लखनऊ : माटी कला बोर्ड, लखनऊ द्वारा सोमवार से सात दिवसीय माटीकला मेला एवं दो दिवसीय (18-19 अक्टूबर) माटीकला कार्यशाला का आयोजन (Matikala Workshop) खादी भवन में हुआ. जिसमें प्रदेश के विभिन्न जनपदों से आए शिल्पकारों एवं कारीगरों द्वारा 75 स्टॉल लगाकर मिट्टी से निर्मित अपनी उत्कृष्ट कलाकृतियों का प्रदर्शन किया.
मेले का उद्घाटन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राकेश सचान, मंत्री खादी एवं ग्रामोद्योग, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम निर्यात प्रोत्साहन, रेशम उद्योग, वस्त्र उद्योग, उप्र ने फीता काटकर किया. इस अवसर पर माटीकला बोर्ड के अध्यक्ष ओम प्रकाश गोला एवं अपर मुख्य सचिव, खादी एवं ग्रामोद्योग, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम निर्यात प्रोत्साहन, रेशम उद्योग, वस्त्र उद्योग एवं महाप्रबंधक, माटी कला बोर्ड, अमित मोहन प्रसाद के अतिरिक्त सचिव, प्रांजल यादव, खादी एवं ग्रामोद्योग उपस्थित रहे. मुख्य अतिथि एवं अन्य गणमान्य अतिथियों का स्वागत एवं सम्मान माल्यार्पण द्वारा किया गया. कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि ने दीप प्रज्जवलित कर किया. इसके बाद उत्कृष्ट शिल्पकारों द्वारा निर्मित माटीकला उत्पादों की भव्य प्रदर्शनी के साथ-साथ माटीकला उद्योग के प्रदर्शन का अवलोकन भी किया गया.
इस मौके पर मंत्री ने अपने सम्बोधन में जनपदों से आये एवं प्रदर्शनी में प्रतिभाग कर रहे शिल्पकारों एवं कारीगरों का स्वागत करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा माटीकला बोर्ड के माध्यम से प्रजापति समाज के व्यक्तियों को मुख्यमंत्री माटीकला रोजगार योजना के माध्यम से प्रदेश में माटीकला से जुड़े कारीगरों एवं शिल्पकारों को बैंकों के माध्यम से वित्तीय सहायता एवं सरकार द्वारा मार्जिन मनी उपलब्ध कराई जा रही है. योजनान्तर्गत शिल्पकारों एवं कारीगरों को व्यवहारिक प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है. इसके अतिरिक्त विद्युत चालित कुम्हारी चाक एवं मूर्तियां बनाने के लिए विभिन्न साइन की डाई का निःशुल्क वितरण कराया जा रहा है. प्रदेश में माइको माटीकला कॉमन फैसेलिटी सेंटर योजनान्तर्गत छोटे-छोटे सामूहिक केंद्र स्थापित कराकर उन्हें सुविधा सम्पन्न कराये जाने की दिशा में सरकार निरन्तर प्रयासरत है. उन्होंने बताया कि 18 एवं 19 अक्टूबर, 2022 को 02 दिवसीय माटीकला कार्यशाला का आयोजन भी बोर्ड के परिसर में किया जा रहा है. मंत्री राकेश सचान ने आम जनता से भी अपील की है कि दीपावली के शुभ अवसर पर इस प्रदर्शनी में अधिक से अधिक लोग आए और शिल्पकारों द्वारा मिट्टी से निर्मित कलात्मक एवं आकर्षक कलाकृतियों की खरीदारी करें और इसका लाभ उठाये.
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इस मौके पर उप्र माटीकला बोर्ड के अध्यक्ष ओम प्रकाश गोला ने बताया कि मेले में विभिन्न जनपदों से आये पराम्परागत कारीगरों द्वारा निर्मित विभिन्न उत्पादों का भव्य प्रदर्शन एवं बिक्री की जा रही है. प्रदर्शनी में लगभग 75 स्टाॅल लगाए गए हैं, जिन्हें कारीगरों को निशुल्क आवंटित किया गया है. इस प्रदर्शनी में माटी कला से सम्बन्धित सभी प्रकार के उत्पाद उपलब्ध हैं. प्रदर्शनी का मुख्य आकर्षण बोर्ड द्वारा वितरित डाई से निर्मित लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति, चुनार की पॉटरी, आजमगढ़ की पॉटरी, गोरखपुर का टेराकोटा की एवं विभिन्न प्रकार के दिये तथा अलग-अलग जनपदों से विभिन्न विधाओं से निर्मित उत्पाद बिक्री के लिए उपलब्ध है.