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हेमा मालिनी ने जवाहर बाग कांड में शहीद हुए अधिकारियों को दी श्रद्धांजलि - मथुरा ताजा खबरें

मथुरा की सांसद हेमा मालिनी ने जवाहर बाग में शहीद हुए दोनों अधिकारियों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए पहुंची. दोनों अधिकारियों के परिजन हर साल इस दिन शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए आते हैं.

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मथुरा की सांसद हेमा मालिनी
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Published : Jun 2, 2022, 9:15 PM IST

मथुरा: 6 साल पहले आज ही के दिन 2 जून 2016 को जवाहर बाग को अवैध कब्जाधारियों से मुक्त कराने के दौरान संघर्ष और आगजनी में दो पुलिस अधिकारियों सहित 29 उपद्रवियों की मौत हो गई थी. पूरी तरह से बर्बाद हो चुके बाग को भाजपा सरकार ने जीवंत कर दिया. पार्क का नवीनीकरण कराते हुए उसे विकसित किया. सांसद हेमा मालिनी जवाहर बाग में शहीद हुए दोनों अधिकारियों को श्रद्धांजलि अर्पित की. दोनों अधिकारियों के परिजन हर साल इस दिन शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए आते हैं.

सांसद हेमा मालिनी ने बताया कि 6 साल पहले जवाहर बाग में बहुत बड़ा इंसीडेंट हुआ था. यहां पर दो बड़े पुलिस ऑफिसर शहीद हुए थे. उन्होंने अपनी बहादुरी दिखाते हुए अपने कर्तव्य का पालन किया. जिनमें से एक मुकुल द्विवेदी और दूसरे संतोष यादव थे. दोनों अधिकारियों ने कर्तव्य का पालन करते हुए अपनी जान दे दी तो हमारा फर्ज बनता है कि हम सब मथुरा में रहने वाले लोग इस जगह की देखभाल करें. 6 साल पहले आज ही के दिन दोनों अधिकारी शहीद हुए थे. मैं मथुरा में थी तो मुझे लगा कि दोनों अधिकारियों को श्रद्धांजलि अर्पित करनी चाहिए इसलिए मैं यहां पर आई हूं.

जवाहर बाग कांड में शहीद अधिकारियों को श्रद्धांजलि देती हेमा मालिनी

बाग का स्वयं रखें ध्यान: वहीं, सांसद हेमा मालिनी ने जवाहर बाग की व्यवस्थाओं को लेकर कहा, कि यह बाग गलत आदमी के कब्जे में था. अब कब्जा मुक्त होने के बाद यह बाग अच्छा हो गया है. योगी जी ने इसके जीर्णोद्धार के लिए पैसा दिया है. आप देख सकते हैं कि अब यह कितना सुंदर बन चुका है. इतनी हरियाली जितनी यहां है पूरे मथुरा में कहीं देखने को नहीं मिलती. लोग इसे पहचानने लगे हैं. धीरे-धीरे जो भी कमियां हैं वह भी दूर हो जाएंगी. आपने बताया कि यहां पानी की व्यवस्था होनी चाहिए वह भी जल्द पूरी की जाएगी. मैं यह चाहूंगी के यहां जो पब्लिक आती है वह भी इस पार्क को अच्छी तरह से मेंटेन करे.

यह भी पढ़ें-श्रीकृष्ण जन्मभूमि के आसपास 10 वर्ग किलोमीटर में शराब और भांग बिक्री पर लगा प्रतिबंध

वहीं, जब उनसे पूछा गया कि शहीद अधिकारियों की पत्नियां अधिकारियों की मूर्ति न लगने से ना-खुश नजर आ रही हैं. तो उन्होंने कहा कि इस बारे में मुझे कुछ मालूम नहीं है, मैं केवल यहां श्रद्धांजलि देने के लिए आई हूं.

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मथुरा: 6 साल पहले आज ही के दिन 2 जून 2016 को जवाहर बाग को अवैध कब्जाधारियों से मुक्त कराने के दौरान संघर्ष और आगजनी में दो पुलिस अधिकारियों सहित 29 उपद्रवियों की मौत हो गई थी. पूरी तरह से बर्बाद हो चुके बाग को भाजपा सरकार ने जीवंत कर दिया. पार्क का नवीनीकरण कराते हुए उसे विकसित किया. सांसद हेमा मालिनी जवाहर बाग में शहीद हुए दोनों अधिकारियों को श्रद्धांजलि अर्पित की. दोनों अधिकारियों के परिजन हर साल इस दिन शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए आते हैं.

सांसद हेमा मालिनी ने बताया कि 6 साल पहले जवाहर बाग में बहुत बड़ा इंसीडेंट हुआ था. यहां पर दो बड़े पुलिस ऑफिसर शहीद हुए थे. उन्होंने अपनी बहादुरी दिखाते हुए अपने कर्तव्य का पालन किया. जिनमें से एक मुकुल द्विवेदी और दूसरे संतोष यादव थे. दोनों अधिकारियों ने कर्तव्य का पालन करते हुए अपनी जान दे दी तो हमारा फर्ज बनता है कि हम सब मथुरा में रहने वाले लोग इस जगह की देखभाल करें. 6 साल पहले आज ही के दिन दोनों अधिकारी शहीद हुए थे. मैं मथुरा में थी तो मुझे लगा कि दोनों अधिकारियों को श्रद्धांजलि अर्पित करनी चाहिए इसलिए मैं यहां पर आई हूं.

जवाहर बाग कांड में शहीद अधिकारियों को श्रद्धांजलि देती हेमा मालिनी

बाग का स्वयं रखें ध्यान: वहीं, सांसद हेमा मालिनी ने जवाहर बाग की व्यवस्थाओं को लेकर कहा, कि यह बाग गलत आदमी के कब्जे में था. अब कब्जा मुक्त होने के बाद यह बाग अच्छा हो गया है. योगी जी ने इसके जीर्णोद्धार के लिए पैसा दिया है. आप देख सकते हैं कि अब यह कितना सुंदर बन चुका है. इतनी हरियाली जितनी यहां है पूरे मथुरा में कहीं देखने को नहीं मिलती. लोग इसे पहचानने लगे हैं. धीरे-धीरे जो भी कमियां हैं वह भी दूर हो जाएंगी. आपने बताया कि यहां पानी की व्यवस्था होनी चाहिए वह भी जल्द पूरी की जाएगी. मैं यह चाहूंगी के यहां जो पब्लिक आती है वह भी इस पार्क को अच्छी तरह से मेंटेन करे.

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वहीं, जब उनसे पूछा गया कि शहीद अधिकारियों की पत्नियां अधिकारियों की मूर्ति न लगने से ना-खुश नजर आ रही हैं. तो उन्होंने कहा कि इस बारे में मुझे कुछ मालूम नहीं है, मैं केवल यहां श्रद्धांजलि देने के लिए आई हूं.

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