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मेरठ में खिलाड़ियों को खल रही कोच की कमी, बिना ट्रेनिंग आखिर कैसे जीतेंगे पदक - मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

मेरठ के कैलाश प्रकाश स्टेडियम (Kailash Prakash Stadium in Meerut) में खिलाड़ियों के लिए कोच (meerut players nursery Lack of coach) की कमी है. बिना कोच के ही खिलाड़ी प्रैक्टिस कर रहे हैं. अगर ऐसे ही चलता रहा तो खिलाड़ी कैसे पदक जीतेंगे.

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Published : Oct 1, 2022, 5:53 PM IST

मेरठ: जिले में स्थित कैलाश प्रकाश स्टेडियम (Kailash Prakash Stadium in Meerut) में लंबे समय से प्रशिक्षकों का टोटा बना हुआ है. यहां हर दिन सैंकड़ों युवा अपने सपने को साकार करने के लिए खूब पसीना बहाते हैं, लेकिन कोच नहीं होने की वजह से सही ट्रेनिंग नहीं मिल पा रही है. इससे उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

जानकारी देते क्षेत्रीय क्रीड़ाधिकारी योगेन्द्रपाल सिंह

कैलाश प्रकाश स्टेडियम (meerut players nursery Lack of coach) में 800 से भी अधिक खिलाड़ी रोजाना अलग-अलग गेम्स का प्रशिक्षण लेने के लिए आते हैं. लेकिन खेल नर्सरी में करीब एक साल से कोच ही नहीं है. इसकी वजह से युवाओं को अपने सीनियर्स खिलाड़ियों का सहारा लेना पड़ता है. युवाओं ने बताया कि उन्हें उस तरह का माहौल नहीं मिल पा रहा है, जो एक कोच द्वारा ट्रेनिंग दी जाती है. इससे वह यह भी नहीं समझ पाते हैं कि सही प्रैक्टिस कर रहे हैं या गलत.

क्षेत्रीय क्रीड़ाधिकारी योगेन्द्रपाल सिंह (Meerut Regional Sports Officer Yogendra Pal Singh) ने बताया कि वे अभी कुछ समय पहले ही मेरठ में आए हैं. लेकिन जैसे ही उन्हें यहां कोच की कमी की जानकारी हुई. उन्होनें इस बारे में विभाग के अफसरों से नए कोच नियुक्त करने की मांग की है. फुटबॉल, वॉलीबॉल, बैडमिंटन, जूडो, नेटबॉल, हैंडबॉल, तैराकी और तीरंदाजी में कोच नहीं हैं. अगर सभी गेम्स के कोच होते तो यहां युवाओं की संख्या और भी अधिक होती. इस तरह से युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ की जा रही है.


पढ़ें- नवरात्रि के व्रत को लेकर महिलाओं को दी सलाह तो गेस्ट लेक्चरर की नौकरी गई

क्षेत्रीय क्रीड़ाधिकारी (Meerut Regional Sports Officer Yogendra Pal Singh) ने बताया कि मेरठ में कम से कम 18 कोच होने चाहिए, लेकिन यहां सिर्फ वर्तमान में 8 ही कोच हैं. उन्हें उम्मीद है कि शीघ्र ही इस दिशा में शासन से योग्य खेल प्रशिक्षकों की नियुक्ति होगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने खिलाड़ियों का लखनऊ में उत्साहवर्धन भी किया था, लेकिन सवाल ये है कि जब खिलाड़ियों को कुशल प्रशिक्षक ही नहीं मिल पाएंगे, मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति ही नहीं होगी, तो कैसे खेलेगा इंडिया और कैसे बढ़ेगा इंडिया.

पढ़ें- 5G सेवा का वाराणसी में ट्रॉयल शुरू, सीएम योगी कार्यक्रम में वर्चुअली हुए शामिल

मेरठ: जिले में स्थित कैलाश प्रकाश स्टेडियम (Kailash Prakash Stadium in Meerut) में लंबे समय से प्रशिक्षकों का टोटा बना हुआ है. यहां हर दिन सैंकड़ों युवा अपने सपने को साकार करने के लिए खूब पसीना बहाते हैं, लेकिन कोच नहीं होने की वजह से सही ट्रेनिंग नहीं मिल पा रही है. इससे उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

जानकारी देते क्षेत्रीय क्रीड़ाधिकारी योगेन्द्रपाल सिंह

कैलाश प्रकाश स्टेडियम (meerut players nursery Lack of coach) में 800 से भी अधिक खिलाड़ी रोजाना अलग-अलग गेम्स का प्रशिक्षण लेने के लिए आते हैं. लेकिन खेल नर्सरी में करीब एक साल से कोच ही नहीं है. इसकी वजह से युवाओं को अपने सीनियर्स खिलाड़ियों का सहारा लेना पड़ता है. युवाओं ने बताया कि उन्हें उस तरह का माहौल नहीं मिल पा रहा है, जो एक कोच द्वारा ट्रेनिंग दी जाती है. इससे वह यह भी नहीं समझ पाते हैं कि सही प्रैक्टिस कर रहे हैं या गलत.

क्षेत्रीय क्रीड़ाधिकारी योगेन्द्रपाल सिंह (Meerut Regional Sports Officer Yogendra Pal Singh) ने बताया कि वे अभी कुछ समय पहले ही मेरठ में आए हैं. लेकिन जैसे ही उन्हें यहां कोच की कमी की जानकारी हुई. उन्होनें इस बारे में विभाग के अफसरों से नए कोच नियुक्त करने की मांग की है. फुटबॉल, वॉलीबॉल, बैडमिंटन, जूडो, नेटबॉल, हैंडबॉल, तैराकी और तीरंदाजी में कोच नहीं हैं. अगर सभी गेम्स के कोच होते तो यहां युवाओं की संख्या और भी अधिक होती. इस तरह से युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ की जा रही है.


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क्षेत्रीय क्रीड़ाधिकारी (Meerut Regional Sports Officer Yogendra Pal Singh) ने बताया कि मेरठ में कम से कम 18 कोच होने चाहिए, लेकिन यहां सिर्फ वर्तमान में 8 ही कोच हैं. उन्हें उम्मीद है कि शीघ्र ही इस दिशा में शासन से योग्य खेल प्रशिक्षकों की नियुक्ति होगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने खिलाड़ियों का लखनऊ में उत्साहवर्धन भी किया था, लेकिन सवाल ये है कि जब खिलाड़ियों को कुशल प्रशिक्षक ही नहीं मिल पाएंगे, मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति ही नहीं होगी, तो कैसे खेलेगा इंडिया और कैसे बढ़ेगा इंडिया.

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