लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले सचिवालय कर्मचारियों को सचिवालय भत्ता दिए जाने का आदेश जारी किया है. यूपी विधानसभा चुनाव 2022 से पहले नये साल में यह सौगात दी गई है. इसके जरिए सचिवालय कर्मचारियों की नाराजगी को दूर करने की कोशिश की है. कोविड-19 के चलते मई 2020 में सचिवालय कर्मचारियों को मिलने वाला सचिवालय भत्ता बंद कर दिया गया था.
इसके बाद से सचिवालय कर्मचारियों की तरफ से लगातार सचिवालय भत्ता दिए जाने की मांग की जा रही थी. अब विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और सचिवालय कर्मचारियों की नाराजगी से बीजेपी को राजनीतिक नुकसान न हो जाए, इसको देखते हुए मंगलवार को सचिवालय भत्ता देने का आदेश वित्त विभाग ने जारी कर दिया.
सचिवालय में करीब 10 हजार कर्मचारी अलग-अलग विभाग में काम करते हैं, जिन्हें अब सचिवालय भत्ता 1 जनवरी 2022 से मिलना शुरू होगा. सचिवालय भत्ता अलग-अलग वेतनमान के अनुसार दिया जाएगा. वहीं राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जेएन तिवारी ने सचिवालय के 10 हजार कर्मचारियों को सचिवालय भत्ता देने के निर्णय के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार व्यक्त किया.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने सचिवालय के 10 हजार कर्मचारियों को तो नए साल के तोहफे से नवाज दिया है, लेकिन प्रदेश के 12 लाख कर्मचारी अब भी नगर प्रतिकर भत्ता दिए जाने की बाट जोह रहे हैं. प्रदेश के राज्य कर्मचारियों का नगर प्रतिकर भत्ता 12 मई 2020 को रोक दिया गया था. मई 2020 से 31 दिसंबर 2021 तक कर्मचारियों ने नगर प्रतिकर भत्ता की कटौती के रूप में 1,503 करोड़ रुपये सरकारी खजाने में जमा किये गए.
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जेएन तिवारी ने कहा कि प्रदेश में अराजपत्रित कर्मचारियों की कुल संख्या 11,79,218 है. यदि नगर प्रतिकर भत्ते का भुगतान कर दिया जाता है, तो कर्मचारियों का एक बहुत बड़ा समूह संतुष्ट हो जाएगा. इस संबंध में उन्होंने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर नगर प्रतिकर भत्ता तत्काल फिर से देने की मांग की.
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