लखनऊ : उत्तराखंड में आय से अधिक संपत्ति की जांच में आईएएस अधिकारी रामविलास यादव को गिरफ्तार किया गया है. रामविलास यादव पर आरोप लगा है कि लखनऊ विकास प्राधिकरण में रहते हुए मुख्तार अंसारी के लिए काम किया करते थे. उनके खिलाफ जांच रिपोर्ट एलडीए की ओर से शासन को भेजी गई है. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि मुख्तार अंसारी परिवार के अवैध निर्माण के नक्शे रामविलास यादव के रहते पास हुए थे. इसके अलावा लखनऊ विकास प्राधिकरण को कई जगह रामविलास यादव की अवैध संपत्तियों की जानकारी हुई है.
माफिया मुख्तार अंसारी और उसके परिवार के नाम सरकारी जमीन को दर्ज करने में सहयोगी दो पीसीएस अफसरों के नामों का खुलासा हुआ था. दोनों ही 2007 में नजूल भूमि का टुकड़ा मुख्तार अंसारी के परिवार के नाम करने में फंसते हुए नजर आ रहे हैं. इन दोनों अफसरों की कलम से डालीबाग की नजूल भूमि की अनापत्ति मुख्तार अंसारी की भाभी सांसद अफजाल अंसारी की पत्नी फरहत अंसारी को दी गई थी. इस मामले में इन दोनों अफसरों के नाम भी अब पुलिस फाइल में दर्ज किए गए हैं.
इस संबंध में गृह विभाग ने पूरी रिपोर्ट एलडीए से तलब की थी. जिसमें मुख्य रूप से डालीबाग से जुड़े भवनों के नक्शे शामिल किए गए हैं. प्रशासन का दावा है कि ये भवन सरकारी जमीन पर बनाए गए हैं और इनके नक्शे एलडीए के अफसरों और कर्मचारियों ने गलत तरीके से पास किए थे, इसलिए इन अफसरों, कर्मचारियों, अभियंताओं पर पुलिसिया कार्रवाई करते हुए उनको कानूनी शिकंजे में लिया जाएगा. करीब 10 साल तक प्राधिकरण के इन इलाकों में काम देखने वाले अभियंताओं और अधिकारियों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है.
इस संबंध में गृह विभाग के विशेष सचिव आरपी सिंह ने कमिश्नर लखनऊ मंडल रंजन कुमार को पत्र लिख कर पूरी रिपोर्ट तलब की थी. कमिश्नर की ओर से ये पत्र प्राधिकरण को भेजा गया था. इस पत्र में राबिया बेगम जो कि माफिया मुख्तार अंसारी की मां हैं उनके नाम भवन भूखंड संख्या 93 भाग, 21-188 व 93 राजा राममोहन राय डालीबाग, तिलक मार्ग, बटलरगंज के पास किए गए भवन निर्माण को अवैध बताया गया है. इसके अलावा सांसद अफजाल अंसारी की पत्नी फरहत अंसारी के नाम दर्ज भूखंड संख्या 14 बी 7 डालीबाग के मानचित्र को पास किए जाने के जिम्मेदारों को तलाशने के लिए पत्र लिखा है. इस भवन के मानचित्र को प्राधिकरण ने निरस्त भी कर दिया था.
नजूल विभाग ने ये एनओसी 2007 में जारी की थी, जिसके आधार पर नक्शे की कंपाउंडिंग कर दी गई. उस वक्त प्राधिकरण के नजूल अधिकारी नंदलाल थे. उन्होंने ये एनओसी जारी की थी, जबकि सचिव रामविलास यादव थे जिन्होंने इस पर अपनी मुहर लगाई थी. इन दोनों के अलावा अभियंताओं सहित आठ लोगों के नाम गृह विभाग में भेजे गए हैं.
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लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अक्षय कुमार त्रिपाठी ने बताया कि जो भी जानकारियां उच्च स्तर पर मांगी गई हैं वह दी जा रही हैं. इसके अलावा एलडीए के स्तर से जो कार्रवाई की जानी है वह भी की जाएगी.
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