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सरकारी नौकरियों में पिछड़ी जातियों के प्रतिनिधित्व का आकलन कराएगी योगी सरकार, ये है वजह

उत्तर प्रदेश के सार्वजनिक उद्यम ब्यूरो विभाग ने सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव को पत्र भेजकर सरकारी विभागों में पिछड़ी जातियों के प्रतिनिधित्व का पूरा ब्यौरा मांगा है.

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पिछड़ी जातियों के लोगों का क्या प्रतिनिधित्व
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Published : Aug 17, 2022, 10:51 AM IST

लखनऊ: सरकारी नौकरियों में पिछड़ी जातियों के लोगों का क्या प्रतिनिधित्व है. इसका पता लगाने को लेकर योगी सरकार नए सिरे से सभी विभागों में पिछड़ी जातियों के प्रतिनिधित्व का आकलन कराने का अभियान चलाने का फैसला किया गया है. इसके लिए सरकार ने ब्यौरा मांगा है.

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

इससे यह पता लगाया जा सके कि सभी विभागों में प्रदेश की पिछड़ी जातियों की 79 उप जातियों में से किस जाति का कितना प्रतिनिधित्व है और कितने कर्मचारी हैं. इसके लिए सार्वजनिक उद्यम विभाग की तरफ से भेजे गए निर्देश के मुताबिक अगले कुछ समय में सभी विभागों में समूह 'क' से लेकर समूह 'घ' तक के कुल पदों पर नियुक्त किए गए कर्मचारियों का पूरा ब्यौरा मांगा गया है. इसके साथ ही सभी विभाग के सभी पदों का विवरण संवर्ग बार भी देने की बात कही गई है. इसके बाद स्वीकृत पद, भरे गए पद, पिछड़ी जातियों के लिए तय पद, पिछड़ी जातियों से भरे गए पद, सामान्य श्रेणी में चयनित ओबीसी की संख्या कुल भरे गए, पदों के मुकाबले ओबीसी का फीसद, आदि की पूरी जानकारी विभागों को देनी है.

इसके साथ ही विभागों में नियुक्ति के समय आरक्षण का कोटा पूरा हुआ है या नहीं यह भी जानकारी देनी है. इसके अलावा खासतौर पर समूह 'क' से लेकर समूह 'घ' के पदों में पिछड़ी जातियों की उप जातियों की भी प्रमुखता से स्थिति बतानी है. पिछड़े वर्ग की 79 उप जातियों को विभागों में नियुक्ति में आरक्षण मिला है या नहीं, इसका भी ब्यौरा देना है.

ये भी पढ़ें- हमीरपुर में गैंगरेप, घर पर महिला को बंधक बनाकर पांच लोगों ने लूटी आबरू

जनवरी 2010 से लेकर मार्च 2020 तक विभिन्न विभागों में की गई कुल नियुक्तियों में चयनित अभ्यर्थियों का जातिवार विवरण सार्वजनिक उद्यम ब्यूरो ने सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव प्रमुख सचिव व विभागा ध्यक्षों से मांगा है. इसी महीने 23 अगस्त व 24 अगस्त को 83 विभागों की बैठक दो चरणों में की जाएगी. जिसमें जातिवार प्रतिनिधित्व की जानकारी शासन को उपलब्ध करानी है. इस जानकारी को सार्वजनिक उद्यम ब्यूरो की तरफ से भेजे गए निर्धारित प्रारूप भेजने की बात कही गई है.

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लखनऊ: सरकारी नौकरियों में पिछड़ी जातियों के लोगों का क्या प्रतिनिधित्व है. इसका पता लगाने को लेकर योगी सरकार नए सिरे से सभी विभागों में पिछड़ी जातियों के प्रतिनिधित्व का आकलन कराने का अभियान चलाने का फैसला किया गया है. इसके लिए सरकार ने ब्यौरा मांगा है.

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इससे यह पता लगाया जा सके कि सभी विभागों में प्रदेश की पिछड़ी जातियों की 79 उप जातियों में से किस जाति का कितना प्रतिनिधित्व है और कितने कर्मचारी हैं. इसके लिए सार्वजनिक उद्यम विभाग की तरफ से भेजे गए निर्देश के मुताबिक अगले कुछ समय में सभी विभागों में समूह 'क' से लेकर समूह 'घ' तक के कुल पदों पर नियुक्त किए गए कर्मचारियों का पूरा ब्यौरा मांगा गया है. इसके साथ ही सभी विभाग के सभी पदों का विवरण संवर्ग बार भी देने की बात कही गई है. इसके बाद स्वीकृत पद, भरे गए पद, पिछड़ी जातियों के लिए तय पद, पिछड़ी जातियों से भरे गए पद, सामान्य श्रेणी में चयनित ओबीसी की संख्या कुल भरे गए, पदों के मुकाबले ओबीसी का फीसद, आदि की पूरी जानकारी विभागों को देनी है.

इसके साथ ही विभागों में नियुक्ति के समय आरक्षण का कोटा पूरा हुआ है या नहीं यह भी जानकारी देनी है. इसके अलावा खासतौर पर समूह 'क' से लेकर समूह 'घ' के पदों में पिछड़ी जातियों की उप जातियों की भी प्रमुखता से स्थिति बतानी है. पिछड़े वर्ग की 79 उप जातियों को विभागों में नियुक्ति में आरक्षण मिला है या नहीं, इसका भी ब्यौरा देना है.

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जनवरी 2010 से लेकर मार्च 2020 तक विभिन्न विभागों में की गई कुल नियुक्तियों में चयनित अभ्यर्थियों का जातिवार विवरण सार्वजनिक उद्यम ब्यूरो ने सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव प्रमुख सचिव व विभागा ध्यक्षों से मांगा है. इसी महीने 23 अगस्त व 24 अगस्त को 83 विभागों की बैठक दो चरणों में की जाएगी. जिसमें जातिवार प्रतिनिधित्व की जानकारी शासन को उपलब्ध करानी है. इस जानकारी को सार्वजनिक उद्यम ब्यूरो की तरफ से भेजे गए निर्धारित प्रारूप भेजने की बात कही गई है.

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