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अवैध निर्माण वाले होटलों में आग से मरे थे सात लोग, जांच के नाम पर हो रहा दिखावा - प्रमुख सचिव आवास

चारबाग में 2018 में अवैध निर्माण कर बनाए गए होटल में आग लगने से सात लोगों की मौत हो गई थी. बावजूद इसके पड़ोस में एक और होटल का अवैध निर्माण शुरू कर दिया गया था. शिकायत के बाद अब होटल को सील कर दिया गया है.

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Published : Jun 25, 2022, 5:36 PM IST

लखनऊ : चारबाग में 2018 में अवैध निर्माण कर बनाए गए होटल में आग लगने से सात लोगों की मौत हो गई थी. उसके पड़ोस में एक और होटल का अवैध निर्माण शुरू कर दिया गया था. शिकायत होने के बाद लखनऊ विकास प्राधिकरण ने होटल को सील कर दिया है. मगर खास बात यह है कि इस होटल का निर्माण जिस जमीन पर किया गया है उसको लेकर भी विवाद लंबित है. एलडीए ने पूर्व में यहां मकान का नक्शा पास किया था. इसको भी निरस्त कर दिया था. इसके बावजूद इंजीनियरों की मिलीभगत से अवैध निर्माण शुरू कर दिया गया. जिसके बाद विशेष कार्य अधिकारी ने इसे पुलिस अभिरक्षा में दे दिया है.

चारबाग के जैन धर्मशाला रोड दूध मंडी पान दरीबा के पास बीडी मिश्रा के नाम से प्लॉट नंबर 72/16 में लगभग 362 वर्ग मीटर क्षेत्रफल पर परमिट संख्या 42827 के तहत मानचित्र स्वीकृत कराया गया था. मगर निर्माण मानचित्र के विपरीत शुरू कराया गया. एलडीए के सूत्रों का कहना है कि अवैध निर्माण करके होटल बनाना बिना इंजीनियरों की मिलीभगत के संभव नहीं है. जबकि इस पर लखनऊ विकास प्राधिकरण और प्लॉट मालिक के बीच लंबे समय से विवाद भी चल रहा है. मामला जब विशेष कार्य अधिकारी राजीव कुमार के समक्ष पहुंचा तो उनकी प्रवर्तन कोर्ट ने इस को सील करने का आदेश दे दिया. सील होने के बाद में होटल का निर्माण रुका हुआ है.

खास बात यह है कि प्रमुख सचिव आवास का 20 दिन पुराना आदेश ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है. इसमें उन्होंने लखनऊ के होटलों में फायर सेफ्टी सिस्टम और अवैध निर्माण को जांच कर रिपोर्ट देने के लिए कहा था. यह रिपोर्ट सात दिन में आनी थी, लेकिन अब तक नहीं आ सकी है.

ये भी पढें : सेवानिवृत्त IPS अमिताभ ठाकुर ने राजनीतिक दल 'अधिकार सेना' बनाने की घोषणा की

इस बारे में लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अक्षय कुमार त्रिपाठी का कहना है कि सभी अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. होटलों की भी जांच करके जहां भी अवैध निर्माण पाया जाएगा सख्त एक्शन होगा.
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लखनऊ : चारबाग में 2018 में अवैध निर्माण कर बनाए गए होटल में आग लगने से सात लोगों की मौत हो गई थी. उसके पड़ोस में एक और होटल का अवैध निर्माण शुरू कर दिया गया था. शिकायत होने के बाद लखनऊ विकास प्राधिकरण ने होटल को सील कर दिया है. मगर खास बात यह है कि इस होटल का निर्माण जिस जमीन पर किया गया है उसको लेकर भी विवाद लंबित है. एलडीए ने पूर्व में यहां मकान का नक्शा पास किया था. इसको भी निरस्त कर दिया था. इसके बावजूद इंजीनियरों की मिलीभगत से अवैध निर्माण शुरू कर दिया गया. जिसके बाद विशेष कार्य अधिकारी ने इसे पुलिस अभिरक्षा में दे दिया है.

चारबाग के जैन धर्मशाला रोड दूध मंडी पान दरीबा के पास बीडी मिश्रा के नाम से प्लॉट नंबर 72/16 में लगभग 362 वर्ग मीटर क्षेत्रफल पर परमिट संख्या 42827 के तहत मानचित्र स्वीकृत कराया गया था. मगर निर्माण मानचित्र के विपरीत शुरू कराया गया. एलडीए के सूत्रों का कहना है कि अवैध निर्माण करके होटल बनाना बिना इंजीनियरों की मिलीभगत के संभव नहीं है. जबकि इस पर लखनऊ विकास प्राधिकरण और प्लॉट मालिक के बीच लंबे समय से विवाद भी चल रहा है. मामला जब विशेष कार्य अधिकारी राजीव कुमार के समक्ष पहुंचा तो उनकी प्रवर्तन कोर्ट ने इस को सील करने का आदेश दे दिया. सील होने के बाद में होटल का निर्माण रुका हुआ है.

खास बात यह है कि प्रमुख सचिव आवास का 20 दिन पुराना आदेश ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है. इसमें उन्होंने लखनऊ के होटलों में फायर सेफ्टी सिस्टम और अवैध निर्माण को जांच कर रिपोर्ट देने के लिए कहा था. यह रिपोर्ट सात दिन में आनी थी, लेकिन अब तक नहीं आ सकी है.

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इस बारे में लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अक्षय कुमार त्रिपाठी का कहना है कि सभी अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. होटलों की भी जांच करके जहां भी अवैध निर्माण पाया जाएगा सख्त एक्शन होगा.
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