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Lucknow University : प्रो. ध्रुव सेन सिंह को मिला राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार, जानिए कैसे दुनियाभर में यूपी का नाम किया रोशन - ग्लोबल वार्मिंग

लखनऊ विश्वविद्यालय के भू विज्ञान विभाग के वरिष्ठ शिक्षक प्रोफेसर ध्रुव सेन सिंह को राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार 2019 से नवाजा गया है. यह भारत सरकार द्वारा भू विज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार है.

प्रो. ध्रुव सेन सिंह
प्रो. ध्रुव सेन सिंह
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Published : Jun 30, 2022, 7:37 PM IST

लखनऊ : लखनऊ विश्वविद्यालय के भू विज्ञान विभाग के वरिष्ठ शिक्षक प्रोफेसर ध्रुव सेन सिंह को राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार 2019 से नवाजा गया है. इस पुरस्कार की घोषणा गुरुवार को की गई. यह भारत सरकार के द्वारा भू विज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार है. प्रो. ध्रुव सेन सिंह ने इसे भू-पर्यावरण अध्ययन के लिए पुरापर्यावरण, जलवायु परिवर्तन और मानसून परिवर्तन शीलता के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया गया है. प्रोफेसर सिंह ने नदियों, ग्लेशियरों और झीलों का विशेष अध्ययन किया है.

गंगोत्री पर विशेष अध्ययन : प्रो. सिंह ने भारत में हिमालय, गंगा के मैदान में, आर्कटिक में भी हिमनदों, नदी और झीलों का क्रमवार अध्ययन करके पुरापर्यावरण का विश्लेषण किया है. प्रो. सिंह ने अपने अध्ययनों में यह वर्णन किया है कि गंगोत्री ग्लेशियर के तेजी से पीछे हटने का कारण इसकी अपनी विशिष्ट विशेषताएं हैं और केवल ग्लोबल वार्मिंग ही इसके लिये जिम्मेदार नहीं है. इसके अतिरिक्त गंगोत्री ग्लेशियर के पीछे हटने की दर लगातार घट रही है जो 1970 में 38 मीटर प्रति वर्ष से 2022 में 10 मीटर प्रति वर्ष हो गई है जो ग्लोबल वार्मिंग के अनुसार नहीं है.


केदारनाथ त्रासदी पर विशेष काम : प्रो. सिंह ने अपने अध्ययनो में केदारनाथ त्रासदी के कारण और निवारण की भी विवेचना की है. प्रो. सिंह ने झीलों का विश्लेषण किया है. प्रो. सिंह ने एक छोटी नदी बेसिन छोटी गंडक का संपूर्ण भूवैज्ञानिक विश्लेषण किया है. प्रो. सिंह ने "भारतीय नदियों : वैज्ञानिक और सामाजिक-आर्थिक पहलुओं " को स्प्रिंगर द्वारा 2018 में संपादित किया है. जो 26000 से ज्यादे बार download किया गया है. जिसमें भारत की सभी प्रमुख नदियों पर 37 अध्याय शामिल हैं.
ये भी पढ़ें : अदालतों में लंबित मुकदमों को लेकर चीफ सेक्रेटरी सख्त, बनाई ये नई व्यवस्था

आर्कटिक अभियान दल के सदस्य रहे : प्रो. ध्रुव सेन सिंह, भारत के प्रथम एवं द्वितीय आर्कटिक (उत्तरी ध्रुव क्षेत्र) अभियान दल 2007, 2008 के सदस्य रह चुके हैं. उन्हें विज्ञानरत्न, शिक्षक श्री, सरस्वती सम्मान से उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सम्मानित किया गया है.

लखनऊ : लखनऊ विश्वविद्यालय के भू विज्ञान विभाग के वरिष्ठ शिक्षक प्रोफेसर ध्रुव सेन सिंह को राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार 2019 से नवाजा गया है. इस पुरस्कार की घोषणा गुरुवार को की गई. यह भारत सरकार के द्वारा भू विज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार है. प्रो. ध्रुव सेन सिंह ने इसे भू-पर्यावरण अध्ययन के लिए पुरापर्यावरण, जलवायु परिवर्तन और मानसून परिवर्तन शीलता के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया गया है. प्रोफेसर सिंह ने नदियों, ग्लेशियरों और झीलों का विशेष अध्ययन किया है.

गंगोत्री पर विशेष अध्ययन : प्रो. सिंह ने भारत में हिमालय, गंगा के मैदान में, आर्कटिक में भी हिमनदों, नदी और झीलों का क्रमवार अध्ययन करके पुरापर्यावरण का विश्लेषण किया है. प्रो. सिंह ने अपने अध्ययनों में यह वर्णन किया है कि गंगोत्री ग्लेशियर के तेजी से पीछे हटने का कारण इसकी अपनी विशिष्ट विशेषताएं हैं और केवल ग्लोबल वार्मिंग ही इसके लिये जिम्मेदार नहीं है. इसके अतिरिक्त गंगोत्री ग्लेशियर के पीछे हटने की दर लगातार घट रही है जो 1970 में 38 मीटर प्रति वर्ष से 2022 में 10 मीटर प्रति वर्ष हो गई है जो ग्लोबल वार्मिंग के अनुसार नहीं है.


केदारनाथ त्रासदी पर विशेष काम : प्रो. सिंह ने अपने अध्ययनो में केदारनाथ त्रासदी के कारण और निवारण की भी विवेचना की है. प्रो. सिंह ने झीलों का विश्लेषण किया है. प्रो. सिंह ने एक छोटी नदी बेसिन छोटी गंडक का संपूर्ण भूवैज्ञानिक विश्लेषण किया है. प्रो. सिंह ने "भारतीय नदियों : वैज्ञानिक और सामाजिक-आर्थिक पहलुओं " को स्प्रिंगर द्वारा 2018 में संपादित किया है. जो 26000 से ज्यादे बार download किया गया है. जिसमें भारत की सभी प्रमुख नदियों पर 37 अध्याय शामिल हैं.
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आर्कटिक अभियान दल के सदस्य रहे : प्रो. ध्रुव सेन सिंह, भारत के प्रथम एवं द्वितीय आर्कटिक (उत्तरी ध्रुव क्षेत्र) अभियान दल 2007, 2008 के सदस्य रह चुके हैं. उन्हें विज्ञानरत्न, शिक्षक श्री, सरस्वती सम्मान से उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सम्मानित किया गया है.

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