लखनऊ : उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस का नया ब्राह्मण चेहरा बने नकुल दुबे ने राजधानी की टीले वाली मस्जिद से लेकर ज्ञानवापी तक के मामले को लेकर बड़ा बयान जारी किया. ETV Bharat से खास बातचीत के दौरान उन्होंने मंदिर-मस्जिद को आस्था का केंद्र बताया. कहा कि इन मुद्दों पर राजनीति नहीं होनी चाहिए.
बसपा से निकाले जाने के कारणों पर पूछे गए सवाल के जवाब में नकुल दुबे ने कहा कि उन्हें अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाते हुए पार्टी से निकाला गया. उन्होंने कहा कि उन्होंने खुद कांग्रेस को चुना है. देश और समाज के मौजूदा हालातों को देखते हुए एकमात्र विकल्प कांग्रेस ही है.
सतीश जी हैं मेरे मार्गदर्शक : नकुल दुबे ने कहा कि सतीश चंद्र मिश्रा मेरे मार्गदर्शक हैं और मैं जो भी हूं, उन्हीं के कारण हूं. उनका मार्गदर्शन और स्नेह हमेशा मिलता है. नकुल दुबे ने कहा कि उत्तर प्रदेश ही नहीं देश भर में कांग्रेस पार्टी ही एक विकल्प है. पार्टी ने कभी जीतने के लिए राजनीति नहीं की. जिन लोगों को सिर्फ राज्यसभा और लोकसभा तक जाना था, वह दूसरे दलों के माध्यम से भी पहुंचने की जुगाड़ में लगे रहे.
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पार्टी जो भी जिम्मेदारी दे, उसके लिए तैयार : कांग्रेस में जिम्मेदारियों को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में नकुल दुबे ने कहा कि वह इस पार्टी में काम करने के लिए हैं. पार्टी में क्या जिम्मेदारी मिलेगी यह तय करना पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का काम है. जो भी काम मिलेगा, उसको शिद्दत और लगन के साथ करना मेरी जिम्मेदारी है.
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