लखनऊ: जलवायु परिवर्तन सम्मेलन के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य के सभी शहरों से स्ट्रीट लाइट को एलईडी में बदल दिया गया. वहीं सोलर ऊर्जा को भी बढ़ावा दिया गया. इसके चलते राज्य के कार्बन उत्सर्जन में कमी आई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश की सबसे बड़ी आबादी यूपी में रहती है. इसलिए राज्य सरकार की जिम्मेदारी भी ज्यादा है. वहीं पर्यावरण के संतुलन के लिये आम लोगों को भी प्रयास करना होगा. प्रकृति के संरक्षण में कोई भी प्रयास करता है, तो बदले में वह हमें कई गुना लाभ मिलता है.
उन्होंने कहा कि दूषित पर्यावरण बीमारी को बढ़ावा दे रहा है. ऐसे में एनजीटी के आदेशों को राज्य में कड़ाई से लागू किया गया. गांवों को मैला मुक्त करने के लिए शौचालयों का निर्माण जोरों पर है. इसके अलावा हर गांव में आबादी से दूर खाद के लिए गड्ढा बनाये जा रहे हैं. वर्ष 2017 तक यूपी के कई जिले डार्क जोन में चले गए. ऐसे में पॉलिथीन पर पाबंदी, तालाबों को अतिक्रमण मुक्त कर भूजल रिचार्ज को बढ़ावा दिया गया. बड़ी संख्या में पौधरोपण किया गया. गरीबों को मिलने वाले आवासों में सहजन का पेड़ और 100 साल की उम्र वाले पेड़ों को संरक्षण किया जा रहा है. इसके अलावा नमामि गंगे योजना से गंगा प्रदूषण मुक्त हुई.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अब कानपुर आदि में गंगा स्नान करने से त्वचा पर चकत्ते नहीं पड़ते हैं. वहीं वाराणसी में गंगा में डॉल्फिन दिखने लगीं. गंगा के तटवर्ती इलाके में पौधे व ऑर्गेनिक खेती करने वाले किसानों को सरकार प्रोत्साहन राशि दी जा रही है. साढ़े सोलह लाख स्ट्रीट लाइट एलईडी में तब्दील की गईं. इससे बिजली की बचत हुई. चार करोड़ एलईडी बल्ब वितरित किए गए. इससे कार्बन उत्सर्जन में काफी कमी आयी है. उज्ज्वला योजना भी पर्यावरण की दिशा में बड़ा कदम है. स्वच्छ भारत मिशन और जल जीवन मिशन से इंसेफलाइटिस जैसी बीमारी पर नियंत्रित पाया गया.
मुख्यमंत्री ने कार्बन न्यूट्रल मोबाइल ऐप लांच किया. इसके जरिए व्यक्तिगत कार्बन उत्सर्जन का आंकलन किया जा सकेगा. वहीं दिसम्बर तक 50 हजार गांवों में जल जीवन मिशन के जरिये शुद्ध पेय जल पहुंचाया जाएगा. सीएम ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कई जिलों में पर्यावरण रैली को हरी झंडी दिखाई. बाघ संरक्षण की दिशा में दुधवा को मिले अंतरराष्ट्रीय अवॉर्ड को सौंपा गया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वन्य जीवों और मानव के टकराव को रोका गया. तस्करी पर पाबंदी लगी. राज्य में ईको टूरिस्ट को बढ़ावा दिया जा रहा है. चंबल, सोनभद्र, गोरखपुर का तराई इलाके इसके उदारहरण हैं. प्रकृति के करीब रहने से इम्युनिटी बढ़ती है. यही कारण है, देश के लोगों की इम्युनिटी बेहतर है. अमेरिका से भारत में चार गुना ज्यादा आबादी है. वहीं देश में कोरोना से अमेरिका से कम मौत होने का एक कारण यह भी है.
केंद्रीय जलवायु एवं पर्यावरण राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि भारत हमेशा प्राकृतिक संपदा के संरक्षण पर जोर देता रहा है. यहां के नागरिकों की सांस्कृति में यह शामिल है. प्राकृति के दोहन में देश का कभी विश्वास नहीं रहा. सरकार विकास के साथ-साथ पर्यावरण के संरक्षण व संवर्धन पर फोकस कर रही है. पीएम के संयुक्तराष्ट्र में किए गए वादे के अनुसार पर्यावरण को संवारने के लिए 17 योजनाओं के जरिये लक्ष्यों पर फोकस किया जा रहा है. इसमें एलईडी बल्व, उज्ज्वला योजना, ग्रीन एनर्जी, स्वच्छता अभियान, नमामि गंगे समेत कई योजनाओं का सार्थक असर पर्यावरण पर दिख रहा है. दुधवा व पीलीभीत टाइगर रिजर्व को केंद्र सरकार ने 43 करोड़ का बजट दिया.
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यूपी के जलवायु एवं पर्यावरण मंत्री दारा सिंह चौहान ने कहा कि दुनिया जलवायु परिवर्तन को लेकर चिंतित है. वहीं राज्य में विकास के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण को लेकर तेजी से कम किया जा रहा है. यूपी में 100 कोरोड़ रिकॉर्ड पौध रोपण किया गया. यह काम गिनीज बुक में दर्ज कराने के लिए नहीं, बल्कि दुनिया को बचाने के लिए किया गया. यही नहीं नदियों को प्रदूषण मुक्त बनाने, कार्बन उत्सर्जन को न्यूनतम करने की दिशा में भी प्रयास किए जा रहे हैं. राज्य आने वाले समय में सोलर पॉवर की ओर बढ़ेगा. साथ ही 10 शहरों में 500 जगह चार्जिंग स्टेशन बनाकर इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दिया जाएगा.
एनजीटी के चेयरमैन न्यायमूर्ति आदर्श गोयल के मुताबिक जलवायु परिवर्तन बहुत जटिल विषय है. मगर, इसका समाधान निकालना भी नितांत आवश्यक है. कार्बन उत्सर्जन को न्यूनतम लाने पर काम किया जाए. यूपी में 100 करोड़ पेड़ लगाना सराहनीय पहल है. वैश्विक ताप वृद्धि में भारत का योगदान सिर्फ तीन फीसदी है. वहीं प्रति व्यक्ति कार्बन उत्सर्जन 1.9 फीसदी है. यह न्यूनतम है. मगर, बढ़ते वैश्विक ताप से भारत प्रभावित ज्यादा हो रहा है. बढ़ती जनसंख्या के नियंत्रण पर बेहतर नीति बने. बिना जनसंख्या कंट्रोल के कोई भी प्लान सौ फीसदी सफल नहीं होगा. इससे भूमि, जल, जंगल सब सिमट रहा है. कार्यक्रम में ग्रामीण अभियंत्रण सेवा मंत्री बृजेश पाठक व मुख्य सचिव राजेन्द्र तिवारी आदि मौजूद रहे.