वाराणसी: प्रधानमंत्री आवास योजना में लाभार्थी की जांच शुरू कर दी गई है. मामला संज्ञान में आने पर सीएम योगी ने अपने वाराणसी दौरे में अधिकारियों से बैठक करके जांच के आदेश दिए थे. मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद नगर आयुक्त प्रणय सिंह ने नगर निगम क्षेत्र, रामनगर एवं गंगापुर में बनाए जा रहे आवासों के आवंटन की जांच करा रहे हैं.
जांच की प्राथमिक रिपोर्ट में पाया गया कि परियोजना की मानिटरिंग एवं जियो टैंगिंग का कार्य केडीएस सर्विसेज प्रा.लि. द्वारा किया जा रहा है. इस कार्यदायी संस्था के कुछ सर्वेयर साइट इंजीनियर के द्वारा आवास आवंटन के नाम पर नागरिकों से अवैध धन वसूली तथा जाली प्रमाणपत्र बनाकर अवैध रूप से आवास आवंटन का लालच दिया जा रहा था. इस अवैध मकड़जाल की साजिश में कई लोग शिकार हुए.
इसमें पकड़े गए 10 सर्वेयर साइट इंजीनियर को बर्खास्त कर दिया गया है. जिनके नाम किशन सिंह, आशीष यादव पुत्र रामसकल, करन सिंह, आशीष यादव पुत्र हीरा यादव, शुभम पटेल, अनिल मौर्य, अभिषेक सेठ, अभिनव पाण्डेय को कार्यदायी संस्था द्वारा बखाॅस्त करते हुये उनकी आईडी पासवर्ड को जब्त कर लिया गया है. इसके साथ ही एमआईएस स्पेशलिस्ट निशांत को भी हटा दिया गया है. इसके अतिरिक्त किशन सिंह पुत्र अशोक सिंह तथा आशीष यादव पुत्र हीरा यादव के द्वारा गंभीर अनियमितता पाये जाने के कारण इनके विरूद्ध लालपुर, पाण्डेयपुर थाना में प्राथमिक सूचना रिपोर्ट दर्ज कराये जाने के लिए कार्यदायी संस्था द्वारा तहरीर दी गई है.
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नगर आयुक्त प्रणय सिंह ने बताया गया कि जांच की कार्रवाई अभी जारी है. जैसे-जैसे जांच की कार्रवाई आगे बढ़ेगी, और लोगों के संलिप्त होने का मामला सामने आ सकता है. इसमें जो भी दोषी पाया जाएगा, उनके ऊपर भी कार्रवाई की जाएगी. नगर आयुक्त ने इस सम्बन्ध में परियोजना अधिकारी, डूडा निधि वाजपेयी एवं कार्यदायी संस्था को निर्देशित किया गया है कि कार्यदायी संस्था के प्रतिनिधि अपने आईडी कार्ड एवं ड्रेस कोड के बिना जियो टैगिंग करने क्षेत्रों में न जाएं.
नगर आयुक्त प्रणय सिंह ने नागरिकों लाभार्थियों से अपील की है कि किसी भी व्यक्ति, दलाल, सवैयर जो अपने आप को डूडा कर्मी, नगर निगम कर्मी बताता हो, परन्तु उसके पास डूडा, वाराणसी द्वारा हस्ताक्षरित फोटो आईडी न हो तो तत्काल डूडा कार्यालय या नगर निगम कार्यालय या जिलाधिकारी कार्यालय को सूचित कर रिपोर्ट दर्ज कराएं.
नगर आयुक्त ने नागरिकों व लाभार्थियों से अपील की है कि जिनका आवास स्वीकृत नहीं हुआ है अथवा आवास स्वीकृत होने की प्रक्रिया में है. इस अवस्था में सर्वेयर इंजीनियर को भी प्रपत्र न दें, तथा उनके द्वारा अवैध रूप से काम करवाने के नाम पर पैसे माॅगे जाने पर तत्काल परियोजना अधिकारी, डूडा व नगर निगम कार्यालय एवं जिलाधिकारी कार्यालय या पुलिस को सूचित करें.
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