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मंत्री मोहसिन रजा कोर्ट में हुए हाजिर, हिरासत में लेने के बाद गिरफ्तारी वारंट हुआ निरस्त

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Published : Mar 4, 2022, 9:53 PM IST

अपने खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट को निरस्त कराने के लिए शुक्रवार को योगी सरकार के मंत्री अरशद उर्फ मोहसिन रजा एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अम्बरीश कुमार श्रीवास्तव की अदालत में अपने अधिवक्ता के साथ हाजिर हुए.

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मंत्री मोहसिन रजा कोर्ट में हुए हाजिर

लखनऊः योगी सरकार के मंत्री अरशद उर्फ मोहसिन रज़ा एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अम्बरीश कुमार श्रीवास्तव की अदालत में अपने अधिवक्ता के साथ हाजिर हुए. अदालत ने उन्हें बीस हजार रुपये का व्यक्तिगत बंध पत्र दाखिल करने का आदेश दिया है. बंध पत्र दाखिल करने के बाद उनके खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट को निरस्त कर दिया है.

मारपीट संबंधित 32 साल पुराना ये मामला पिछले 3 मार्च को सुनवाई के लिए कोर्ट में सूचीबद्ध था. इस दिन बचाव पक्ष को अपना साक्ष्य देना था. लेकिन मोहसिन रजा न तो व्यक्तिगत रूप से हाजिर हुए और न ही अपनी ओर से बचाव साक्ष्य प्रस्तुत किया. हालांकि उनकी ओर से हाजिरी माफी और स्थगन प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया था. लेकिन अदालत ने प्रार्थना पत्र को निरस्त करते हुए गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया था.

शुक्रवार को सुनवाई के समय अदालत के सामने मोहसिन रजा के अधिवक्ता मनीष त्रिपाठी का अनुरोध था कि वो जानबूझकर न्यायालय में गैर हाजिर नहीं हुए थे. बल्कि उनका स्वास्थ्य खराब था. अदालत ने पहले अभियुक्त मोहसिन रजा को हिरासत में लेने का आदेश दिया है. इसके बाद में कोर्ट के आदेशानुसार बीस हजार रुपये का व्यक्तिगत बंध पत्र दाखिल करने पर रिहा कर दिया.

इसे भी पढ़े- माफिया मुख्तार के बेटे अब्बास अंसारी पर इलेक्शन कमीशन ने लगाया 24 घंटे का प्रतिबंध

पत्रावली के अनुसार मारपीट के इस मामले की रिपोर्ट वादी लल्लन ने 19 मई 1989 को आरोपी अरशद उर्फ मोहसिन रजा और अकबर हुसैन के खिलाफ थाना वजीरगंज में लिखाई थी. एफआईआर में कहा गया है कि वादी घटना के दिन ट्रक संख्या यूटीसी-9810 को लेकर नबीउल्लाह रोड से बड़े छत्ते पुल की तरफ जा रहा था. तभी दोनों आरोपियों ने उसे ट्रक से खींचकर मारा पीटा. जिससे उसे काफी चोटें आई थीं.

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लखनऊः योगी सरकार के मंत्री अरशद उर्फ मोहसिन रज़ा एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अम्बरीश कुमार श्रीवास्तव की अदालत में अपने अधिवक्ता के साथ हाजिर हुए. अदालत ने उन्हें बीस हजार रुपये का व्यक्तिगत बंध पत्र दाखिल करने का आदेश दिया है. बंध पत्र दाखिल करने के बाद उनके खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट को निरस्त कर दिया है.

मारपीट संबंधित 32 साल पुराना ये मामला पिछले 3 मार्च को सुनवाई के लिए कोर्ट में सूचीबद्ध था. इस दिन बचाव पक्ष को अपना साक्ष्य देना था. लेकिन मोहसिन रजा न तो व्यक्तिगत रूप से हाजिर हुए और न ही अपनी ओर से बचाव साक्ष्य प्रस्तुत किया. हालांकि उनकी ओर से हाजिरी माफी और स्थगन प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया था. लेकिन अदालत ने प्रार्थना पत्र को निरस्त करते हुए गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया था.

शुक्रवार को सुनवाई के समय अदालत के सामने मोहसिन रजा के अधिवक्ता मनीष त्रिपाठी का अनुरोध था कि वो जानबूझकर न्यायालय में गैर हाजिर नहीं हुए थे. बल्कि उनका स्वास्थ्य खराब था. अदालत ने पहले अभियुक्त मोहसिन रजा को हिरासत में लेने का आदेश दिया है. इसके बाद में कोर्ट के आदेशानुसार बीस हजार रुपये का व्यक्तिगत बंध पत्र दाखिल करने पर रिहा कर दिया.

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पत्रावली के अनुसार मारपीट के इस मामले की रिपोर्ट वादी लल्लन ने 19 मई 1989 को आरोपी अरशद उर्फ मोहसिन रजा और अकबर हुसैन के खिलाफ थाना वजीरगंज में लिखाई थी. एफआईआर में कहा गया है कि वादी घटना के दिन ट्रक संख्या यूटीसी-9810 को लेकर नबीउल्लाह रोड से बड़े छत्ते पुल की तरफ जा रहा था. तभी दोनों आरोपियों ने उसे ट्रक से खींचकर मारा पीटा. जिससे उसे काफी चोटें आई थीं.

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