वाराणसी: मिर्जामुराद थाने में बंजर जमीन के नाम पर मुआवजा लेने के मामले में पुलिस ने गुरुवार की शाम एक महिला को पुराने मुकदमे में गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद उसको जेल भेज दिया गया.
मोहन सराय प्रयागराज नेशनल हाइवे 19 पर बंजर जमीन को फर्जी तरीके से अपने नाम पर दिखाकर, दो करोड़ 19 लाख रुपए का मुआवजा मुखा देवी ने ले लिया था. चकबंदी लेखपाल ने 3 मार्च को मिर्जामुराद थाने में 5 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया था. यह महिला तब से फरार चल रही थी. पुलिस ने गुरुवार को इस महिला को गिरफ्तार कर लिया.
जिला प्रशासन आरोपी को दी गयी रकम वापस लेने की कोशिश कर रहा है. राजातालाब तहसील के परगना में मोहन सराय प्रयागराज के पास 80 एकड़ बंजर भूमि है. इस जमीन में से 5 एकड़ जमीन को लेकर कोले यादव बनाम ग्राम सभा की सुनवाई डिप्टी कलेक्टर माल ने 5 मार्च को कोले यादव के खिलाफ फैसला सुनाया था. साथ ही अभिलेखों में सरकारी जमीन दर्ज करने का निर्देश भी दिया था, लेकिन कर्मियों ने ऐसा नहीं किया.
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इस आदेश के खिलाफ कोले यादव मंडलायुक्त के यहां अपील की थी, लेकिन यहां से भी उन्हें कोई राहत नहीं मिली. उनकी जमीन को तत्कालीन मंडलायुक्त ने 24 जून को खारिज कर दिया था. तमाम प्रयासों के बाद इस जमीन को बंजर घोषित कर दिया गया था और बाद में कोले यादव की मृत्यु के बाद लेखपाल ने उनके बेटे कमलेश बृजेश और राजेश के अलावा अखिलेश और अन्य एक बेटे और उनकी पत्नी को वारिस घोषित किया था. इस जमीन पर ही मुआवजे की धनराशि ली गई थी. इस पूरे प्रकरण में बंजर जमीन पर दिए गए मुआवजे की रिकवरी की प्रक्रिया शुरू हो गयी है.
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