वाराणसी : इन दिनों पूरे देश में हनुमान चालीसा की चर्चा जोरों पर है. ऐसे में हनुमान चालीसा की एक चर्चा धर्म नगरी काशी में भी हो रही है. यह चर्चा किसी लाउडस्पीकर को लेकर नहीं बल्कि रंग और कूंची के माध्यम से कैनवास पर हनुमंत लला को जीवंत करने को लेकर है. यहां एक प्रोफेसर द्वारा अपनी चित्रकारी से हनुमान चालीसा की चौपाइयों को एक खास शृंखला में पिरोया जा रहा है जो इन दिनों लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.
कैनवस पर उकेरे जा रहे हैं हनुमान लला : महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के ललित कला विभाग के विभागाध्यक्ष सुनील विश्वकर्मा ने हनुमंत लला को कैनवास पर उकेरने का जिम्मा लिया है. उन्होंने हनुमान चालीसा की चौपाइयों पर चित्रकारी करनी शुरू कर दी है. कई पुरस्कार जीत चुके डॉ. सुनील अब तक लगभग 25 से ज्यादा पेंटिंग को बना चुके हैं. बड़ी बात यह है कि इन पेंटिंग को बनाने के बाद चित्रकूट के तुलसीदास शोध संस्थान के संग्रहालय में लगाया जाएगा ताकि आम जनमानस इसे देख सके.
40 चौपाइयों पर बनेगी चित्र शृंखला : सुनील विश्वकर्मा ने बताया कि उन्हें तुलसीदास शोध संस्थान से एक प्रोजेक्ट मिला है. इसमें यह कहा गया कि उन्हें हनुमान पर कुछ अलग तरीके के कंपोजिशन को तैयार करना है. इसके बाद उन्होंने कई कथावाचक को सुना. हनुमान चालीसा की चौपाइयों को समझा और फिर उसे कैनवास पर उकेरना शुरू कर दिया. उन्होंने बताया कि एक चित्र को बनाने में लगभग 5 दिन का समय लगता है.
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यदि चौपाइयों में ज्यादा काम होता है तो उन्हें बनाने में लगभग 10 दिन का समय लगता है. उन्हें कुल 40 चित्र बनाने हैं वह आगामी दिनों में इसे पूरा कर लेंगे. बहरहाल, इन दिनों देश में जो हनुमान चालीसा को लेकर चर्चा हो रही है, उसमें धर्म नगरी काशी से निकली यह तस्वीर बेहद आकर्षित करने वाली है.
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