठबंधन ही हरा सकता है। इसलिए वोटों का विभाजन नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि उनकी यह अपील खासकर मुस्लिम मतदाताओं से है। उनके इस भाषण की शिकायत आयोग से हुई थी। बीजेपी ने शिकायत आयोग से अपील की थी कि बसपा सुप्रीमो मायावती का भाषण प्रतिबंधित कर दिया जाए। उनका यह भाषण कहीं ना तो दिखाया जाए और ना ही वह आगे से चुनाव में भाषण दे सकें।

उनकी शिकायत पर उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने केंद्र को साक्ष्यों के साथ रिपोर्ट भेजी थी। इसपर केंद्रीय चुनाव आयोग ने गुरुवार को बसपा सुप्रीमो मायावती को नोटिस भेजकर 24 घंटे के अंदर स्पष्टीकरण देने को कहा था। इस पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने स्पष्टीकरण आयोग को भेज दिया है। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि उन्होंने अपने स्पष्टीकरण में क्या भेजा है। दूसरी तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अपना स्पष्टीकरण केंद्रीय चुनाव आयोग को भेज दिया है।

बाईट- अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ब्रह्मदेव राम तिवारी ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भाषण के बारे में स्पष्टीकरण मांगा था और उनका जवाब केंद्रीय चुनाव आयोग को ही भेज दिया गया है। वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती से सीधे तौर पर केंद्रीय चुनाव आयोग ने स्पष्टीकरण मांगा था। बसपा सुप्रीमो मायावती अपना स्पष्टीकरण केंद्रीय चुनाव आयोग को ही भेजी हैं।


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