लखनऊ : वैकल्पिक ऊर्जा विधि एवं न्याय मंत्री ब्रजेश पाठक ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपने विभाग की उपलब्धियां गिनाईं. ब्रजेश पाठक ने कहा कि जल्द यूपी विधानभवन सोलर एनर्जी पर निर्भर होगा. बृजेश पाठक ने कहा कि कोई उद्यमी सोलर एनर्जी उत्पादन करके दूसरे राज्यों में अगर बिजली बेचना चाहता है तो उसे छूट दी जाएगी. अगर वह अपने ही राज्य में बेचना चाहता है तो उसे 50 प्रतिशत की छूट दी जाएगी.
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कैबिनेट मंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने अतिरिक्त ऊर्जा के संबंध में कई काम किए हैं. सौर ऊर्जा से विद्युत उत्पादन में निजी भागीदारी को बढ़ावा एवं निजी निवेश को आकर्षित किए जाने के उद्देश्य से सौर ऊर्जा नीति 2017 घोषित की गई है. इस नीति के अंतर्गत वर्ष 2022 तक 10,700 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा विद्युत उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
ग्रामीण क्षेत्रों में सौर ऊर्जा से पहुंची बिजली
मंत्री बृजेश पाठक ने बताया कि सौभाग्य योजना के तहत प्रदेश में दूरस्थ ग्रामीण इलाके जिनका विद्युतीकरण पारंपरिक ग्रिड लाइन से किया जाना संभव नहीं था. उनको सोलर पावर पैक संयंत्रों के माध्यम से बिजली दी गई है. योजना के तहत 2,197 मजरों में 27,410 घरों को सोलर ऊर्जा के माध्यम से बिजली उपलब्ध कराई गई है. बृजेश पाठक ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न विकास खंडों के मुख्य ग्रामीण बाजारों में सामुदायिक प्रकाश व्यवस्था के सिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय सोलर स्ट्रीट लाइट योजना चलाई गई. योजना के अंतर्गत 17,000 सोलर स्ट्रीट लाइट संयंत्र की स्थापना की गई.
विद्यालयों में आयोजित की गई सोलर ऊर्जा पर संगोष्ठी
बृजेश पाठक ने बताया कि प्रदेश के 1,050 प्राथमिक विद्यालयों में बिजली और आरो समेत कई अन्य सामान उपलब्ध कराए गए हैं. 200 से अधिक स्कूलों में सोलर ऊर्जा पर संगोष्ठी कराई गई. 39 निवेशकर्ता को सोलर ऊर्जा पावर प्लांट की अनुमति प्रदान की गई. इसमें बुन्देलखण्ड और पूर्वांचल को प्राथमिकता दी गई है.
इन क्षेत्रों में वैकल्पिक ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए विभाग ने काम किया है. जल्द ही यूपी विधानभवन पूरी तरह से सोलर ऊर्जा पर निर्भरहोगा. इसके लिए विधानसभा प्रशासन से आग्रह किया गया है, क्योंकि सुरक्षा कारणों से अनुमित लेना जरूरी होता है. अनुमति मिलने पर विधानभवन में सोलर एनर्जी का प्लांट लगा दिया जाएगा.
प्रचार पर खर्च हुए दो करोड़ रुपये
कैबिनेट मंत्री बृजेश पाठक ने बताया कि वैकल्पिक ऊर्जा विधि के प्रचार-प्रसार के लिए दो करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. ऊर्जा संरक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत ईंट-भट्टों और कारपेट उद्योगों को इस विषय पर वर्कशॉप एवं एनर्जी एफिशिएंसी पर प्रशिक्षण देने का आयोजन किया गया.
उत्तर प्रदेश सचिवालय को एनर्जी कंजर्वेशन मॉडल के रूप में विकसित किए जाने के लिए ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी भारत सरकार के माध्यम से वित्तीय सहयोग प्रदान किया गया. सूर्य मित्र प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत 800 से अधिक सूर्य मित्रों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया. ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर के लिए 4,000 करोड़ का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है, जो बुलदेलखण्ड में बनाया जाएगा.
सोलर ऊर्जा के उपयोग से स्वच्छ रहेगा वातावरण
मंत्री ब्रजेश पाठक ने बताया कि अतिरिक्त ऊर्जा जब तक मुख्य ऊर्जा के रूप में नहीं आएगी तब तक हम नहीं रुकेंगे. उन्होंने कहा कि अतिरिक्त ऊर्जा से जब बिजली बनाई जाती है तो हमें लगता है कि हम अपने बच्चों के लिए काम कर रहे हैं. इससे हम बच्चों को साफ वातावरण दे सकते हैं. वहीं प्रेस-कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रमुख सचिव ऊर्जा आलोक कुमार समेत विभाग के अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे.