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अग्रिवीर भर्ती के लिए हल्द्वानी से बने थे ताहिर खान के फर्जी दस्तावेज, जानें कैसे पकड़ा गया

अल्मोड़ा के रानीखेत में हो रही अग्निवीर भर्ती में फर्जी दस्तावेज बनाकर प्रतिभाग करने वाले उत्तर प्रदेश निवासी ताहिर के खिलाफ प्रशासन ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है. पूरे मामले में एसडीएम मनीष कुमार ने जांच के आदेश दिए हैं. साथ ही जिस जन सेवा केंद्र से फर्जी दस्तावेज को स्कैन कर लगाया गया था, उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. मामले की जांच राजस्व उपनिरीक्षक दीपक टम्टा को सौंपी गई है.

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अग्रिवीर भर्ती
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Published : Aug 26, 2022, 6:44 PM IST

हल्द्वानी: अल्मोड़ा के रानीखेत में हो रही अग्निवीर भर्ती में फर्जी दस्तावेज (agniveer recruitment fake documents) बनाकर प्रतिभाग करने वाले उत्तर प्रदेश निवासी ताहिर का फर्जी दस्तावेज हल्द्वानी तहसील से जारी हुआ है. पूरे मामले में एसडीएम मनीष कुमार (Haldwani SDM Manish Kumar) ने जांच के आदेश दिए हैं. साथ ही जिस जन सेवा केंद्र से फर्जी दस्तावेज को स्कैन कर लगाया गया था, उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करके कार्रवाई की जा रही है. मामले की जांच राजस्व उपनिरीक्षक दीपक टम्टा को सौंपी गई है.

गौर हो कि जांच में पता चला है कि ताहिर ने निवास प्रमाण पत्र के लिए शहर के शनि बाजार रोड स्थित नासिर अली के जन सेवा केंद्र से आवेदन किया था. बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर का रहने वाला ताहिर ने हल्द्वानी में रहकर अग्निवीर में भर्ती के लिए पुराने आधार कार्ड, राशन कार्ड और शैक्षिक प्रमाण पत्र को स्कैन कर जन सेवा केंद्र के माध्यम से आवेदन किया था. पुलिस ने पूरे मामले में ताहिर और जन सेवा केंद्र के संचालक नासिर के खिलाफ कूट रचित दस्तावेजों को तैयार करने की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है. उप जिलाधिकारी मनीष कुमार का कहना है कि ताहिर ने कूट रचित कर अपने सभी दस्तावेज को स्कैन कर अमित के नाम से बनाया था. जहां सीएससी सेंटर के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन किए थे.
पढ़ें-देहरादून: फर्जी प्रमाण पत्र जारी करने का मामला, निगम ने फिर बैठाई जांच

आवेदन करने वाले के दस्तावेज की जांच की पूरी जिम्मेदारी सीएससी सेंटर संचालक की होती है. ऑनलाइन आवेदन होने के बाद स्कैन कॉपी अधिकारी के पास ऑनलाइन ही पहुंचती हैं और यह प्रमाण पत्र स्वीकृत करता है. हालांकि उसके सत्यापन की जिम्मेदारी सीएससी सेंटर संचालक की होती है. पूरे मामले में जांच चल रही है बनाए गए सभी प्रमाण पत्रों को को रद्द कर दिया गया है. ताहिर और सीएससी सेंटर संचालक नासिर अली के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है. इस मामले में जो भी लोग दोषी होंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
पढ़ें-पौड़ी में दो महिला सहायक अध्यापक निलंबित, फर्जी प्रमाण पत्रों से पाई थी नौकरी

बता दें कि रानीखेत में हो रही अग्निवीर के भर्ती में ताहिर नाम का युवक फर्जी प्रमाण पत्रों के साथ पकड़ा गया था. उसने अपने प्रमाण पत्र में अपना नाम अमित बताया था. सेना के जवानों की जांच पड़ताल में प्रमाण पत्र फर्जी पाए जाने के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजने की कार्रवाई की गई थी. आरोपी का प्रमाण पत्र हल्द्वानी तहसील से जारी किया गया था. ऐसे में हल्द्वानी तहसील अधिकारियों के ऊपर भी सवाल खड़े हो रहे हैं कि बिना जांच पड़ताल के हल्द्वानी तहसील से कैसे प्रमाण पत्र जारी हो गए.

फर्जी दस्तावेज बनाने में हो सकती है साठगांठ: पूरे मामले में ताहिर का अमित के नाम से बनाए गए फर्जी दस्तावेज में कहीं न कहीं सीएससी सेंटर और तहसील कर्मियों की साठगांठ पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. एसडीएम मनीष कुमार का कहना है कि अगर इस तरह का भी मामला सामने आता है तो उक्त अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.

हल्द्वानी: अल्मोड़ा के रानीखेत में हो रही अग्निवीर भर्ती में फर्जी दस्तावेज (agniveer recruitment fake documents) बनाकर प्रतिभाग करने वाले उत्तर प्रदेश निवासी ताहिर का फर्जी दस्तावेज हल्द्वानी तहसील से जारी हुआ है. पूरे मामले में एसडीएम मनीष कुमार (Haldwani SDM Manish Kumar) ने जांच के आदेश दिए हैं. साथ ही जिस जन सेवा केंद्र से फर्जी दस्तावेज को स्कैन कर लगाया गया था, उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करके कार्रवाई की जा रही है. मामले की जांच राजस्व उपनिरीक्षक दीपक टम्टा को सौंपी गई है.

गौर हो कि जांच में पता चला है कि ताहिर ने निवास प्रमाण पत्र के लिए शहर के शनि बाजार रोड स्थित नासिर अली के जन सेवा केंद्र से आवेदन किया था. बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर का रहने वाला ताहिर ने हल्द्वानी में रहकर अग्निवीर में भर्ती के लिए पुराने आधार कार्ड, राशन कार्ड और शैक्षिक प्रमाण पत्र को स्कैन कर जन सेवा केंद्र के माध्यम से आवेदन किया था. पुलिस ने पूरे मामले में ताहिर और जन सेवा केंद्र के संचालक नासिर के खिलाफ कूट रचित दस्तावेजों को तैयार करने की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है. उप जिलाधिकारी मनीष कुमार का कहना है कि ताहिर ने कूट रचित कर अपने सभी दस्तावेज को स्कैन कर अमित के नाम से बनाया था. जहां सीएससी सेंटर के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन किए थे.
पढ़ें-देहरादून: फर्जी प्रमाण पत्र जारी करने का मामला, निगम ने फिर बैठाई जांच

आवेदन करने वाले के दस्तावेज की जांच की पूरी जिम्मेदारी सीएससी सेंटर संचालक की होती है. ऑनलाइन आवेदन होने के बाद स्कैन कॉपी अधिकारी के पास ऑनलाइन ही पहुंचती हैं और यह प्रमाण पत्र स्वीकृत करता है. हालांकि उसके सत्यापन की जिम्मेदारी सीएससी सेंटर संचालक की होती है. पूरे मामले में जांच चल रही है बनाए गए सभी प्रमाण पत्रों को को रद्द कर दिया गया है. ताहिर और सीएससी सेंटर संचालक नासिर अली के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है. इस मामले में जो भी लोग दोषी होंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
पढ़ें-पौड़ी में दो महिला सहायक अध्यापक निलंबित, फर्जी प्रमाण पत्रों से पाई थी नौकरी

बता दें कि रानीखेत में हो रही अग्निवीर के भर्ती में ताहिर नाम का युवक फर्जी प्रमाण पत्रों के साथ पकड़ा गया था. उसने अपने प्रमाण पत्र में अपना नाम अमित बताया था. सेना के जवानों की जांच पड़ताल में प्रमाण पत्र फर्जी पाए जाने के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजने की कार्रवाई की गई थी. आरोपी का प्रमाण पत्र हल्द्वानी तहसील से जारी किया गया था. ऐसे में हल्द्वानी तहसील अधिकारियों के ऊपर भी सवाल खड़े हो रहे हैं कि बिना जांच पड़ताल के हल्द्वानी तहसील से कैसे प्रमाण पत्र जारी हो गए.

फर्जी दस्तावेज बनाने में हो सकती है साठगांठ: पूरे मामले में ताहिर का अमित के नाम से बनाए गए फर्जी दस्तावेज में कहीं न कहीं सीएससी सेंटर और तहसील कर्मियों की साठगांठ पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. एसडीएम मनीष कुमार का कहना है कि अगर इस तरह का भी मामला सामने आता है तो उक्त अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.

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