वाराणसी: गुरु और शिष्य की परंपरा वाले शहर काशी में गुरु पूर्णिमा बहुत सादगी से मनाई जा रही है. आज के दिन लाखों की संख्या में लोग मां गंगा में स्नान कर बाबा विश्वनाथ को जल अर्पण करते थे. अपने-अपने गुरुदेव और गुरुजनों के आगे शीश झुकाते थे, लेकिन आज वाराणसी के घाटों पर लोग देखने को नहीं मिल रहे.
ऐसा पहली बार देखा जा रहा है, जब गुरु पूर्णिमा के दिन घाटों पर लोग न रहे हों. वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं से भरे रहने वाले वाराणसी के घाट आज बिल्कुल खाली पड़े हैं. जिला प्रशासन ने गंगा में स्नान करने पर पाबंदी लगाई है. कोई व्यक्ति अगर गंगा स्नान करने का प्रयास करता भी है तो उसे वापस भेज दिया जा रहा है.
जिले के सभी घाटों पर पुलिस के जवान तैनात है. जिले में छोटे-बड़े मिलाकर 80 से अधिक घाट हैं. ऐसे में प्रशासन लगातार छोटे और बड़े घाटों पर नाव के जरिये नजर बनाए हुए है.
सभी घाटों पर दिखा सन्नाटा
सूर्य उदय के साथ ही लोग गंगा में स्नान कर गुरु पूर्णिमा के पवित्र दिन की शुरुआत करते थे. इस साल काशी के दशाश्वमेध घाट, शीतला घाट, राजेंद्र प्रसाद घाट, अस्सी घाट, तुलसी घाट, केदार घाट जैसे और भी घाटों पर सन्नाटा दिखा. घाट पर केवल पुलिस के जवान ही नजर आए. पुलिस और प्रशासन भी काफी सतर्क है. घाटों पर लोगों को जमा होने से रोका जा रहा है.