शाहजहांपुर: लोकसभा चुनाव 2019 के लिए जनता से लुभावने वादों का दौर जारी है. भाजपा प्रत्याशी अरुण कुमार सागर के नामांकन में पहुंचे यूपी के शाहजहांपुर में कैबिनेट मिनिस्टर धर्मपाल सिंह ने लोगों को कृत्रिम बारिश का लॉलीपॉप देकर बीजेपी के समर्थन में वोट देने की अपील की. उनका कहना है कि चीन की तरह यूपी सरकार भी जल्द ही सूखा प्रभावित इलाकों में घनघोर कृत्रिम वर्षा करवाएगी.
दरअसल, यूपी के कैबिनेट मिनिस्टर धर्मपाल सिंह को शाहजहांपुर में लोकसभा प्रभारी बनाकर भेजा गया. जहां उन्होंने शाहजहांपुर में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी अरुण सागर के समर्थन में एक रैली के दौरान जनता से कृत्रिम बारिश करवाने का लॉलीपॉप दिया है. कैबिनेट मिनिस्टर ने रैली में संबोधित करते हुए कहा कि चीन की तरह उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में भी कृत्रिम बारिश करवाई जाएगी. उनका कहना है कि जिस तरह चीन ने अपने देश में बेमौसम कृतिम बारिश करवाई थी. ठीक वैसे ही यूपी सरकार 5 करोड़ रुपए खर्च करके कृत्रिम बारिश करवाएगी.
नामांकन से पूर्व भाजपा प्रत्याशी अरुण कुमार सागर के समर्थन में खिरनीबाग रामलीला मैदान में जनसभा का आयोजन किया गया, जिसके मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य थे, हालांकि वह काफी देर से पहुंचे थे. सभा में सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह, सुरेश कुमार खन्ना ने भी विचार व्यक्त किए संचालन जीपीएस राठौर ने किया.
कैबिनेट मिनिस्टर धर्मपाल सिंह का कहना है कि सबसे पहले कृत्रिम बारिश बुंदेलखंड के सूखा प्रभावित क्षेत्रों में करवाई जाएगी. उसके बाद उन्होंने शाहजहांपुर के लोगों से वादा किया है कि यहां भी वह कृत्रिम बारिश करवाएंगे और लोग बेमौसम बारिश का मजा ले सकेंगे. उनका कहना है कि हेलीकॉप्टर के जरिए पहले आसमान में बर्फ बिखेरा जाएगा बाद में उसमें नमक डाला जाएगा . इससे इसके बाद बादलों को नीचे लाकर घनघोर बारिश कराई जाएगी. इसे कृतिम बारिश के बहाने कैबिनेट मिनिस्टर ने लोगों से बीजेपी के पक्ष में वोट देने की अपील की है.
सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि मानसून खत्म होने के बाद बुंदेलखंड से कृत्रिम बारिश प्रोजेक्ट की शुरुआत होगी. सरकार ने इस तकनीक को चीन से खरीदने की कोशिश की मगर बात नहीं बनी. हालांकि, शुरुआत में चीन इस तकनीक को 11 करोड़ रुपये में देने को तैयार हो गया था, लेकिन बाद में इनकार कर दिया.
क्या होती है क्लाउड सीडिंग या कृत्रिम बारिश
मानसून से जुआ खेलते देश का एक बड़ा हिस्सा आमतौर पर सूखाग्रस्त रहा है. जिससे निपटने के लिए वैज्ञानिक अब नए रास्ते तलाशने में जुटे हैं, क्लाउड सीडिंग या कृत्रिम बारिश को लेकर कई कोशिशें होती रही हैं लेकिन अब सरकार इसे लेकर पुख्ता नतीजे चाहती है, लिहाजा उत्तर प्रदेश सरकार में इसे लेकर बड़े पैमाने पर प्रयोग किए जा रहे हैं ताकि इस महंगी तकनीक का लोगों के फायदे के लिए इस्तेमाल किया जा सके.