लखनऊ: 2014 के लोकसभा चुनाव में पूर्वांचल की आजमगढ़ सीट छोड़कर सभी सीट जीतने में भाजपा सफल हुई थी. अब 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी अपने पुराने रिकॉर्ड पर बनी रहेगी, यह बड़ा सवाल माना जा रहा है. क्योंकि पूर्वांचल में जातियों के गठजोड़ और सपा-बसपा गठबंधन का एक होना भाजपा के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है.
- पूर्वांचल में इस बार योगी सरकार के मंत्री ओमप्रकाश राजभर की नाराजगी का भी खामियाजा भाजपा को भुगतना पड़ सकता है.
- पूर्वांचल की 27 लोकसभा सीटों में से करीब 12 ऐसी सीटें हैं, जहां राजभर समाज की बहुलता है.
- अगर यहां से राजभर के उम्मीदवार खड़े हुए तो निश्चित रूप से यह बीजेपी के लिए खतरे की घंटी होगी.
- वहीं सपा-बसपा गठबंधन के चलते दोनों पार्टियों का वोट बैंक एक साथ आने पर भी बीजेपी के लिए चुनौती साबित हो सकता है.
- हालांकि, भारतीय जनता पार्टी का यह दावा है कि बीजेपी इस बार आजमगढ़ सीट को भी जीतने में सफलता हासिल करेगी.
पूर्वांचल की सभी सीटों पर बीजेपी जीत दर्ज करेगी. बसपा को पिछले चुनाव में एक भी सीट नहीं मिली थी. इस बार भले ही वह गठबंधन से चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन उन्हें कोई सफलता नहीं मिलेगी. सपा को पिछली बार आजमगढ़ सीट मिली थी. इस बार वह सीट भी बीजेपी जीतेगी. बीजेपी प्रवक्ता ने ओमप्रकाश राजभर की नाराजगी पर कहा कि बीजेपी इसमें सफलता हासिल करने के लिए अपनी रणनीति बना चुकी है.
-डॉ. मनोज मिश्र, प्रदेश प्रवक्ता, बीजेपी